देहरादून। उत्तराखंड में आपदा प्रबंधन को लेकर सरकार अब ज्यादा सतर्क हो गई है। राज्य के अस्पतालों के डिजास्टर मैनेजमेंट प्लान की समीक्षा करते हुए मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने सभी अस्पतालों को एक माह के भीतर अपना डिजास्टर मैनेजमेंट प्लान प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने आपदा के दौरान प्रभावी चिकित्सा सेवाएं सुनिश्चित करने के लिए यह कदम उठाने को कहा है।
अस्पतालों में आपदा प्रबंधन की समीक्षा
मुख्य सचिव ने सभी जिला अस्पतालों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों (सीएमओ) को निर्देश दिए कि वे अपनी आपदा प्रबंधन रणनीति और वर्किंग प्लान पर बैठक कर स्वास्थ्य विभाग को इस संबंध में जागरूक करें। इसके अलावा, उन्होंने स्वास्थ्य महानिदेशक के कार्यालय में आपदा प्रबंधन के लिए एक नोडल अधिकारी की तत्काल नियुक्ति के निर्देश भी दिए हैं।
मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन शुक्रवार को उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (यूएसडीएमए) के आईटी पार्क स्थित कार्यालय में प्राधिकरण की गतिविधियों की समीक्षा कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने राज्य में आपदा प्रबंधन से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत चर्चा की और कई महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए।
भूकंप संवेदी राज्य में माॅक ड्रिल अनिवार्य
उत्तराखंड एक भूकंप संवेदी राज्य है और इसको ध्यान में रखते हुए मुख्य सचिव ने आपदा प्रबंधन विभाग को नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (एनडीएमए) के सहयोग से शीघ्र ही भूकंप से संबंधित मॉक ड्रिल आयोजित करने के निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि यह मॉक ड्रिल केवल राज्य स्तर पर नहीं बल्कि सभी जिला मुख्यालयों में भी आयोजित की जानी चाहिए ताकि आम जनता और सरकारी संस्थान किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहें।
शिक्षण संस्थानों में अनिवार्य आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण
आपदा संवेदी राज्य होने के कारण स्कूलों और कॉलेजों में भी आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण अत्यंत आवश्यक है। इसे ध्यान में रखते हुए मुख्य सचिव ने आपदा प्रबंधन विभाग को निर्देश दिए कि वह विद्यालयी शिक्षा विभाग और उच्च शिक्षा विभाग के साथ समन्वय कर सभी सरकारी और निजी स्कूल-कॉलेजों में प्रत्येक तिमाही में एक दिन आपदा प्रबंधन पर विशेष कार्यक्रम आयोजित करे। उन्होंने खास तौर पर भूकंप से संबंधित मॉक ड्रिल को अनिवार्य करने पर जोर दिया।
चारधाम यात्रा मार्ग पर रियल-टाइम वार्निंग सिस्टम
उत्तराखंड में हर साल लाखों श्रद्धालु चारधाम यात्रा पर आते हैं। यात्रा मार्गों पर भूस्खलन जैसी आपदाएं एक गंभीर चिंता का विषय हैं। इसको लेकर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने यात्रा मार्गों पर रियल-टाइम वार्निंग सिस्टम लगाने के निर्देश दिए हैं। इससे किसी भी संभावित आपदा की सूचना समय रहते मिल सकेगी और आवश्यक सुरक्षा उपाय किए जा सकेंगे।
निर्माण कार्यों में सख्ती से नियमों का पालन अनिवार्य
मुख्य सचिव ने बैठक में कहा कि राज्य में सभी निर्माण कार्यों में आपदा प्रबंधन के मानकों का सख्ती से पालन होना चाहिए। उन्होंने आपदा प्रबंधन विभाग को निर्देश दिए कि वे भवन निर्माण से जुड़े दिशा-निर्देशों के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए उचित कदम उठाएं। उन्होंने विशेष रूप से पहाड़ी क्षेत्रों में किए जा रहे अवैज्ञानिक निर्माण कार्यों को रोकने और सुरक्षित भवन निर्माण की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा।
बैठक में मौजूद अधिकारी और विशेषज्ञ
इस महत्वपूर्ण बैठक में आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव एवं अपर सचिव, उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अधिकारी और विभिन्न विशेषज्ञ भी उपस्थित थे। उन्होंने राज्य में आपदा प्रबंधन को मजबूत बनाने के लिए कई सुझाव दिए।
उत्तराखंड में आपदाओं की संभावनाओं को देखते हुए सरकार की यह पहल अत्यंत महत्वपूर्ण है। मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन द्वारा दिए गए निर्देशों से स्पष्ट है कि राज्य सरकार आपदा प्रबंधन को लेकर गंभीर है और इसमें किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरती जाएगी। आपदा से निपटने की तैयारी जितनी मजबूत होगी, जनहानि और संपत्ति के नुकसान को उतना ही कम किया जा सकेगा।