एकल शिक्षा अभियान: ग्रामीण शिक्षा को नई दिशा
चकराता में आचार्य प्रशिक्षण वर्ग का भव्य समापन, महिलाओं को शिक्षा के लिए किया गया प्रेरित
चकराता। शिक्षा के क्षेत्र में एकल अभियान एक नई क्रांति ला रहा है। उत्तराखंड के सुदूरवर्ती गांवों में शिक्षा के प्रचार-प्रसार हेतु एकल शिक्षा अभियान के अंतर्गत दस दिवसीय आचार्य प्राथमिक प्रशिक्षण वर्ग का समापन समारोह सरस्वती शिशु मंदिर, माख्टी पोखरी में संपन्न हुआ।
समारोह की मुख्य अतिथि स्पर्श हिमालय फाउंडेशन एवं सनराइज एकेडमी की अध्यक्ष विदुषी निशंक ने कहा कि भारत शिक्षा लोक परिषद देशभर में सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को प्रशिक्षित कर उन्हें शिक्षा के क्षेत्र में सशक्त बना रहा है। उन्होंने कहा, “हमें अपनी सनातन संस्कृति पर गर्व होना चाहिए। इस अभियान के माध्यम से न केवल हमारी संस्कृति संरक्षित हो रही है, बल्कि वैज्ञानिक चेतना का भी विकास हो रहा है, जिससे भारत को पुनः विश्वगुरु बनने में सहायता मिलेगी।”
शिक्षा और विज्ञान का समन्वय
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि एवं उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यू-कॉस्ट) के जनसंपर्क प्रबंधक अमित पोखरियाल ने वैज्ञानिक सोच के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि शिक्षा के साथ विज्ञान के समावेश से समाज में जागरूकता बढ़ती है और ग्रामीण विकास को नई गति मिलती है।
वहीं, सनराइज एकेडमी की प्रबंध निदेशक एवं मंथन वेलफेयर सोसाइटी की सचिव पूजा पोखरियाल ने कहा कि शिक्षा केवल साक्षरता नहीं, बल्कि जीवन को दिशा देने का माध्यम है। उन्होंने ग्रामीण महिलाओं को प्रेरित करते हुए कहा कि वे शिक्षा के माध्यम से आत्मनिर्भर बन सकती हैं और अपने बच्चों को भी बेहतर भविष्य दे सकती हैं।
महिला शिक्षकों का सशक्तिकरण
इस प्रशिक्षण वर्ग में चकराता, सहिया और कोटि कनासर से कुल 30 महिला आचार्यों ने भाग लिया। इनमें से प्रत्येक महिला अपने गांव में शिक्षण केंद्रों का संचालन करेगी और बच्चों को संस्कारों, बौद्धिक व शारीरिक शिक्षा से जोड़ेगी।
एकल अभियान के संच प्रभारी कुंदन सिंह चौहान ने बताया कि एकल विद्यालय अभियान का उद्देश्य उन बच्चों तक शिक्षा पहुंचाना है, जिनके माता-पिता आर्थिक रूप से उन्हें बड़े स्कूलों में पढ़ाने में असमर्थ हैं। इस अभियान के तहत न केवल शिक्षा, बल्कि कृषि, स्वास्थ्य जागरूकता, जैविक खेती और ग्रामोत्थान शिक्षा की भी जानकारी दी जाती है।
उन्होंने बताया कि पूरे देश में 1 लाख से अधिक गांवों में संस्कार केंद्र संचालित किए जा रहे हैं, जहां बच्चों को शिक्षा के साथ नैतिक मूल्यों का भी बोध कराया जाता है।
समापन समारोह में चकराता के गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति
समारोह में प्रमुख रूप से सत्यवीर सिंह चौहान (प्रवक्ता), पूर्व प्रधान रणवीर सिंह चौहान, कार्यक्रम अध्यक्ष अमर सिंह चौहान, एकल अभियान के विशन सिंह (अभियान प्रमुख), महावीर सिंह (शारीरिक प्रमुख) और पिंकी शर्मा (संच प्रमुख, अंचल अट्टाल) सहित चकराता क्षेत्र के अन्य गणमान्य व्यक्ति एवं कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
इस प्रशिक्षण वर्ग ने न केवल चकराता की ग्रामीण महिलाओं को शिक्षा का नया मंच प्रदान किया, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनने की दिशा में एक मजबूत कदम बढ़ाने के लिए प्रेरित भी किया।