चारधाम यात्रा का आगाज 30 अप्रैल से, हेलीकॉप्टर से होगी भव्य पुष्प वर्षा
चारधाम यात्रा इस साल 30 अप्रैल से शुरू होने जा रही है, और इसके साथ ही धामों के कपाट भी श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे। खास बात यह है कि इस बार कपाट खुलने के समय हर धाम में हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा की जाएगी, जिससे यात्रा का आयोजन और भी भव्य और दिव्य बन जाएगा।
चारधाम यात्रा का शुभारंभ अक्षय तृतीया के दिन, यानी 30 अप्रैल को होगा, जब गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोले जाएंगे। इसके बाद केदारनाथ धाम के कपाट 2 मई को और बदरीनाथ धाम के कपाट 4 मई को श्रद्धालुओं के लिए खोले जाएंगे।
भव्य कपाटोत्सव की तैयारी में पर्यटन विभाग
चारधाम यात्रा के आयोजन को और भी यादगार और दिव्य बनाने के लिए उत्तराखंड पर्यटन विभाग ने तैयारियां तेज कर दी हैं। इस बार कपाटोत्सव में विशेष रूप से पुष्प वर्षा का आयोजन किया जा रहा है, जिसे हेलीकॉप्टर से धामों में फैलाया जाएगा। इस कार्यक्रम के तहत, गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ धामों में श्रद्धालुओं का स्वागत फूलों की वर्षा से किया जाएगा।
कपाट खुलने के समय धामों में होगी विशेष पूजा-अर्चना
कपाट खुलने के समय हर धाम में विशेष पूजा-अर्चना की जाएगी और श्रद्धालु अपने श्रद्धा भाव से इन पवित्र स्थलों का दर्शन करेंगे। पर्यटन विभाग के सचिव सचिन कुर्वे ने विभागीय अधिकारियों और उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण को पुष्प वर्षा की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
16 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने किया पंजीकरण
चारधाम यात्रा के लिए अब तक 16.81 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने पंजीकरण कराया है। सबसे अधिक तीर्थयात्री केदारनाथ धाम के लिए पंजीकृत हुए हैं, जिनकी संख्या 5,71,813 है। इसके बाद बदरीनाथ धाम के लिए 5,03,991, गंगोत्री के लिए 3,00,907 और यमुनोत्री के लिए 2,78,085 पंजीकरण हुए हैं। यह दर्शाता है कि श्रद्धालुओं में इस साल चारधाम यात्रा के प्रति उत्साह चरम पर है।
हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा और सुरक्षा इंतजामों में सुधार
चारधाम यात्रा के लिए सरकार ने सुरक्षा और व्यवस्थाओं को लेकर भी खास तैयारियां की हैं। हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा के आयोजन को लेकर अधिकारियों ने उड़ान सुरक्षा और पर्यावरण सुरक्षा को लेकर पुख्ता इंतजाम किए हैं। इस प्रयास से तीर्थयात्रियों का स्वागत और यात्रा की आधिकारिक शुरुआत और भी भव्य और पवित्र रूप में होगी।
चारधाम यात्रा की यह शुरुआत सिर्फ एक धार्मिक यात्रा नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पर्व के रूप में मनाई जाएगी, जो पूरे उत्तराखंड को आकर्षण का केंद्र बनाएगी।