राष्ट्रीय खेलों की सफलता पर हैदराबाद में पेश होगी उत्तराखंड की उपलब्धियां
देहरादून: उत्तराखंड में आयोजित 38वें राष्ट्रीय खेलों की अपार सफलता अब देशभर के अन्य राज्यों के लिए एक उदाहरण बनेगी। उत्तराखंड की इस उपलब्धि को साझा करने के लिए राज्य की खेल मंत्री रेखा आर्या 7 और 8 मार्च को हैदराबाद में आयोजित मंथन शिविर में प्रेजेंटेशन देंगी। इस प्रेजेंटेशन में उत्तराखंड द्वारा राष्ट्रीय खेलों के सफल आयोजन की पूरी प्रक्रिया, उसकी चुनौतियां, नवाचार और उसकी सफलता के प्रमुख बिंदुओं को प्रस्तुत किया जाएगा, ताकि अन्य राज्य भी इससे प्रेरणा लेकर भविष्य में अपने खेल आयोजनों को बेहतर बना सकें।
हैदराबाद में जुटेंगे देशभर के खेल मंत्री और विशेषज्ञ
तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में आयोजित इस मंथन शिविर में केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मंडाविया के अलावा सभी राज्यों के खेल मंत्री, पूर्व ओलंपियन, विभिन्न खेल संघों के अधिकारी और राष्ट्रीय स्तर के कोच शामिल होंगे। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य देश में खेलों के विकास के लिए एक प्रभावी रणनीति तैयार करना और आगामी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए भारतीय खिलाड़ियों को सर्वश्रेष्ठ सुविधाएं उपलब्ध कराना है।
राष्ट्रीय खेलों के सफल आयोजन की रूपरेखा होगी साझा
मंगलवार को देहरादून में खेल मंत्री रेखा आर्या की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की गई, जिसमें हैदराबाद में दिए जाने वाले प्रेजेंटेशन की रूपरेखा को अंतिम रूप दिया गया। खेल मंत्री ने बताया कि उत्तराखंड में आयोजित 38वें राष्ट्रीय खेलों की सफलता के पीछे बेहतर योजना, बुनियादी ढांचे का विस्तार, खिलाड़ियों के लिए उत्कृष्ट सुविधाएं और प्रशासनिक समन्वय की महत्वपूर्ण भूमिका रही। उन्होंने कहा कि यह आयोजन राज्य के लिए गर्व की बात है, और इसकी सफलता को राष्ट्रीय स्तर पर साझा करना आवश्यक है।
2028 ओलंपिक और 2027 राष्ट्रीय खेलों की तैयारियों पर चर्चा
मंथन शिविर के दौरान 2028 में लॉस एंजेलेस में होने वाले ओलंपिक खेलों के लिए देशभर के खिलाड़ियों को तैयार करने की रणनीति पर भी चर्चा होगी। विभिन्न राज्यों के खेल मंत्री और विशेषज्ञ इस बात पर मंथन करेंगे कि भारतीय खिलाड़ी ओलंपिक में अधिकतम पदक जीतने के लिए कैसे तैयार किए जा सकते हैं।
इसके अलावा, खेल मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि उत्तराखंड को 2027 में होने वाले अगले राष्ट्रीय खेलों के लिए अभी से तैयार किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के खिलाड़ियों को आधुनिक सुविधाएं और अंतरराष्ट्रीय स्तर के उपकरण उपलब्ध कराए जाएं, ताकि वे प्रतियोगिता के लिए पूरी तरह तैयार हो सकें। उन्होंने यह भी जोर दिया कि खेलों के विकास के लिए बुनियादी ढांचे में सुधार और खिलाड़ियों के प्रशिक्षण कार्यक्रमों को मजबूत किया जाए।
स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी की दिशा में तेजी से बढ़ेगा कदम
बैठक में खेल मंत्री ने उत्तराखंड में प्रस्तावित स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी की प्रगति की भी समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि यूनिवर्सिटी को जल्द से जल्द यूजीसी और अन्य संस्थाओं से मान्यता दिलाने की प्रक्रिया को तेज किया जाए, ताकि यह संस्थान खेल शिक्षा और प्रशिक्षण का एक प्रमुख केंद्र बन सके।
बैठक में कई अधिकारी रहे मौजूद
इस महत्वपूर्ण बैठक में विशेष खेल सचिव अमित सिन्हा, खेल निदेशक प्रशांत आर्या, महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज के प्रधानाचार्य राजेश ममगाई सहित कई अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। बैठक में खेलों के विकास, खिलाड़ियों की सुविधाओं और भविष्य की योजनाओं को लेकर विस्तृत चर्चा की गई।
उत्तराखंड की इस खेल उपलब्धि और भविष्य की तैयारियों से यह साफ है कि राज्य खेलों को लेकर गंभीरता से कार्य कर रहा है। यह कदम न केवल राज्य बल्कि पूरे देश के खेल विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।