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Wednesday, July 9, 2025
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चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं का सैलाब, अब तक 32 लाख कर चुके दर्शन

चारधाम

चारधाम यात्रा में उमड़ा श्रद्धा का सैलाब: अब तक 32 लाख श्रद्धालुओं ने किए दर्शन, अन्य तीर्थस्थलों की ओर भी बढ़ रही भीड़

उत्तराखंड की दिव्यता और आध्यात्मिक आस्था का केंद्र मानी जाने वाली चारधाम यात्रा इस वर्ष नए आयाम छू रही है। अब तक लगभग 32 लाख तीर्थयात्री चारधाम यात्रा कर चुके हैं, जो श्रद्धालुओं के बीच इस पवित्र यात्रा के प्रति गहरी आस्था और उत्साह को दर्शाता है। यात्रा के इस बढ़ते क्रम का असर अब अन्य प्रमुख मंदिरों और तीर्थस्थलों पर भी दिखाई देने लगा है, जहां तीर्थयात्री लगातार पहुंच रहे हैं। इससे न केवल धार्मिक गतिविधियों में वृद्धि हुई है, बल्कि स्थानीय स्तर पर आर्थिक गतिविधियां भी तेजी से बढ़ी हैं।

अन्य मंदिरों में भी तीर्थयात्रियों की संख्या में रिकॉर्ड बढ़ोतरी

चारधाम के अलावा, राज्य के कई अन्य प्रसिद्ध मंदिरों और धार्मिक स्थलों में भी तीर्थयात्रियों की आवाजाही बढ़ी है। उदाहरणस्वरूप, रुद्रप्रयाग जनपद में स्थित कार्तिक स्वामी मंदिर में इस वर्ष मई महीने तक 57,863 तीर्थयात्री पहुंच चुके थे, जबकि 2021 में यह संख्या मात्र 15,735 थी। वर्ष 2024 तक यह आंकड़ा 2,28,837 तक पहुंच गया, जो एक ऐतिहासिक वृद्धि मानी जा रही है।

इसी तरह, अल्मोड़ा जिले के प्रसिद्ध जागेश्वर धाम में इस वर्ष 15 जून तक 56,423 तीर्थयात्री दर्शन कर चुके थे, जबकि पूरे 2024 में यहां अब तक 2,08,073 श्रद्धालु पहुंच चुके हैं। इन आँकड़ों से यह स्पष्ट है कि श्रद्धालु अब केवल चारधाम तक सीमित नहीं हैं, बल्कि वे राज्य के अन्य ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों की ओर भी रुख कर रहे हैं।

पंजीकरण की संख्या 44 लाख पार

चारधाम यात्रा के लिए इस वर्ष पंजीकरण की संख्या में भी जबरदस्त इजाफा देखने को मिला है। पर्यटन विभाग के अनुसार अब तक कुल 44 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों का पंजीकरण हो चुका है। धामवार पंजीकरण आंकड़े इस प्रकार हैं:

  • यमुनोत्री धाम – 7,13,456

  • गंगोत्री धाम – 7,80,554

  • केदारनाथ धाम – 14,43,513

  • बदरीनाथ धाम – 13,36,923

  • हेमकुंड साहिब – 1,69,180

इनमें से अब तक करीब 32 लाख तीर्थयात्री अपनी यात्रा पूरी कर चुके हैं, जो राज्य के तीर्थाटन की सफलता और व्यवस्था की क्षमता को दर्शाता है।

आर्थिक गतिविधियों को मिली रफ्तार

तीर्थयात्रियों की इस भारी आमद का सकारात्मक असर राज्य की स्थानीय अर्थव्यवस्था पर भी पड़ा है। चारधाम यात्रा मार्ग पर होटलों, रेस्टोरेंट्स, टैक्सी सेवाओं, गाइड्स और स्थानीय विक्रेताओं की आय में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। अब जब श्रद्धालु अन्य मंदिरों जैसे कि तुंगनाथ, नीलकंठ महादेव, कैलाश मानसरोवर मार्ग, जौलजीबी, और काली मंदिर आदि स्थलों की ओर भी जा रहे हैं, तो उन क्षेत्रों में भी व्यापारिक गतिविधियाँ तेज़ हुई हैं।

सरकार का ध्यान प्रचार-प्रसार और संतुलित विकास पर

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बार-बार इस बात पर जोर दिया है कि चारधाम यात्रा को केंद्र में रखते हुए, अन्य धार्मिक स्थलों का भी प्रचार-प्रसार बढ़ाया जाए, ताकि राज्य के कम प्रसिद्ध लेकिन ऐतिहासिक महत्व के तीर्थस्थल भी श्रद्धालुओं के नक्शे पर आएं। इससे केवल धार्मिक पर्यटन को बल नहीं मिलेगा, बल्कि पूरे राज्य में संतुलित आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।

चारधाम यात्रा की ऐतिहासिक सफलता इस वर्ष उत्तराखंड के पर्यटन क्षेत्र के लिए मील का पत्थर साबित हो रही है। अब श्रद्धालुओं का ध्यान राज्य के अन्य मंदिरों और धार्मिक स्थलों की ओर भी आकर्षित हो रहा है, जो राज्य की संस्कृति, आस्था और अर्थव्यवस्था—तीनों को सशक्त कर रहा है। प्रशासन और सरकार की ओर से की गई व्यवस्थाओं ने इस यात्रा को सुरक्षित, सुव्यवस्थित और श्रद्धालुओं के लिए यादगार बनाने में अहम भूमिका निभाई है।

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