20.6 C
New York
Tuesday, May 20, 2025
spot_img

राज्यभर की 91 पॉक्सो पीड़ित बच्चियों को अब ₹4000 मासिक पोषण सहायता

पॉक्सो अधिनियम के तहत प्रवर्तकता योजना: राज्यभर की 91 पीड़ित बालिकाओं को मिलेगा ₹4000 मासिक पोषण भत्ता

बाल कल्याण समिति से सत्यापन के बाद मिलेगी आर्थिक सहायता, 18 वर्ष की उम्र तक होगा लाभ

राज्य सरकार द्वारा पॉक्सो अधिनियम के अंतर्गत शुरू की गई ‘प्रवर्तकता’ नामक एक विशेष आर्थिक सहायता योजना के अंतर्गत अब तक राज्यभर से 91 पीड़ित बालिकाओं को शामिल किया जा चुका है। इस योजना के अंतर्गत इन बच्चियों को हर महीने ₹4000 का पोषण भत्ता प्रदान किया जाएगा, जो उन्हें 18 वर्ष की आयु तक मिलता रहेगा। योजना का क्रियान्वयन महिला एवं बाल कल्याण विभाग की देखरेख में किया जा रहा है।

महिला एवं बाल कल्याण विभाग की उप मुख्य परिवीक्षा अधिकारी अंजना गुप्ता ने जानकारी दी कि इस योजना का उद्देश्य यौन अपराधों की शिकार बच्चियों को बेहतर जीवन, मानसिक एवं शारीरिक सुरक्षा, और आवश्यक पोषण उपलब्ध कराना है। योजना के तहत केवल उन्हीं बालिकाओं को आर्थिक सहायता दी जाएगी, जिनका सत्यापन बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) द्वारा किया गया हो। यह सत्यापन सुनिश्चित करता है कि लाभार्थी वाकई में सहायता की पात्र हैं।

तेजी से बढ़ रहा है योजना का विस्तार

इस योजना का दायरा विभिन्न जिलों में लगातार विस्तार पा रहा है। अभी तक जिन जिलों में सबसे अधिक लाभार्थी चिन्हित किए गए हैं, उनमें देहरादून, हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर प्रमुख रूप से शामिल हैं। इन जिलों में पॉक्सो मामलों की संख्या अधिक पाई गई है, जिस वजह से वहां पीड़ित बच्चियों को त्वरित सहायता देने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है

किशोर न्याय अधिनियम के प्रावधानों के तहत सहायता

यह योजना किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम, 2015 के अंतर्गत तैयार की गई है, जिसका प्रमुख उद्देश्य पीड़ित बच्चियों को उचित देखभाल, सुरक्षा और पुनर्वास उपलब्ध कराना है। यह ध्यान रखना आवश्यक है कि यह सहायता कोर्ट के आदेश पर विधिक सेवा प्राधिकरण के तहत दी जाने वाली मुआवजा राशि से अलग है। यानी प्रवर्तकता योजना स्वतंत्र रूप से बालिकाओं को नियमित आर्थिक सहयोग देने के लिए चलाई जा रही है।

राज्य सरकार की संवेदनशील पहल

राज्य सरकार की यह पहल बाल अधिकारों की रक्षा और यौन अपराधों की शिकार बच्चियों के लिए एक सहारा साबित हो रही है। जहां एक ओर यह योजना आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की बच्चियों को पोषण और शिक्षा के लिए जरूरी सहयोग प्रदान कर रही है, वहीं दूसरी ओर इससे उनके मानसिक पुनर्वास और सामाजिक स्वीकृति में भी मदद मिल रही है।

महिला एवं बाल कल्याण विभाग के अधिकारियों का कहना है कि आने वाले समय में इस योजना को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए तकनीकी एवं प्रशासनिक स्तर पर कई नए कदम उठाए जाएंगे, जिससे अधिक से अधिक पीड़ित बच्चियों को इसका लाभ मिल सके

Related Articles

Stay Connected

0FansLike
3,912FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles