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Friday, September 26, 2025
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बेटों ने बैट से पीटकर की पिता की हत्या, अस्पताल की जगह शव ले गए श्मशान घाट

हरिद्वार में खौफनाक वारदात: बेटों ने बैट से पीटकर की पिता की हत्या, शव को चोरी-छिपे गांव ले जाकर किया अंतिम संस्कार

हरिद्वार। उत्तराखंड के हरिद्वार जिले में एक दिल दहला देने वाली वारदात सामने आई है, जिसने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है। सिडकुल थाना क्षेत्र के रावली महदूद इलाके में रविवार देर रात दो बेटों ने कथित तौर पर मामूली पारिवारिक विवाद के चलते अपने ही पिता अशोक कुमार (उम्र करीब 50 वर्ष) की बेरहमी से हत्या कर दी। हत्या के बाद दोनों बेटे शव को अस्पताल ले जाने के बहाने घर से ले गए और चोरी-छिपे बिजनौर स्थित अपने पैतृक गांव में अंतिम संस्कार कर दिया।

झगड़े से शुरू हुआ खून-खराबा

पुलिस जांच के अनुसार अशोक कुमार मूल रूप से बिजनौर के रहने वाले थे और पिछले कुछ समय से रावली महदूद में किराए पर रहकर मजदूरी करते थे। रविवार देर रात उनके बेटों सचिन और शिवम के साथ किसी घरेलू विवाद को लेकर तीखी बहस हो गई। बताया जा रहा है कि अशोक अक्सर बेटों को पढ़ाई-लिखाई और गलत संगत से दूर रहने के लिए समझाते रहते थे, जिससे घर में माहौल अक्सर तनावपूर्ण रहता था।

इसी बीच रविवार रात विवाद इतना बढ़ गया कि दोनों बेटों ने आपा खो दिया। आरोप है कि दोनों ने पास ही रखे क्रिकेट के बैट से पिता के सिर और शरीर पर कई बार वार किए। हमले में अशोक कुमार को गंभीर चोटें आईं और उन्होंने मौके पर ही दम तोड़ दिया।

अस्पताल की जगह सीधे श्मशान

हत्या के बाद दोनों आरोपी घबराए और वारदात छिपाने की कोशिश में जुट गए। मकान मालिक सुनील धनगर को उन्होंने यह कहकर गुमराह किया कि उनके पिता घायल हैं और उन्हें तत्काल अस्पताल ले जाना है। परंतु अस्पताल ले जाने के बजाय दोनों बेटों ने शव को वाहन में रखा और रात में ही बिजनौर के लिए रवाना हो गए। सोमवार तड़के अपने गांव पहुंचते ही उन्होंने चोरी-छिपे अंतिम संस्कार कर डाला।

पुलिस के अनुसार, अंतिम संस्कार के समय गांव के कुछ चुनिंदा लोगों को ही बुलाया गया और पूरे कार्यक्रम को जल्दबाजी में निपटाया गया। इससे संदेह और गहरा गया कि आरोपी हत्या को छिपाना चाह रहे थे।

कंट्रोल रूम पर आई गुप्त सूचना

इस वारदात की भनक सोमवार सुबह पुलिस को तब लगी जब किसी अज्ञात व्यक्ति ने पुलिस कंट्रोल रूम पर फोन कर घटना की जानकारी दी। सूचना मिलते ही सिडकुल पुलिस मौके पर पहुंची और अशोक कुमार के किराए के कमरे की तलाशी ली। जांच के दौरान कमरे में खून के कई धब्बे मिले, जिससे पुलिस को हत्या की पुष्टि हुई। इसके अलावा, हत्या में प्रयुक्त क्रिकेट बैट भी बरामद कर लिया गया है, जिस पर खून के निशान पाए गए।

पड़ोसियों और मकान मालिक के बयान अहम

पुलिस ने घटना के बाद मकान मालिक और आसपास रहने वाले लोगों से पूछताछ शुरू की। मकान मालिक सुनील धनगर ने बताया कि अशोक कुमार और उनके बेटों के बीच झगड़े पहले भी होते रहे थे। कई बार मोहल्ले के लोगों ने बीच-बचाव किया था। रविवार रात भी अशोक के बेटों के साथ तीखी बहस की आवाजें सुनाई दी थीं, लेकिन किसी को अंदेशा नहीं था कि बात हत्या तक पहुंच जाएगी।

सुनील धनगर की तहरीर पर पुलिस ने सचिन और शिवम के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) और अन्य संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है।

पुलिस की जांच कई पहलुओं पर केंद्रित

एसपी सिटी पंकज गैरोला ने बताया कि यह मामला हत्या का ही प्रतीत होता है। उन्होंने कहा, “आरोपियों ने वारदात को छिपाने और सबूत मिटाने के उद्देश्य से शव का गुपचुप तरीके से अंतिम संस्कार किया। हत्या की वजह स्पष्ट रूप से घरेलू विवाद ही सामने आ रही है, लेकिन अन्य एंगल भी खंगाले जा रहे हैं। अंतिम संस्कार में शामिल लोगों से भी पूछताछ की जाएगी, ताकि यह पता चल सके कि किसी ने आरोपियों की मदद तो नहीं की।”

पुलिस ने फॉरेंसिक टीम को घटनास्थल से खून के नमूने और बैट सहित अन्य सबूत इकट्ठा करने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा, बिजनौर पुलिस को भी सूचना दे दी गई है और एक टीम को आरोपियों की तलाश में बिजनौर रवाना कर दिया गया है।

कानूनी पेंच भी उलझाएंगे मामला

पुलिस सूत्रों के अनुसार, चोरी-छिपे किए गए अंतिम संस्कार के चलते हत्या के मामले में जांच और भी पेचीदा हो सकती है। शव का पोस्टमार्टम न हो पाने से हत्या की पुष्टि और सबूतों की कड़ी अदालत में कमजोर हो सकती है। हालांकि पुलिस का कहना है कि फॉरेंसिक और अन्य तकनीकी सबूतों के जरिए मामले को मजबूत करने की कोशिश की जा रही है

फिलहाल दोनों आरोपी फरार बताए जा रहे हैं और पुलिस उनकी गिरफ्तारी के प्रयास में जुटी है।

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