नैनीताल जिला पंचायत चुनाव: कांग्रेस के “अपहरण” आरोप पर नया मोड़, सदस्यों ने कहा- हम स्वेच्छा से गए थे
नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी आमने-सामने हैं। गुरुवार को मतदान के दौरान कांग्रेस ने बीजेपी नेताओं पर गंभीर आरोप लगाया था कि उनके 5 जिला पंचायत सदस्यों का हथियारों के बल पर अपहरण किया गया। लेकिन शुक्रवार को इस प्रकरण ने नया मोड़ ले लिया।
दरअसल, लापता बताए जा रहे पांचों सदस्यों ने एक वीडियो जारी कर साफ किया कि उनका अपहरण नहीं हुआ, बल्कि वे खुद अपनी इच्छा से बाहर गए हैं। वीडियो में सदस्य डिकर सिंह मेवाड़ी ने बाकी साथियों का परिचय देते हुए कहा— “हम सभी अपनी मर्जी से घूमने निकले हैं, हमारा किसी ने अपहरण नहीं किया। अफवाहें फैलाना निंदनीय है। हम सब सुरक्षित हैं और जल्द ही लौटकर क्षेत्र के विकास में सहयोग करेंगे।”
कांग्रेस ने लगाया था खुलेआम गुंडागर्दी का आरोप
कांग्रेस ने दावा किया था कि मतदान स्थल के पास से पुलिस की मौजूदगी में उनके सदस्यों को जबरन उठा लिया गया। आरोप है कि भाजपा कार्यकर्ताओं ने बस पर हमला कर कांग्रेस सदस्यों को अगवा कर लिया ताकि चुनाव परिणाम को प्रभावित किया जा सके। इसके विरोध में कांग्रेस ने चुनाव का बहिष्कार करने का ऐलान किया और हाईकोर्ट तक पहुंची।
मुकदमा दर्ज, भाजपा नेता नामजद
तल्लीताल पुलिस ने कांग्रेस नेताओं की तहरीर पर भाजपा जिलाध्यक्ष प्रताप बिष्ट, प्रत्याशी पुष्पा नेगी के पति आनंद दर्मवाल समेत 11 नामजद और 15-20 अज्ञात लोगों के खिलाफ बीएनएस की विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया।
एसओ रमेश सिंह बोरा ने बताया कि आरोपियों पर धारा 191(2), 140(3), 115(2), 352, 351(3), 74, 62 के तहत मुकदमा हुआ है।
अब सवाल और गहरे
जहां कांग्रेस इसे “जबरन अपहरण” बता रही है, वहीं लापता सदस्य खुद वीडियो में कह रहे हैं कि वे “स्वेच्छा से गए”। ऐसे में यह मामला अब और पेचीदा हो गया है और राजनीतिक गलियारों में बहस का नया विषय बन गया है।