5500 से अधिक व्यक्तियों का सत्यापन, 1182 पर निरोधात्मक कार्यवाही – ऑपरेशन कालनेमि में अब तक 14 गिरफ्तार
देहरादून। उत्तराखण्ड पुलिस का विशेष अभियान “ऑपरेशन कालनेमि” लगातार बड़ी सफलता हासिल कर रहा है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य उन असामाजिक और संदिग्ध तत्वों की पहचान करना है, जो अपनी वास्तविक पहचान छिपाकर धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ करते हुए ठगी, धोखाधड़ी और धर्मान्तरण जैसी आपराधिक गतिविधियों में शामिल पाए गए हैं।
पुलिस महानिरीक्षक (अपराध एवं कानून व्यवस्था) नीलेश आनन्द भरणे ने जानकारी दी कि अभियान की शुरुआत से अब तक 5500 से अधिक व्यक्तियों का गहन सत्यापन किया गया है। इसमें से 14 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि 1182 व्यक्तियों के विरुद्ध निरोधात्मक कार्यवाही की गई है।
इस अभियान के अंतर्गत अब तक हरिद्वार जिले में सबसे अधिक 2704 व्यक्तियों का सत्यापन किया गया है, जिसमें से 3 गिरफ्तारियां हुई हैं। इसी प्रकार देहरादून जिले में 922 व्यक्तियों का सत्यापन किया गया और यहां 5 आरोपियों को दबोचा गया। वहीं टिहरी, पौड़ी, अल्मोड़ा, नैनीताल समेत अन्य जिलों में भी सतत कार्रवाई जारी है।
देवभूमि की आस्था से खिलवाड़ पर सख्त निगरानी
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस अभियान से समाज में यह सकारात्मक संदेश जा रहा है कि देवभूमि उत्तराखण्ड की आस्था और पवित्रता से खिलवाड़ करने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। अभियान के तहत प्रत्येक जिले में विशेष निगरानी रखी जा रही है और संदिग्ध गतिविधियों में शामिल व्यक्तियों पर कड़ा शिकंजा कसा जा रहा है।
निरंतर सत्यापन और कड़ा रुख
पुलिस का कहना है कि ऑपरेशन कालनेमि केवल असामाजिक तत्वों पर अंकुश लगाने का अभियान नहीं है, बल्कि यह प्रदेशवासियों में सुरक्षा और विश्वास का वातावरण बनाने का भी प्रयास है। सघन सत्यापन प्रक्रिया और कानूनी कार्रवाई से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि राज्य में कोई भी व्यक्ति अपनी झूठी पहचान का सहारा लेकर समाज को गुमराह न कर सके।