भालू के आतंक से सहमे ग्रामीण, डीएम और वन विभाग को सौंपा ज्ञापन – धरना-भूख हड़ताल की चेतावनी
पौड़ी। विकासखंड कल्जीखाल के मनियारस्यूं क्षेत्र में भालू का आतंक दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि जंगली भालू अब तक कई बार उनके मवेशियों को अपना शिकार बना चुका है। हाल ही में बडकोट गांव में एक दर्दनाक घटना में भालू ने गौशाला में घुसकर एक गर्भवती गाय को मार डाला। इससे पहले भी वह कई मवेशियों पर हमला कर चुका है। इन घटनाओं से पूरे इलाके में दहशत का माहौल बना हुआ है।
ग्रामीणों ने बताया कि भालू रात के अंधेरे में गौशालाओं को तोड़कर मवेशियों पर हमला कर रहा है। इस वजह से लोगों को अपने पशुधन की सुरक्षा की चिंता सताने लगी है। भय का आलम यह है कि गांव के बच्चे तक अब स्कूल जाने से कतराने लगे हैं। स्थानीय लोग कहते हैं कि अगर समय रहते कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो स्थिति और गंभीर हो सकती है।
आज ग्राम दिऊसा, बडकोट, भटकोटी, कठूड़ और असगढ़ के ग्रामीणों का एक शिष्टमंडल गढ़वाल के प्रभागीय वनाधिकारी से मिला। ग्रामीणों ने वन विभाग को ज्ञापन सौंपकर भालू के आतंक से निजात दिलाने की मांग की। इस दौरान वन विभाग की एसडीओ आईशा बिष्ट ने बताया कि अद्वानी रेंज से रोज़ाना रिपोर्ट ली जा रही है और उसे शासन को भेजा जा रहा है।
इसके बाद शिष्टमंडल ने जिलाधिकारी गढ़वाल से भी मुलाकात की। ग्रामीणों ने डीएम से पैठाणी क्षेत्र की तर्ज पर दहशत फैलाने वाले भालू को आदमखोर घोषित कर उसे मारने के आदेश जारी करने की मांग की। उन्होंने कहा कि यदि प्रशासन ने शीघ्र कार्रवाई नहीं की तो वे पौड़ी मुख्यालय में धरना देने को मजबूर होंगे और जरूरत पड़ी तो भूख हड़ताल पर भी बैठेंगे।
ज्ञापन देने वालों में नवीन कुमार, रमेशचंद्र शाह, लक्ष्मण सिंह, सुभाष कुकरेती, मनीष, गणेश, जसपाल और नरेश थपलियाल सहित कई अन्य ग्रामीण शामिल थे।
ग्रामीणों का कहना है कि उनकी मांगें सिर्फ मवेशियों की सुरक्षा तक सीमित नहीं हैं, बल्कि पूरे गांव की सुरक्षा और बच्चों के भविष्य से जुड़ी हैं। अब देखना यह है कि प्रशासन और वन विभाग इस बढ़ते खतरे को रोकने के लिए कितनी जल्दी और कितनी प्रभावी कार्रवाई करता है।