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Monday, May 19, 2025
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बदरीविशाल के अभिषेक और अखंड ज्योति के लिए तेल कलश यात्रा प्रारंभ

गाडू घड़ा तेल कलश यात्रा राजदरबार नरेंद्र नगर से शुरू
गाडू घड़ा यात्रा आज देर शाम बीकेटीसी के चेला चेतराम धर्मशाला/ विश्राम गृह रेल्वे रोड ऋषिकेश पहुंचेगी
कल बुधवार 23 अप्रैल को चेला चेतराम धर्मशाला/ विश्राम गृह में अपराह्न तक होंगे तेलकलश गाडू घड़ा के दर्शन
23 अप्रैल अपराह्न को रात्रि विश्राम हेतु श्री शत्रुघ्न मंदिर मुनिकीरेती प्रस्थान करेगी गाडू घड़ा तेल कलश यात्रा

 

‌नरेंद्रनगर/ऋषिकेश। श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के अवसर पर भगवान बदरीविशाल के अभिषेक एवं अखंड ज्योति हेतु प्रयुक्त होने वाले तिलों के तेल का कलश “गाडू घड़ा यात्रा का मंगलवार 22 अप्रैल राजदरबार नरेंद्रनगर से शुभारंभ हो गया है।

देर शाम को राजमहल नरेंद्र नगर से महाराजा मनुजयेंद्र शाह ने सांसद महारानी माला राज्य लक्ष्मी शाह सहित राजपरिवार तथा राजपुरोहित कृष्ण प्रसाद उनियाल एवं पुजारीगणों, श्रद्धालुओं, श्री डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत के पदाधिकारियों की उपस्थिति में तेलकलश गाडू घड़ा को बदरीनाथ धाम के लिए रवाना करेंगे।

आज ही देर शाम को  यात्रा पहले पड़ाव श्री बदरीनाथ – केदारनाथ मंदिर समिति ( बीकेटीसी )के रेल्वे रोड ऋषिकेश चेला चेतराम धर्मशाला/ विश्राम गृह पहुंचेगी तथा कल सुबह श्रद्धालु तेलकलश गाडू घड़ा के दर्शन करेंगे,बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल सहित विशिष्ट अतिथि गण तेलकलश यात्रा के दर्शन को ऋषिकेश पहुंचेंगे।

कलश

बीकेटीसी (बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति) के मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने जानकारी दी कि श्री डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत के पदाधिकारी एवं सदस्य 21 अप्रैल की संध्या को डिम्मर गांव से रवाना होकर ऋषिकेश स्थित मंदिर समिति की धर्मशाला / विश्रामगृह में सकुशल पहुंच गए थे। यह यात्रा धार्मिक परंपराओं और गहन श्रद्धा के साथ की गई, जिसमें धार्मिक पंचायती व्यवस्था की गरिमा स्पष्ट रूप से दिखाई दी।

इसके उपरांत आज मंगलवार, 22 अप्रैल की प्रातःकाल वे सभी राजदरबार, नरेंद्र नगर पहुंचे, जहां पहले से निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार एक अत्यंत पावन और सांस्कृतिक परंपरा का निर्वहन किया गया। इस धार्मिक अनुष्ठान में सांसद और रानी श्रीमती माला राज्य लक्ष्मी शाह की उपस्थिति उल्लेखनीय रही। उन्होंने अन्य सुहागिन महिलाओं के साथ परंपरागत रूप से पीत वस्त्र धारण किए हुए भाग लिया। सभी सुहागिन महिलाओं ने उत्साहपूर्वक ओखली में तिलों को कूटकर अपने हाथों से तेल निकाला, जिसे शुद्धता और पवित्रता के साथ चांदी के घड़े में रखा गया। यह प्रक्रिया वर्षों पुरानी परंपरा का निर्वहन करती है, जो बदरीनाथ धाम यात्रा के शुभारंभ का प्रतीक मानी जाती है।

अनुष्ठान पश्चात, देर शाम को इस तेलकलश की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना तथा भोग अर्पण किया जाएगा। इसके पश्चात श्रीमान महाराजा मनुजयेंद्र शाह द्वारा इस पवित्र तेल कलश को श्री बदरीनाथ धाम के लिए विधिवत रूप से रवाना किया जाएगा। यह गाडू घड़ा ऋषिकेश से लेकर अनेक पड़ावों—जो धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माने जाते हैं—से होकर यात्रा करेगा। इस दिव्य यात्रा के अंतर्गत 3 मई की संध्या को यह गाडू घड़ा श्री बदरीनाथ धाम पहुंचेगा, जहां इसकी स्थापना और आवश्यक धार्मिक क्रियाएं पूरी की जाएंगी। तत्पश्चात 4 मई की प्रातः 6 बजे श्री बदरीविशाल मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए विधिपूर्वक और पारंपरिक ढंग से खोले जाएंगे, जो एक अत्यंत शुभ और हर्षोल्लास का क्षण होगा।

इस अवसर पर राजपुरोहित कृष्ण प्रसाद उनियाल,श्री डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत के अध्यक्ष आशुतोष डिमरी, उपाध्यक्ष भास्कर डिमरी, नौटियाल,राजदरबार के ओएसडी‍,राजपाल जड़धारी,महामंत्री भगवती प्रसाद डिमरी, संजय डिमरी, हरीश डिमरी,डा. अनूप डिमरी, शैलेन्द्र डिमरी, दिवाकर डिमरी ऋषिकेश में गुलशन तलवार, प्रेमकिशोर नौटियाल, विनोद अग्रवाल पवन गोयल,राजेश अग्रवाल, डिमरी केंद्रीय पंचायत पूर्व अध्यक्ष विनोद डिमरी, सुरेश डिमरी, दिनेश डिमरी,राजेंद्र डिमरी,विपुल डिमरी, मंदिर समिति पूर्व सदस्य हरीश डिमरी, सरोज डिमरी, बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़, प्रबंधक विशाल पंवार, प्रबंधक सोबन सिंह रावत, वेद किशोर नौटियाल, सरपंच विजय राम डिमरी ,भोलादत्त डिमरी, सुभाष डिमरी,गोवर्धन डिमरी, प्रकाश डिमरी,सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन मौजूद रहे।

बुधवार, 23 अप्रैल की प्रातःकाल से ही श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति की चेला चेतराम धर्मशाला, रेलवे रोड, ऋषिकेश में परंपरागत विधि-विधान के साथ गाडू घड़ा (तेलकलश) की पूजा-अर्चना प्रारंभ होगी। इस शुभ अवसर पर श्रद्धालु पूरे दिन दर्शन लाभ प्राप्त करेंगे एवं पूजनोपरांत वितरित होने वाले प्रसाद को श्रद्धा एवं भक्ति भाव से ग्रहण करेंगे। यह आयोजन धार्मिक उल्लास और आस्था से परिपूर्ण वातावरण में सम्पन्न होगा, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की सहभागिता अपेक्षित है।

इसी दिन, 23 अप्रैल की अपराह्न को गाडू घड़ा, पूजा-अनुष्ठान के पश्चात श्री शत्रुघ्न मंदिर, मुनिकीरेती की ओर प्रवास हेतु प्रस्थान करेगा, जहां अगली धार्मिक प्रक्रियाएं संपन्न की जाएंगी

 

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