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Wednesday, May 8, 2024
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उत्तराखण्ड में लोस चुनाव के बाद लगा जनता को झटका, बिजली के इतने बढ़ गए रेट

निकाय चुनाव से पहले बिजली दर में वृद्धि पर कांग्रेस आगबबूला

अन्य राज्यों की अपेक्षा उतराखंड मे बिजली सस्ती-भाजपा

देहरादून। लोकसभा चुनाव के ठीक बाद और निकाय चुनाव से ठीक पहले  उत्तराखंड में वर्ष 2024-25 में विद्युत दरों में सात प्रतिशत की वृद्धि की गई है। शुक्रवार को विद्युत नियामक आयोग ने बिजली की दरों को सार्वजनिक किया।

उत्तराखंड नियामक आयोग ने
वर्ष 24-25 की  विद्युत दरों  में प्रस्तावित 27.02 %वृद्धि के सापेक्ष  6.92% की बढ़ोतरी की है।

पिछले वर्ष की तुलना में इस साल विद्युत दरों में कम वृद्धि का दावा किया गया है।

पिछले वर्ष 2023- 24 में बिजली दरों में 9.64% वृद्धि हुई थी।

निकाय चुनाव से पहले बिजली की दरों में सालाना वृद्धि को लेकर विपक्षी दलों ने इसे जनविरोधी फैसला करार दिया है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन मेहरा ने कहा कि बिजली दरों में वृद्धि ने हर वर्ग की कमर तोड़ दी।

गौरतलब है  कि हर वर्ष बिजली की दरों  में विद्युत नियामक आयोग द्वारा प्रेषित प्रस्तावों एवं जन सुनवाई के उपरांत  नियमानुसार विद्युत दरों में  संशोधन किया जाता है।

विद्युत उत्पादकों से प्राप्त बिजली के मूल्यों में हुई  वृद्धि/ लागत वृद्धि को संज्ञानित करते हुए   नियामक आयोग द्वारा उक्त स्वीकृति प्रदान की गई है।

अन्य राज्यों के नियामक आयोग को भी वर्ष 24-25 ke liye विद्युत दरों में वृद्धि के प्रस्ताव प्राप्त हुए है, जिसका विवरण निम्न है –
1.हिमाचल प्रदेशः 50%
2. झारखंड:    44%
3.असम:             34%
4. दिल्ली :        30%
5.उत्तर प्रदेश:       20%

अन्य राज्यों की अपेक्षा उतराखंड मे बिजली सस्ती-भाजपा

भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कहा कि राज्य सरकार उपभोक्ताओं के हितों को लेकर सचेत है उत्तराखंड मे
अन्य राज्यों की अपेक्षा उत्तराखंड मे बिजली कि दरें सस्ती है और प्रतिवर्ष होने वाली बढ़ौतरी भी काफी कम है।

चौहान ने कहा कि राज्य मे बिजली की कीमत में 6.92% की बढ़ोतरी की गयी है जो कि पिछले वर्ष की तुलना में इस साल कम है। पिछले वर्ष 2023- 24 में 9.64% की वृद्धि हुई थी।

उन्होंने कहा कि हर वर्ष बिजली की कीमत में संशोधन किया जाता है और विद्युत नियामक आयोग ने बढ़ोतरी को  स्वीकृति दी है। बिजली उत्पादकों से प्राप्त बिजली के मूल्यों में हुई  वृद्धि की वजह से  नियामक आयोग ने वृद्धि का फैसला लिया है।

चौहान ने कांग्रेस के बयान को हास्यास्पद बताते हुए कहा कि प्रतिवर्ष विद्युत दरों मे संशोधन होता है और यह कोई नई परंपरा नही है। कोरोना काल मे भी विद्युत या अन्य वसूली मे भी सरकार ने समय सीमा मे लोगों को राहत दी है।

सरकार ने आम जन की परवाह करते हुए ही विद्युत दरों मे कम वृद्धि की है। वहीं उत्तराखंड सस्ती और निर्वाध बिजली अपने निवासियों तथा औधोगिक क्षेत्र को मुहैया कर रहा है।

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