औषधि नियंत्रण व्यवस्था होगी और अधिक प्रभावी :- डॉ आर राजेश कुमार
देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने राज्य में उत्तराखंड ड्रग विभाग में औषधि निरीक्षक ग्रेड–2 के 18 नए पदों पर नियुक्ति आदेश जारी कर दिए हैं। स्वास्थ्य सचिव एवं खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन के प्रमुख डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि यह नियुक्तियां चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग तथा लोक सेवा आयोग, उत्तराखंड के माध्यम से की गई हैं। नव-नियुक्त अधिकारियों को दो वर्षों की परिवीक्षा अवधि पर तैनात किया गया है और सभी को तत्काल अपने तैनाती स्थान पर कार्यभार ग्रहण करने के निर्देश दिए गए हैं।
डॉ. राजेश कुमार ने कहा कि सरकार द्वारा यह कदम राज्य में औषधि प्रशासन को मजबूत करने और जनता तक गुणवत्तापूर्ण दवाओं की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। इन नियुक्तियों से राज्य की फार्मास्यूटिकल सप्लाई चेन की मॉनिटरिंग मजबूत होगी और औषधि नियंत्रण व्यवस्था को और अधिक प्रभावी बनाया जा सकेगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने सभी नव-नियुक्त औषधि निरीक्षकों को शुभकामनाएं देते हुए जनहित में पूरी निष्ठा और ईमानदारी से कार्य करने की अपील की।
नकली दवा माफिया पर लगेगी लगाम, औषधि निरीक्षकों की जिम्मेदारी बढ़ी
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा कि नए औषधि निरीक्षकों की तैनाती से उत्तराखंड में नकली और अवैध दवा माफिया पर कड़ी कार्रवाई की जा सकेगी। सरकार का मुख्य उद्देश्य राज्य में गैर-कानूनी रूप से बिकने वाली और घटिया गुणवत्ता वाली दवाओं की रोकथाम करना है। उन्होंने स्पष्ट किया कि औषधि निरीक्षकों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में औषधि विक्रेताओं और दवा कंपनियों की नियमित जांच करें और किसी भी अनियमितता पाए जाने पर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करें।
डॉ. राजेश कुमार ने आगे बताया कि औषधि निरीक्षकों को आधुनिक तकनीकों और डिजिटल मॉनिटरिंग सिस्टम से जोड़ा जाएगा, जिससे बाजार में उपलब्ध सभी दवाओं की गुणवत्ता पर बारीकी से नजर रखी जा सके। उन्होंने कहा कि सरकार अवैध रूप से बिकने वाली एंटीबायोटिक्स, पेन किलर्स और अन्य नियंत्रित दवाओं की बिक्री पर लगाम लगाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। इसके लिए औषधि निरीक्षकों को सघन जांच अभियान चलाने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि किसी भी प्रकार की मिलावट या अवैध बिक्री की घटनाओं को जड़ से समाप्त किया जा सके।
स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि नकली और घटिया गुणवत्ता वाली दवाएं न केवल मरीजों के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा हैं, बल्कि यह पूरे स्वास्थ्य तंत्र को प्रभावित करती हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने औषधि निरीक्षकों की संख्या बढ़ाने का निर्णय लिया है, ताकि प्रदेश में दवा नियंत्रण प्रणाली को और अधिक प्रभावी बनाया जा सके।
डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि जल्द ही औषधि निरीक्षकों को अत्याधुनिक परीक्षण उपकरण और मोबाइल लैब भी उपलब्ध कराए जाएंगे, जिससे वे मौके पर ही दवाओं की शुद्धता जांच सकें। इसके अलावा, स्वास्थ्य विभाग द्वारा एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया जाएगा, जिस पर आम नागरिक नकली या संदिग्ध दवाओं की शिकायत दर्ज करा सकेंगे।
सरकार का मानना है कि जब तक दवा नियंत्रण प्रणाली को मजबूत नहीं किया जाता, तब तक नकली दवा माफिया पर पूरी तरह से लगाम लगाना संभव नहीं होगा। इसलिए औषधि निरीक्षकों की तैनाती के साथ-साथ उनकी कार्यक्षमता को भी बढ़ाने के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इससे वे न केवल तकनीकी रूप से अधिक दक्ष बनेंगे, बल्कि बाजार में मौजूद नई दवाओं और उनकी गुणवत्ता मानकों को लेकर भी अधिक सतर्कता से काम कर सकेंगे।
प्रदेश में हाल के वर्षों में नकली और अवैध दवाओं के मामलों में वृद्धि देखी गई है, जिससे सरकार की चिंता बढ़ी है। इसे देखते हुए अब औषधि निरीक्षकों को विशेष टास्क फोर्स के साथ मिलकर काम करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि दवा माफिया के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जा सके। सरकार की यह पहल स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे प्रदेशवासियों को गुणवत्तापूर्ण और सुरक्षित दवाएं उपलब्ध कराई जा सकेंगी।
नव-नियुक्त औषधि निरीक्षकों की तैनाती सूची
उत्तराखंड सरकार द्वारा जारी तैनाती सूची के अनुसार:
निधि शर्मा (उधमसिंह नगर), विनोद पंवार (देहरादून), शुभम कोटलाला (उधमसिंह नगर)
हार्दिक भट्ट (चमोली), गौरव कुकरेती (एफडीए मुख्यालय), अनुजा उप्पल (नैनीताल)
निधि रतूड़ी (देहरादून), सीमा बिष्ट चौहान (पौड़ी), नेहा (हरिद्वार)
निशा रावत (एफडीए मुख्यालय), अमित कुमार आजाद (रुद्रप्रयाग), रिशभ धामा (टिहरी)
हरिओम सिंह (हरिद्वार), पंकज पंत (पिथौरागढ़), पूजा रानी (बागेश्वर)
पूजा जोशी (अल्मोड़ा), हरिता (चम्पावत), मो. ताजिन (उत्तरकाशी)
डॉ आर राजेश कुमार ने कहा सरकार ने सभी नव-नियुक्त औषधि निरीक्षकों से जल्द से जल्द अपने कार्यभार को ग्रहण करने की अपील की है, जिससे प्रदेश में औषधि निरीक्षण और गुणवत्ता नियंत्रण की प्रक्रिया को सुचारू रूप से लागू किया जा सके।