धामी मंत्रिमंडल की बैठक आज, इन तमाम महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर लग सकती है मुहर
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में बुधवार को सचिवालय में एक अहम कैबिनेट बैठक होने जा रही है। यह बैठक बुधवार सुबह 11 बजे आयोजित की जाएगी। धामी मंत्रिमंडल की यह बैठक राज्य के लिए कई मायनों में खास मानी जा रही है, खासकर आगामी पंचायत चुनावों के संदर्भ में यह बैठक बेहद अहम मानी जा रही है। माना जा रहा है कि इस बैठक में कई नीतिगत फैसलों पर मुहर लग सकती है, जो राज्य की राजनीति और प्रशासनिक ढांचे को प्रभावित करेंगे।
दरअसल, वर्तमान समय में प्रदेश की पंचायतों में प्रशासक तैनात हैं, जिनका कार्यकाल समाप्त हो रहा है। ऐसे में बैठक में यह प्रस्ताव लाया जा सकता है कि प्रशासकों के कार्यकाल को 6 महीने की बजाय बढ़ाकर एक साल तक किया जाए। यह फैसला पंचायत चुनावों की तैयारी और प्रशासनिक सुचारुता के दृष्टिकोण से लिया जाना संभावित है। यह प्रस्ताव यदि पारित होता है, तो पंचायत प्रणाली में स्थायित्व बनेगा और प्रशासनिक निर्णयों के निष्पादन में भी गति आएगी।
इसके अलावा, मंत्रिमंडल की बैठक में युवा नीति और महिला नीति जैसे महत्वपूर्ण सामाजिक पहलुओं पर भी प्रस्ताव रखे जा सकते हैं। खासकर महिला नीति पर लंबे समय से काम किया जा रहा है, और ऐसी संभावना है कि इस बैठक में इस पर अंतिम मुहर लगाई जा सकती है। महिला नीति का लागू होना राज्य की महिलाओं के सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम होगा।
बैठक में देहरादून के रायपुर क्षेत्र में फ्रीज की गई भूमि को फ्रीज मुक्त करने से संबंधित प्रस्ताव पर भी विचार किया जाएगा। यह निर्णय यदि लिया जाता है, तो इससे स्थानीय निवासियों को बड़ी राहत मिल सकती है और क्षेत्र में विकास कार्यों को गति मिलेगी।
इसके साथ ही, प्रदेश के आठ शहरों में 23 खेल अकादमी खोलने के लिए एक लेगेसी प्लान ड्राफ्ट पर भी चर्चा की जाएगी। यह प्रस्ताव प्रदेश में खेलों के विकास और युवाओं को खेलों में करियर बनाने के अवसर उपलब्ध कराने के लिए अहम माना जा रहा है।
शिक्षा क्षेत्र में भी एक बड़ा फैसला संभावित है। बैठक में शिक्षकों के लिए नई ट्रांसफर पॉलिसी को लेकर भी प्रस्ताव लाया जा सकता है, जिससे राज्य में शिक्षकों की नियुक्तियों और स्थानांतरण की प्रक्रिया को पारदर्शी और सरल बनाया जा सकेगा।
नंदा गौरा योजना के तहत बालिकाओं को मिलने वाली सहायता राशि में विस्तार को लेकर भी एक अहम प्रस्ताव बैठक में रखा जा सकता है। इसके तहत, ग्रेजुएशन या 12वीं के बाद कोई स्किल बेस्ड कोर्स पूरा करने वाली बालिकाओं को भी अतिरिक्त सहायता राशि दी जा सकती है। यह योजना बालिकाओं को आत्मनिर्भर बनाने और स्किल डेवलपमेंट को प्रोत्साहित करने में सहायक सिद्ध हो सकती है।
इसके अतिरिक्त, उपनल कर्मचारियों के नियमितीकरण के लिए एक ठोस नीति तैयार करने का प्रस्ताव भी इस बैठक में पेश हो सकता है। यह मुद्दा लंबे समय से चर्चा में है और हजारों कर्मचारियों को इसका इंतजार है।
राज्य के सभी नगर निकायों में एक समान टैक्स प्रणाली लागू करने को लेकर भी प्रस्ताव बैठक में आ सकता है। यह कदम नगर निकायों की वित्तीय स्थिति को मजबूत करने और टैक्स वसूली में एकरूपता लाने में सहायक होगा।
सीजनल मृतक कर्मचारियों के आश्रितों को नौकरी देने से संबंधित प्रस्ताव भी इस बैठक में पेश किया जा सकता है। यह एक मानवीय पहल होगी जिससे दिवंगत कर्मचारियों के परिजनों को आर्थिक राहत मिल सकेगी।
राज्य के पुराने बाजारों का पुनर्विकास (री-डेवलपमेंट नीति) करने संबंधी प्रस्ताव पर भी चर्चा संभव है। इससे स्थानीय व्यापार को बढ़ावा मिलेगा और शहरी क्षेत्रों का सौंदर्यीकरण भी होगा।
अंततः, स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार के उद्देश्य से स्टेट एलाइड एंड हेल्थ केयर काउंसिल के गठन का प्रस्ताव भी इस बैठक में लाया जा सकता है। यह परिषद स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को बेहतर बनाने और स्वास्थ्यकर्मियों के लिए एक संस्थागत ढांचा प्रदान करने की दिशा में एक अहम पहल होगी।
कुल मिलाकर, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में होने वाली यह मंत्रिमंडल की बैठक राज्य के लिए कई अहम नीतिगत फैसलों की उम्मीद लेकर आ रही है। यदि ये सभी प्रस्ताव पास होते हैं, तो यह उत्तराखंड के प्रशासनिक, सामाजिक और आर्थिक ढांचे को मजबूती देने की दिशा में एक ठोस कदम साबित हो सकता है।