बेरोजगार युवाओं से ठगी करने वाली संस्था पर मुकदमा, दस्तावेज और खाते जब्त
सरकारी योजनाओं के नाम पर दे रही थी झांसा, प्रशिक्षण का कोई प्रमाण नहीं
देहरादून। प्रशिक्षण और रोजगार का झांसा देकर बेरोजगार युवाओं से ठगी करने वाली बिहार की संस्था सिडको (लघु उद्योग विकास परिषद) के खिलाफ नेहरू कॉलोनी थाना में मामला दर्ज किया गया है। संस्था पर प्रत्येक युवा से ₹6100 की वसूली करने और सरकारी योजनाओं के प्रचार का झूठा दावा करने का आरोप है।
पुलिस जांच में सामने आया है कि सिडको बिहार के पटना में पंजीकृत है, लेकिन इसका संचालन देहरादून के अजबपुर क्षेत्र से किया जा रहा था। संस्था युवाओं को रोजगार और प्रशिक्षण देने का झांसा देकर न केवल पैसा वसूल रही थी, बल्कि हर नए सदस्य के बदले ₹400 देने का लालच भी दिया जा रहा था।
न कोई मान्यता, न प्रशिक्षण की व्यवस्था
पुलिस के अनुसार, संस्था के दस्तावेजों की जांच में यह स्पष्ट हुआ कि प्रशिक्षण या मानदेय देने का कोई आधिकारिक प्रावधान मौजूद नहीं है। संस्था का पूरा ढांचा संदिग्ध प्रतीत हो रहा है, जिसका उद्देश्य केवल बेरोजगारों से धन वसूली करना था।
एफआईआर दर्ज, खाते और उपकरण जब्त
शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 318(4)/61(2) के तहत एफआईआर संख्या 231/25 दर्ज कर ली है। छापेमारी के दौरान संस्था के दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए गए हैं। इसके साथ ही संस्था के सभी बैंक खातों और एकाउंटेंट के खाते फ्रीज़ कर दिए गए हैं। उन अन्य खातों की भी पहचान की जा रही है, जिनमें अधिकतर लेन-देन हुए हैं।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि सरकारी योजनाओं की आड़ में ठगी करने वाले ऐसे फर्जी संगठनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई जारी रहेगी।