मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना 2.0 के लिए ऑनलाइन आवेदन शुरू, इस साल 10 हजार रोजगार देने का लक्ष्य
देहरादून। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना 2.0 के तहत युवाओं और बेरोजगारों के लिए स्वरोजगार के अवसर और अधिक सुलभ करने की दिशा में प्रदेश सरकार ने बड़ी पहल की है। उद्योग विभाग ने इस योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू कर दी है। सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष में इस योजना के माध्यम से 10 हजार लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा है।
योजना में बड़ा बदलाव: दो योजनाओं का हुआ विलय
पिछले माह प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना और मुख्यमंत्री स्वरोजगार अति सूक्ष्म योजना को मिलाकर मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना 2.0 लागू की है। यह नई योजना वर्ष 2030 तक प्रभावी रहेगी। इसका उद्देश्य स्वरोजगार के अवसरों को व्यापक बनाना और अधिक लोगों तक पहुंचाना है।
योजना में अब विभिन्न क्षेत्रों के लिए अलग-अलग परियोजना लागत निर्धारित की गई है:
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विनिर्माण क्षेत्र: अधिकतम ₹25 लाख तक की परियोजना लागत
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सेवा क्षेत्र: अधिकतम ₹10 लाख तक की परियोजना लागत
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अन्य सूक्ष्म व्यवसाय: अधिकतम ₹2 लाख तक की परियोजना लागत
सब्सिडी की दरें
राज्य सरकार ने स्वरोजगार योजनाओं को प्रोत्साहित करने के लिए सब्सिडी का भी प्रावधान रखा है। इसके तहत:
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सूक्ष्म व्यवसाय के लिए ₹2 लाख तक के ऋण पर 25% से 30% तक सब्सिडी दी जाएगी।
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₹2 लाख से ₹10 लाख तक के ऋण पर 20% से 25% तक सब्सिडी मिलेगी।
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₹10 लाख से ₹25 लाख तक के ऋण पर 15% से 20% तक की सब्सिडी का लाभ मिलेगा।
आवेदन प्रक्रिया
योजना का लाभ उठाने के लिए इच्छुक आवेदकों को ऑनलाइन माध्यम से आवेदन करना अनिवार्य होगा। उद्योग विभाग इन आवेदनों की जांच (स्क्रूटनी) करेगा और पात्र आवेदनों को ऋण स्वीकृति के लिए बैंकों को प्रेषित किया जाएगा।
प्रदेश सरकार ने बैंकों को ऋण वितरण के लिए समय सीमा तय की है:
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₹5 लाख तक के ऋण आवेदन दो सप्ताह में निपटाए जाएंगे।
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₹5 लाख से ₹25 लाख तक के आवेदन तीन सप्ताह के भीतर स्वीकृत किए जाने हैं।
रोजगार सृजन को बढ़ावा
राज्य सरकार का मानना है कि इस योजना के तहत स्वरोजगार के अवसर बढ़ेंगे और बेरोजगारी दर में कमी आएगी। उद्योग विभाग के अधिकारियों के अनुसार, योजना की प्रक्रिया को पूरी तरह पारदर्शी और डिजिटल बनाया गया है ताकि आवेदकों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
योजना में महिलाओं, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के आवेदकों को प्राथमिकता दिए जाने की संभावना भी व्यक्त की गई है, ताकि सामाजिक और आर्थिक समावेशन सुनिश्चित किया जा सके।
उद्योग विभाग ने सभी पात्र व्यक्तियों से अपील की है कि वे इस योजना का लाभ उठाएं और आत्मनिर्भर बनने की दिशा में कदम बढ़ाएं।