गंगा घाटों पर बारिश के बीच स्वच्छता की प्रतिबद्धता
मूसलाधार बारिश में भी कायस्थ महासभा उत्तराखंड इकाई ने गंगा घाटों पर स्वच्छता अभियान चलाया
हरिद्वार। लगातार हो रही तेज बारिश के बावजूद समाज के सदस्यों ने भगवान गंगेश्वर नाथ मंदिर के निकट प्रस्तावित भगवान चित्रगुप्त घाट पर स्वच्छता अभियान को पूरी सक्रियता से आगे बढ़ाया। इस अभियान का उद्देश्य न केवल घाटों को साफ-सुथरा रखना था, बल्कि लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करना भी था।
स्वच्छता अभियान के दौरान महिलाएं, पुरुष, बच्चे और बुजुर्ग सभी ने मिलकर झाड़ू, वाइपर और अन्य साफ-सफाई के उपकरणों से घाटों की सफाई की। यह देखा गया कि बच्चों ने भी उतनी ही ऊर्जा और उत्साह के साथ इस कार्य में हिस्सा लिया, जिससे एक मजबूत सामाजिक संदेश गया कि स्वच्छता की जिम्मेदारी सभी की है।
उत्तराखंड के विभिन्न जनपदों से आए कायस्थ समाज के प्रतिनिधि और साथ ही हरिद्वार के गंगा स्नान को आए श्रद्धालु भी इस मुहिम में सक्रिय भागीदार बने। उन्होंने घाटों को साफ रखने में अपना योगदान दिया और अभियान को सफल बनाने में मदद की।
कायस्थ महासभा के अध्यक्ष संजय श्रीवास्तव ने इस मौके पर श्रद्धालुओं से विशेष अपील की कि वे गंगा घाटों पर स्नान के बाद वस्त्र, प्लास्टिक की बोतलें, कागज या अन्य कचरा न छोड़ें। उन्होंने कहा, “प्रकृति हमारी माता है, हमें उसका सम्मान करना चाहिए। इसके लिए हर व्यक्ति को अपने साथ पॉलीबैग लेकर आना चाहिए और कचरे को सही जगह पर ही डालना चाहिए।”
उन्होंने यह भी बताया कि अभियान में जमा किया गया कचरा बड़े ध्यान से बैगों में रखा गया और बाद में उसे घाट से बाहर स्थित कूड़ेदान में डाला गया ताकि गंगा नदी और उसके आसपास का वातावरण साफ-सुथरा रहे।
इस स्वच्छता अभियान में अंजनी निगम, नीतू श्रीवास्तव, डी के निगम, सर्वेश माथुर, सीमा माथुर, रवि सरन, हितेन्द्र सक्सेना, अतुल श्रीवास्तव, प्रखर श्रीवास्तव, अभय श्रीवास्तव, अनीता सक्सेना, अमित श्रीवास्तव, प्रियंता खरे, विभाष सिन्हा, विवेक श्रीवास्तव, विक्रम श्रीवास्तव, आर के सिन्हा, मुकेश, सुमित रावत सहित कई अन्य समाज के गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
कायस्थ महासभा के सदस्यों ने आगे भी इस प्रकार के स्वच्छता अभियानों को निरंतर जारी रखने का संकल्प लिया है ताकि गंगा नदी के घाट हमेशा स्वच्छ और पवित्र बने रहें।
स्थानीय प्रशासन और नगर निगम के अधिकारियों ने भी इस पहल की सराहना की है और कहा कि समाज के इस तरह के सहयोग से ही स्वच्छता का लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है।
स्वच्छता अभियान के दौरान लोगों ने बारिश की चुनौतियों को दरकिनार करते हुए न केवल सामाजिक जिम्मेदारी निभाई, बल्कि यह भी दिखाया कि अगर समाज के सभी वर्ग मिलकर काम करें तो किसी भी समस्या को पार किया जा सकता है।