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Friday, September 26, 2025
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सीएम धामी ने खैनुरी गांव की बच्चियों के मसले को लिया गंभीरता से, उठाएंगे ठोस कदम

खैनुरी गांव की मासूम बच्चियों की हालत पर मुख्यमंत्री धामी ने लिया संज्ञान, प्रशासन ने बढ़ाया मदद का हाथ

मां से संपर्क कर लौटने को कहा गया, बच्चियों को तत्काल राहत सामग्री पहुंचाई गई

चमोली। चमोली जिले के दूरस्थ खैनुरी गांव में पिता के निधन और मां की अनुपस्थिति में अकेले रह रही दो मासूम बच्चियों – लवली और आरुषि – की भावुक कर देने वाली स्थिति पर मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने तुरंत संज्ञान लिया है। सोशल मीडिया पर इन बच्चियों का एक वीडियो वायरल होने के बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन को तत्काल सहायता पहुंचाने और बच्चियों की हर संभव मदद सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद प्रशासन एक्शन में आया और गुरुवार को समाज कल्याण विभाग तथा तहसील प्रशासन की संयुक्त टीम खैनुरी गांव पहुंची। टीम ने बच्चियों से मुलाकात कर उन्हें खाद्य सामग्री, दैनिक उपयोग की वस्तुएं और जरूरी राहत सामग्री प्रदान की। साथ ही उनके मानसिक और भावनात्मक हालात का भी आकलन किया गया।

जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने बताया कि सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में बच्चियों ने अपनी कठिन परिस्थितियों को साझा किया था। वीडियो में उन्होंने बताया कि उनके पिता का देहांत हो चुका है और मां भी काफी समय से साथ नहीं हैं, जिससे उन्हें रोजमर्रा की जिंदगी में कई मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

प्रशासन ने इस वीडियो को गंभीरता से लेते हुए त्वरित कार्रवाई की। अधिकारियों ने बच्चियों की मां से संपर्क स्थापित कर उनकी बेटियों की स्थिति की जानकारी दी और उन्हें जल्द से जल्द घर लौटने की अपील की। इस पर महिला ने प्रशासन को आश्वस्त किया कि वह शीघ्र ही वापस गांव लौटेंगी।

इस बीच जिलाधिकारी ने उपजिलाधिकारी को निर्देश दिए हैं कि बच्चियों को राज्य सरकार की उन सभी योजनाओं का लाभ प्राथमिकता के आधार पर उपलब्ध कराया जाए, जिनके वे पात्र हैं। इसके अतिरिक्त, बच्चियों की सुरक्षा, शिक्षा और मानसिक स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए लगातार निगरानी रखने के भी निर्देश दिए गए हैं।

प्रशासन की इस त्वरित कार्रवाई से गांववासियों और आमजन में सरकार के प्रति विश्वास भी बढ़ा है। यह घटना न सिर्फ प्रशासनिक संवेदनशीलता का उदाहरण बनी है, बल्कि इस बात की भी मिसाल है कि सोशल मीडिया के माध्यम से उठी एक आवाज किस तरह जनहित में असरदार साबित हो सकती है

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