21.8 C
New York
Monday, October 14, 2024
spot_img

सीएम धामी की बड़ी घोषणा ‘उत्तराखंड में जल्द लागू हो सकता है भू कानून’

निकाय क्षेत्र से बाहर एक ही परिवार के विभिन्न सदस्यों की खरीदी जमीन सरकार में निहित होगी

2017 के भू कानून के बदलाव के परिणाम सकारात्मक नहीं रहे- सीएम धामी

भूमि का उपयोग तय प्रयोजन से अलग करने पर वो भूमि भी सरकार वापस लेगी

धामी सरकार अगले बजट सत्र में वृहद भू-कानून लाएगी

देहरादून। सख्त भू कानून को लेकर जारी कशमकश के बीच सीएम धामी प्रेस से रूबरू हुए। शुक्रवार को अपराह्न तीन बजे सीएम ने भू कानून और उससे जुड़े नियमों को लेकर सरकार की कोशिशों को सामने रखा।

मुख्य बात यह उभर कर आयी कि धामी सरकार पूर्व सीएम त्रिवेंद्र के समय भू कानून में किये गए संशोधन को एक बार फिर बदलेगी। जमीन खरीद में डीएम को मिले अधिकार व अधिकतम 12.5 एकड़ भूमि खरीद को समाप्त करने सम्बन्धी नियम भी बदले जाएंगे। सीएम ने दो टूक शब्दों में कहा कि 2017 के बदलाव के सकारात्मक परिणाम नहीं मिले।

सीएम धामी की यह घोषणा काफी अहम मानी जा रही है। गौरतलब है कि बीसी खंडूडी के समय सख्त भू कानून की झलक दिखी थी। हाल ही में पूर्व सीएम कोश्यारी ने भी खंडूडी के भू कानून की तारीफ की थी।
इधर, सीएम धामी ने पूर्व सीएम त्रिवेंद्र काल के भू कानून के कुछ प्रावधान खत्म करने के साफ संकेत दिए। यही नहीं, निकाय क्षेत्र से बाहर अलग-अलग नामों से खरीदी गयी जमीन सरकार में निहित करने की बात कही। और यह भी कहा कि अगर भूमि का उपयोग तय प्रयोजन से अलग किया जा रहा है या नहीं किया जा रहा है तो वो भूमि भी सरकार वापस लेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में उत्तराखण्ड में नगर निकाय क्षेत्र से बाहर ढाई सौ वर्ग मीटर भूमि कोई भी व्यक्ति बिना अनुमति खरीद सकता है, परंतु ऐसा संज्ञान में आया है कि एक ही परिवार में अलग-अलग नामों से भूमि क्रय करके उक्त प्रावधानों का उल्लंघन किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम इसकी जांच करायेंगे और जिन भी व्यक्तियों ने ऐसा किया है उनकी भूमि राज्य सरकार में निहित की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में जिन भी व्यक्तियों ने पर्यटन, उद्योग आदि व्यवसायिक गतिविधियों के लिए अनुमति लेकर भूमि क्रय की है, परंतु उस भूमि का उपयोग इस प्रयोजन हेतु नहीं किया, ऐसी जमीनों का विवरण तैयार करा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों के विरुद्ध भी सख्त कार्यवाही की जायेगी और उनकी जमीनें राज्य सरकार में निहित की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह भी संज्ञान में आया है कि भूमि क्रय संबंधी नियमों में वर्ष 2017 में जो बदलाव किए गए थे, उनका परिणाम सकारात्मक नहीं रहा है। (जैसे 12.5 एकड़ की अधिकतम सीमा को खत्म कर देना, जो अनुमति शासन स्तर पर मिलती थी उसके लिए जिले के अधिकारियों को अधिकृत कर देना आदि)। उन्होंने कहा कि ऐसे प्राविधानों की समीक्षा की जायेगी और आवश्यक हुआ तो इन प्रावधानों को समाप्त कर दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड के मूल स्वरूप को बचाने के उद्देश्य से उठाए जा रहे इन कदमों से किसी भी ऐसे व्यक्ति या संस्थाओं को परेशान होने की आवश्यकता नहीं है, जिनके निवेश से उत्तराखंड में पर्यटन, शिक्षा, उद्योग, व्यापार आदि विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार सृजन होता है तथा अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार भू कानून एवं मूल निवास के मुद्दे को लेकर संवदेनशील है और हम अगले बजट सत्र में उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्थितियों के अनुरूप एक वृहद भू कानून लाने हेतु प्रयासरत हैं।

उन्होंने कहा कि जिस प्रकार मार्च 2021 से अब तक लंबे समय से चले आ रहे विभिन्न मामलों का निस्तारण हमारी सरकार ने ही किया है, उसी प्रकार मैं, उत्तराखंड की जनता को यह विश्वास दिलाता हूं कि भू कानून के मुद्दे का समाधान भी हमारी सरकार ही करेगी।

यूसीसी पर पूछे गए सवाल पर सीएम धामी ने कहा कि अभी इस मुद्दे पर समीक्षा बैठक जारी है। यह भी साफ हुआ कि राज्य स्थापना दिवस नौ नवंबर को यूसीसी लागू होने की संभावना कम ही नजर आ रही है।

गौरतलब है कि बीते साल से प्रदेश में सख्त भू कानून और मूल निवास को लेकर युवाओं के आंदोलन ने काफी तेजी पकड़ी है। हाल ही में गैरसैंण में भी विशाल प्रदर्शन हुआ।

Related Articles

Stay Connected

0FansLike
3,912FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles