मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का हुआ भव्य सम्मान, कहा—यह उत्तराखंड की सवा करोड़ जनता के विश्वास और समर्थन का प्रतीक है
देहरादून। गुरुवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय स्थित मुख्य सेवक सदन में आयोजित एक गरिमामयी समारोह में हिस्सा लिया, जिसका आयोजन अर्पित फाउंडेशन द्वारा उनके सम्मान में किया गया था। इस अभिनंदन समारोह में राज्य के विभिन्न क्षेत्रों से समाजसेवी, राजनेता, संत, और सैन्य संगठन के प्रतिनिधियों की उपस्थिति ने आयोजन को विशेष बना दिया।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री धामी को सम्मानित किया गया, जिस पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि यह सम्मान उनका व्यक्तिगत नहीं, बल्कि उत्तराखंड की सवा करोड़ जनता का है, जिन्होंने बीते वर्षों में हर नीतिगत और ऐतिहासिक निर्णय में सरकार का दृढ़ता से साथ दिया। उन्होंने कहा कि यह जनसमर्थन ही राज्य में सुशासन और पारदर्शिता को साकार करने की प्रेरणा बना है।
नकल विरोधी कानून से युवाओं को मिला नया विश्वास
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि राज्य सरकार ने युवाओं के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए कई प्रभावी कदम उठाए हैं। उन्होंने उल्लेख किया कि पहले राज्य में नकल, पेपर लीक और भ्रष्टाचार जैसी समस्याओं के चलते परीक्षाओं की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिह्न लग जाता था और युवाओं के सपने अधूरे रह जाते थे। लेकिन अब उत्तराखंड देश का पहला राज्य है, जहाँ सबसे कठोर नकल विरोधी कानून लागू किया गया है, जिसके परिणामस्वरूप अब प्रतियोगी परीक्षाएं पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से संपन्न हो रही हैं। उन्होंने जानकारी दी कि बीते साढ़े तीन वर्षों में 23,000 से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी प्रदान की जा चुकी है, जो राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
महिला सशक्तिकरण के लिए योजनाओं का विस्तार
मुख्यमंत्री धामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि केंद्र सरकार द्वारा महिलाओं के लिए अनेक कल्याणकारी योजनाएं शुरू की गई हैं—जैसे उज्ज्वला योजना, लखपति दीदी योजना और संसद में एक तिहाई आरक्षण। इन सभी योजनाओं का उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक रूप से सशक्त बनाना है।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखंड सरकार ने भी इसी दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। मुख्यमंत्री नारी सशक्तिकरण योजना, महालक्ष्मी योजना, वात्सल्य योजना, आंचल अमृत योजना और पोषण अभियान जैसे प्रयासों से राज्य में महिलाओं और बच्चों के कल्याण को नई दिशा मिली है।
समान नागरिक संहिता लागू करने वाला पहला राज्य बना उत्तराखंड
मुख्यमंत्री ने गर्वपूर्वक बताया कि उत्तराखंड देश का पहला राज्य है, जहाँ समान नागरिक संहिता (UCC) को सफलतापूर्वक लागू किया गया है। इससे न केवल समाज में समरसता बढ़ी है, बल्कि महिलाओं को कानूनी और सामाजिक रूप से समान अधिकार भी सुनिश्चित हुए हैं। उन्होंने कहा कि लिव-इन रिलेशनशिप का पंजीकरण अनिवार्य करके महिलाओं और बच्चों को कानूनी सुरक्षा देने का साहसिक निर्णय लिया गया है।
धर्मांतरण और लव जिहाद के खिलाफ सख्ती
अपने वक्तव्य में मुख्यमंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि राज्य में धर्मांतरण, लव जिहाद और लैंड जिहाद जैसी देशविरोधी गतिविधियों पर सरकार द्वारा सख्त कार्रवाई की जा रही है। दंगारोधी कानून और सख्त भू-कानून लागू कर राज्य को अधिक सुरक्षित और संरक्षित बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह सभी निर्णय उत्तराखंड को एक आदर्श, सुरक्षित और समावेशी राज्य बनाने की दिशा में उठाए गए ठोस कदम हैं।
मुख्यमंत्री धामी ने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी सरकार केवल नीतिगत बदलावों तक सीमित नहीं है, बल्कि प्रत्येक योजना को ज़मीन पर प्रभावी रूप से लागू करने की दिशा में गंभीर प्रयास किए जा रहे हैं।
कार्यक्रम में विशिष्टजन हुए शामिल
इस सम्मान समारोह में कई संत महात्मा और गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे, जिनमें स्वामी चिदानंद मुनि महाराज, स्वामी यतींद्रानंद गिरी, स्वामी कृष्ण गिरी, स्वामी भरत गिरी, वरिष्ठ भाजपा नेता श्री श्याम जाजू, विधायक श्री दुर्गेश्वर लाल, अर्पित फाउंडेशन की अध्यक्ष श्रीमती हनी पाठक, सहित सामाजिक और सैनिक संगठनों के प्रतिनिधि शामिल थे।
कार्यक्रम में उपस्थित सभी गणमान्य व्यक्तियों ने मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व की सराहना करते हुए उन्हें अपनी शुभकामनाएं दीं और राज्य के चहुँमुखी विकास के लिए समर्थन जताया।