उत्तराखंड पत्रकार यूनियन ने DGP से मुलाकात कर पत्रकार उत्पीड़न पर जताई आपत्ति
देहरादून। उत्तराखंड पत्रकार यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष आशीष ध्यानी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को पुलिस मुख्यालय (PHQ) में पुलिस महानिदेशक (DGP) दीपम सेठ से मुलाकात की। इस दौरान कोटद्वार के पत्रकार सुधांशु थपलियाल पर पुलिसिया उत्पीड़न और फर्जी मुकदमे में फंसाने के मामले पर विस्तार से चर्चा हुई। यूनियन ने इस घटना को पत्रकारिता की स्वतंत्रता और लोकतांत्रिक मूल्यों पर हमला करार दिया और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ तत्काल सख्त कार्रवाई की मांग की।
यूनियन के पदाधिकारियों ने बताया कि पत्रकार सुधांशु थपलियाल को 29 जनवरी की रात 10:30 बजे कोटद्वार पुलिस द्वारा उनके घर से जबरन उठा लिया गया। पूरी रात उन्हें थाने में प्रताड़ित किया गया और उन पर झूठे मुकदमे दर्ज कर दिए गए। यूनियन ने यह भी स्पष्ट किया कि यह पूरा मामला इसलिए हुआ क्योंकि पत्रकार सुधांशु ने एक सड़क दुर्घटना के मामले में पुलिस की लापरवाही को उजागर किया था।
DGP ने निष्पक्ष जांच और सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया
DGP दीपम सेठ ने यूनियन के प्रतिनिधिमंडल की बात को गंभीरता से सुना और आश्वासन दिया कि पत्रकारों की सुरक्षा उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने मामले की जांच पुलिस महानिरीक्षक (IG) गढ़वाल राजीव स्वरूप को सौंपते हुए निर्देश दिया कि एक हफ्ते के भीतर जांच रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। उन्होंने कहा कि जांच पूरी होने के बाद दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी और यूनियन को भी जांच रिपोर्ट से अवगत कराया जाएगा।
DGP ने कहा कि पत्रकारों की स्वतंत्रता और सुरक्षा को सुनिश्चित करना पुलिस प्रशासन की जिम्मेदारी है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर किसी पुलिस अधिकारी द्वारा अपने अधिकारों का दुरुपयोग कर पत्रकारों को परेशान किया जाता है, तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
पत्रकारों और पुलिस के बीच बेहतर समन्वय बनाने पर जोर
DGP ने इस दौरान पत्रकारों और पुलिस के बीच बेहतर संवाद और समन्वय की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि कई बार सूचनाओं के आदान-प्रदान में कमी के कारण गलतफहमियां पैदा होती हैं, जिससे विवाद की स्थिति उत्पन्न होती है। यूनियन के पदाधिकारियों ने इस पर सुझाव दिया कि नियमित संवाद और संयुक्त संगोष्ठियों के माध्यम से इस तरह की समस्याओं को दूर किया जा सकता है।
DGP ने इस सुझाव को महत्वपूर्ण मानते हुए कहा कि निकट भविष्य में पुलिस और पत्रकारों के बीच नियमित संवाद स्थापित किया जाएगा, ताकि दोनों पक्षों को एक-दूसरे की कार्यशैली और चुनौतियों को बेहतर ढंग से समझने का अवसर मिले। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि पुलिस और मीडिया दोनों समाज की बेहतरी के लिए काम करते हैं और इसलिए एक स्वस्थ कार्य संबंध बनाए रखना आवश्यक है।
ड्रग्स के खिलाफ अभियान में मीडिया से सहयोग की अपील
बैठक के दौरान DGP दीपम सेठ ने उत्तराखंड में बढ़ते नशे के मामलों पर चिंता व्यक्त की और कहा कि ड्रग्स के खिलाफ चल रहे पुलिस अभियान को सफल बनाने में मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है। उन्होंने यूनियन से अपील की कि वह आम जनता को नशे के खिलाफ जागरूक करने में पुलिस का सहयोग करे।
उन्होंने कहा कि नशे के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए पुलिस ने कई कड़े कदम उठाए हैं, लेकिन इसके खिलाफ एक सामाजिक आंदोलन की जरूरत है। मीडिया इस मुहिम को व्यापक स्तर पर जनता तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभा सकता है। उन्होंने सुझाव दिया कि पत्रकार अपने समाचारों और रिपोर्टों के माध्यम से लोगों को नशे के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक करें।
यूनियन के प्रतिनिधियों ने इस पहल का समर्थन करते हुए कहा कि वे इस मुहिम को जनता तक पहुंचाने में हरसंभव सहयोग करेंगे। उन्होंने कहा कि मीडिया समाज का दर्पण होता है और यदि मीडिया और पुलिस मिलकर काम करें, तो समाज में सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है।
प्रतिनिधिमंडल में ये वरिष्ठ पत्रकार शामिल रहे
उत्तराखंड पत्रकार यूनियन के इस प्रतिनिधिमंडल में प्रदेश अध्यक्ष आशीष ध्यानी, प्रदेश महासचिव हरीश जोशी, वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष तिलकराज, प्रदेश संगठन मंत्री इंद्रेश कोहली, प्रदेश संयुक्त मंत्री राजकिशोर तिवारी, प्रदेश प्रचार मंत्री शशि शेखर और प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य सचिन गौनियाल शामिल रहे।
प्रतिनिधिमंडल ने इस मुलाकात को सकारात्मक बताते हुए कहा कि उन्हें उम्मीद है कि पुलिस प्रशासन इस मामले में निष्पक्ष कार्रवाई करेगा और भविष्य में पत्रकारों के खिलाफ इस तरह की घटनाएं न हों, इसके लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे। यूनियन ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि इस मामले में न्याय नहीं मिला, तो वे बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन करने से पीछे नहीं हटेंगे।
इस बैठक से स्पष्ट हुआ कि पत्रकारों की स्वतंत्रता और सुरक्षा को लेकर यूनियन पूरी तरह गंभीर है और किसी भी तरह के उत्पीड़न को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। DGP ने निष्पक्ष जांच और पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया, साथ ही पत्रकारों और पुलिस के बीच समन्वय बढ़ाने के लिए ठोस कदम उठाने पर सहमति बनी। इसके अलावा, ड्रग्स के खिलाफ अभियान में मीडिया की भागीदारी को लेकर भी सकारात्मक चर्चा हुई।
यूनियन ने यह भी दोहराया कि यदि जांच में देरी या अनदेखी की गई, तो वे बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन करने और कानूनी कार्रवाई करने के लिए बाध्य होंगे।