उत्तराखंड के धार्मिक स्थलों के लिए बनेगा विस्तृत मास्टर प्लान, तीर्थ यात्रियों की सुरक्षा और सुविधाएं होंगी प्राथमिकता
हरिद्वार की घटना के बाद सीएम ने दिए व्यापक दिशा-निर्देश, पर्यटन विभाग को जिम्मेदारी सौंपी
उत्तराखंड के धार्मिक स्थलों पर श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या और तीर्थयात्रा के दौरान सामने आ रही अव्यवस्थाओं को देखते हुए अब प्रदेश सरकार बड़े स्तर पर योजना बनाने जा रही है। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर राज्य सरकार ने सभी प्रमुख तीर्थ स्थलों के लिए एक समग्र और दीर्घकालिक मास्टर प्लान तैयार करने का निर्णय लिया है। इसके तहत तीर्थ यात्रियों की सुरक्षा, भीड़ प्रबंधन, आपातकालीन सेवाएं, और जनसुविधाएं सुनिश्चित की जाएंगी।
मुख्यमंत्री कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री श्री आरके सुधांशु ने सचिव पर्यटन को इस बाबत आधिकारिक आदेश जारी कर दिए हैं। इसमें निर्देश दिया गया है कि मास्टर प्लान तैयार करते समय हर तीर्थ स्थल की विशेष परिस्थितियों, स्थानीय जरूरतों और यात्रियों की संख्या को ध्यान में रखते हुए कार्य योजना बनाई जाए।
मनसा देवी हादसे के बाद तेजी से एक्शन में आई सरकार
यह निर्णय उस दुखद घटना के बाद लिया गया है जो हाल ही में 27 जुलाई को हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर में हुई थी, जहां भीड़ के कारण अव्यवस्था फैल गई थी। घटना के तुरंत बाद मुख्यमंत्री ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर तीर्थ स्थलों की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर चिंता जताई। उसी दिन उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए थे कि राज्य के सभी प्रमुख धार्मिक स्थलों के लिए एक मजबूत मास्टर प्लान तैयार किया जाए, जिससे भविष्य में इस तरह की घटनाएं रोकी जा सकें।
ये प्रावधान होंगे प्रस्तावित मास्टर प्लान में
निर्देशों के अनुसार मास्टर प्लान में निम्नलिखित बिंदुओं को शामिल किया जाएगा:
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भीड़ नियंत्रण की वैज्ञानिक व्यवस्था
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धार्मिक स्थलों की अधिकतम धारण क्षमता का आंकलन और उसी के अनुरूप विकास
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प्रवेश और निकास के लिए पृथक मार्गों की व्यवस्था
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प्रतीक्षा एवं विश्राम के लिए अतिरिक्त स्थलों की व्यवस्था
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आपातकालीन निकासी (इवैकुएशन) की पूर्व तैयारी और स्पष्ट मार्ग
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शुद्ध पेयजल, शौचालय, प्राथमिक उपचार जैसी आवश्यक सुविधाएं
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डिजिटल सूचना व मार्गदर्शन प्रणाली
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सुनियोजित पार्किंग व्यवस्था
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पर्याप्त संख्या में सुरक्षा कर्मियों की तैनाती और निगरानी प्रणाली
मंडलायुक्तों की होगी विशेष भूमिका
मास्टर प्लान के निर्माण और क्रियान्वयन में कुमाऊं एवं गढ़वाल मंडलों के मंडलायुक्तों की विशेष भूमिका तय की गई है। उनसे अपेक्षा की गई है कि वे स्थानीय स्तर पर स्थलों का निरीक्षण कर, बाधाओं की पहचान करें और समयबद्ध समाधान सुनिश्चित कराएं।
साथ ही निर्देश दिए गए हैं कि तीर्थ स्थलों तक पहुंचने वाले मार्गों पर यदि अवैध अतिक्रमण हुआ है तो उसे प्राथमिकता के आधार पर हटाया जाए ताकि यात्रियों की आवाजाही सुगम हो सके।
मुख्यमंत्री का विजन: श्रद्धा और सुविधा का संतुलन
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने इस दिशा में अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए कहा:
“उत्तराखंड देवभूमि है, जहां प्रति वर्ष करोड़ों श्रद्धालु तीर्थ दर्शन को आते हैं। श्रद्धालुओं की सुरक्षा, सुविधा और श्रद्धा के भाव को ठेस न पहुंचे—इसके लिए सभी तीर्थ स्थलों पर सुव्यवस्थित मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है। हमारा उद्देश्य है कि धार्मिक आस्था के इन केंद्रों पर यात्री सुखद और सुरक्षित अनुभव लेकर लौटें।”