उत्तराखंड सरकार की कैबिनेट बैठक: आबकारी नीति 2025-26 पर टिकी निगाहें
बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी करेंगे
उत्तराखंड सरकार की आज होने वाली कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण एजेंडों पर चर्चा की जाएगी, लेकिन सबसे ज्यादा ध्यान प्रस्तावित आबकारी नीति 2025-26 पर केंद्रित है। इस नीति को लेकर तमाम अटकलें लगाई जा रही हैं, और सरकार के फैसले का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है। खासकर प्रदेशभर में सरकारी नीति के तहत संचालित शराब ठेकों के संचालन को लेकर कई तरह की चर्चाएं हो रही हैं।
इस वर्ष शराब ठेकों के संचालन को लेकर मुख्य सवाल यह है कि क्या इन्हें लॉटरी सिस्टम के माध्यम से आवंटित किया जाएगा या फिर बीते वर्ष की तरह ही नवीनीकरण (रिन्युवल) की प्रक्रिया को अपनाया जाएगा। जानकारों का मानना है कि सरकार ठेकों के रिन्युवल का ही निर्णय ले सकती है, क्योंकि लॉटरी प्रक्रिया अपनाने के लिए पर्याप्त समय नहीं बचा है। लॉटरी के माध्यम से ठेका आवंटन करने में समय और प्रक्रियात्मक बाधाएं हो सकती हैं, इसलिए संभावना जताई जा रही है कि सरकार इस बार भी पुरानी व्यवस्था को जारी रखेगी।
आबकारी नीति को लेकर गोपनीयता बरकरार
इस बार आबकारी नीति को लेकर जबरदस्त गोपनीयता बरती जा रही है। चर्चा है कि सिर्फ दो लोगों—एक सरकारी और एक निजी व्यक्ति—को ही इस नीति की पूरी जानकारी है, जबकि अन्य किसी को इसकी विस्तृत जानकारी तक नहीं दी गई है। कहा जा रहा है कि नीति को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है और अवकाश के दिन एक खास इलाके में स्थित एक शानदार कोठी में इसे अंतिम स्वरूप दिया गया। इसके बावजूद, अंतिम निर्णय और आधिकारिक घोषणा का सभी को इंतजार है।
इस बार आबकारी नीति में कुछ बदलाव होने की भी संभावना जताई जा रही है। FL-2 की वर्तमान व्यवस्था को जारी रखने की चर्चा तेज है। FL-2 लाइसेंस होटल, रेस्तरां और क्लबों में शराब परोसने की अनुमति देता है, और इसे पहले की तरह बनाए रखने की संभावना जताई जा रही है। इसके अतिरिक्त, एक नई अवधारणा ‘सुपर FL-2’ को लेकर भी चर्चाएं हो रही हैं। हालांकि, अभी तक इस पर कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है, लेकिन इसको लेकर अलग-अलग स्तरों पर मंथन किया जा रहा है। यदि ‘सुपर FL-2’ को लागू किया जाता है, तो इससे शराब के व्यापार और वितरण में कुछ नए प्रावधान जोड़े जा सकते हैं।
क्या होंगे संभावित फैसले
इस बैठक में सरकार अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी विचार करेगी, लेकिन आबकारी नीति को लेकर सबसे अधिक उत्सुकता बनी हुई है। यदि ठेका आवंटन के लिए लॉटरी प्रक्रिया को अपनाया जाता है, तो यह पूरी व्यवस्था को बदल सकता है और नए ठेकेदारों को मौका मिल सकता है। वहीं, यदि पुरानी व्यवस्था को जारी रखा जाता है, तो मौजूदा ठेकेदारों को राहत मिलेगी।
इसके अलावा, शराब की बिक्री और वितरण को लेकर भी कुछ नए नियम लागू किए जा सकते हैं। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार शराब नीति में कुछ ऐसे बदलाव कर सकती है जिससे राजस्व में बढ़ोतरी हो। हालांकि, अंतिम निर्णय क्या होगा, यह तो बैठक के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा।
अभी तक सरकार की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन सूत्रों के अनुसार, नीति को पूरी तरह से अंतिम रूप दिया जा चुका है। अब सिर्फ कैबिनेट की मुहर लगना बाकी है, जिसके बाद इसे सार्वजनिक किया जाएगा। जब तक आधिकारिक रूप से घोषणा नहीं होती, तब तक इन सभी चर्चाओं को सिर्फ संभावनाओं के रूप में ही देखा जा सकता है।