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Tuesday, May 20, 2025
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सरकारी निर्माण पर विवाद, दारोगा और अपर सचिव में जुबानी जंग

देखें वीडियो, रास्ते की जंग…पुलिस दारोगा का ‘अंदाज’ और अपर सचिव का जवाब
सीएस, वित्त सचिव,डीजीपी व डीएम के हस्तक्षेप के बाद पुलिस हुई अलर्ट
सरकारी संस्थान की दीवार गिराने पर मुकदमा दर्ज

 

देहरादून उत्तराखण्ड शासन में अपर सचिव अरुणेंद्र चौहान से एक दारोगा की आक्रामक गर्मागर्मी से लबरेज अंदाज खूब वॉयरल हो रहा है।
सरकारी भूमि की तार बाड़ काटने व निर्माणाधीन दीवार को गिराने की सूचना पर मौके पर पहुंचे वित्त अपर सचिव ने जब घटना का जायजा लिया तो दारोगा महोदय काफी उत्तेजित हो गए। और शासन के उच्चाधिकारी से मुँहजोरी कर बैठे। दोनों के बीच काफी देर तक उत्तेजक बहस होती रही ।

और फिर, सत्ता के गलियारे में फोन घनघनाने के बाद दून पुलिस हरकत में आई। और मामले से जुड़े लोगों पर मुकदमा भी दर्ज किया।

दारोगा और अपर सचिव की गर्मागर्मी से जुड़ा वीडियो 16 अप्रैल का बताया जा रहा है। दरअसल, तकनीकी विवि ( झाझरा/सेलाकुई) के पास उत्तराखंड सरकार का राज्य स्तरीय अनुसंधान और वित्त प्रशिक्षण केंद्र है।
इस सरकारी संस्थान के पास ही कुछ लोगों की कई बीघा जमीन है। निजी जमीन मालिकों के पास अपना कोई सीधा रास्ता नहीं होने की बात भी सामने आई है।

निजी भू मालिकों की कोशिश है कि सरकारी संस्थान से जुड़े रास्ते के इस्तेमाल की अनुमति मिल जाय। ऐसा होने पर उनकी निजी भूमि तक रास्ते की सुविधा हो जाएगी । और जमीन के दामों में भी भारी उछाल आया जाएगा। लेकिन सरकारी संस्थान ने अपना रास्ता बन्द किया हुआ है। तारबाड़ व दीवार होने से निजी भू स्वामियों को उचित रास्ता नहीं मिल पा रहा है।

बीते दिनों संस्थान की तार बाड़ काट दी गयी। और दीवार भी गिरा दी गयी। मामले की तहरीर दी गयी लेकिन एक्शन नही हुआ।

दारोगा

वित्त प्रशिक्षण केंद्र की तार बाड़ को काटे जाने और निर्माणाधीन दीवार को गिराने के बाद अपर सचिव अरुणेंद्र चौहान 16 अप्रैल को मौके पर पहुंचे।
इस बीच, झाझरा चौकी के दारोगा भी घटनास्थल पर पहुंचे। दारोगा और अपर सचिव के बीच काफी गर्मागर्मी हुई।

तल्ख बहस के दौरान चौहान ने तार बाड़ कटने के बाद झाझरा पुलिस चौकी में दी गयी तहरीर पर कार्रवाई नहीं होने का भी हवाला भी दिया गया।

गर्मागर्मी के बाद अपर सचिव ने मुख्य सचिव, डीजीपी, वित्त सचिव दिलीप जावलकर को पूरे मामले से अवगत कराया। सरकारी भूमि के निर्माण को रोकने व सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाने के बाबत शासन को रिपोर्ट सौंपी गयी।
शासन में मची हलचल के बाद मुकदमा दर्ज होने के साथ दारोगा को अन्यत्र भेजे जाने की भी खबर है।

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