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Monday, May 19, 2025
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बदरीनाथ में फास्टैग से शुल्क वसूली, यात्री जाम से बचेंगे

बदरीनाथ धाम में अब नहीं लगेगा ट्रैफिक जाम, फास्टैग से वसूला जाएगा इको पर्यटक शुल्क

बदरीनाथ धाम की ओर जाने वाले तीर्थयात्रियों के लिए इस वर्ष से एक नई व्यवस्था लागू की जा रही है, जिससे यात्रा मार्ग पर लगने वाले जाम से राहत मिलेगी। नगर पंचायत बदरीनाथ अब वाहनों से इको पर्यटक शुल्क फास्टैग के माध्यम से वसूल करेगी। यह शुल्क अभी तक नगद या क्यूआर कोड के जरिये लिया जाता था, जिससे यात्रा के दौरान वाहन रुकते थे और मार्ग पर जाम की स्थिति बन जाती थी। विशेष रूप से चारधाम यात्रा के दौरान जब प्रतिदिन हजारों वाहन बदरीनाथ पहुंचते हैं, तब यह समस्या और भी गंभीर हो जाती थी।

धाम के प्रवेश पर स्थित देवदर्शनी नामक चेक पोस्ट पर यह शुल्क वसूला जाता है। अब फास्टैग के माध्यम से यह प्रक्रिया पूरी तरह डिजिटल हो जाएगी, जिससे वाहनों को रुकने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी और जाम की स्थिति में सुधार आएगा। नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी सुनील पुरोहित ने बताया कि इस नई व्यवस्था के तहत बसों से ₹100 और छोटे वाहनों से ₹70 इको पर्यटक शुल्क फास्टैग से स्वतः काटा जाएगा। इसके लिए टेंडर प्रक्रिया भी शुरू हो गई है और योजना है कि चारधाम यात्रा शुरू होने से पहले यह व्यवस्था पूरी तरह लागू कर दी जाए।

ज्योतिर्मठ के एसडीएम चंद्रशेखर वशिष्ठ ने भी इस निर्णय की पुष्टि करते हुए कहा कि यह कदम यातायात प्रबंधन को आसान बनाएगा और पुलिस तथा प्रशासन को बार-बार जाम खुलवाने की परेशानी से राहत मिलेगी। वहीं, हेलीकॉप्टर सेवाओं से इको पर्यटक शुल्क पहले की तरह मैनुअली ही वसूला जाएगा। यात्राकाल के दौरान विभिन्न हेली कंपनियों द्वारा संचालित उड़ानों से प्रति हेलीकॉप्टर ₹1000 शुल्क लिया जाएगा।

बदरीनाथ धाम में एकत्रित इको पर्यटक शुल्क का उपयोग क्षेत्र में पर्यावरण संरक्षण की गतिविधियों में किया जाता है। धाम में प्रतिदिन टनों कचरा एकत्र होता है, जिसे प्रबंधित करने के लिए सफाई अभियान, कूड़ा प्रबंधन और पुनर्चक्रण जैसी परियोजनाएं चलाई जाती हैं। इसके अलावा, देश के अंतिम गांव माणा में भी इस शुल्क से पर्यावरणीय कार्य किए जाते हैं।

यह नई व्यवस्था यात्रियों के लिए सुविधाजनक तो होगी ही, साथ ही बदरीनाथ धाम की प्राकृतिक सुंदरता और पर्यावरण संतुलन को बनाए रखने में भी सहायक सिद्ध होगी। नगर पंचायत बदरीनाथ की यह पहल एक डिजिटल, व्यवस्थित और पर्यावरण हितैषी कदम के रूप में सराही जा रही है

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