देहरादून। पत्रकार कल्याण कोष एवं मुख्यमंत्री पत्रकार सम्मान पेंशन योजना की समिति की महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें आर्थिक सहायता से संबंधित विभिन्न प्रकरणों पर निर्णय लिए गए। यह बैठक पत्रकारों की भलाई और उन्हें आवश्यक आर्थिक संबल प्रदान करने के उद्देश्य से आयोजित की गई थी।
बैठक के दौरान पत्रकार कल्याण कोष के अंतर्गत कुल 11 प्रकरणों पर विस्तृत विचार-विमर्श किया गया। चर्चा के उपरांत समिति ने पात्रता की कसौटी पर खरे उतरने वाले 6 प्रकरणों को मंजूरी प्रदान की और उनके लिए कुल रु. 30 लाख की आर्थिक सहायता देने की संस्तुति की गई। यह सहायता उन पत्रकारों के परिवारों के लिए संजीवनी साबित होगी, जो संकट की घड़ी में आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं।
विशेष रूप से, दिवंगत पत्रकार स्व. मंजुल सिंह माजिला के परिवार को भी समिति द्वारा आर्थिक सहायता प्रदान करने की संस्तुति की गई। यह निर्णय पत्रकारों और उनके परिवारों की सुरक्षा और कल्याण को सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
इस अवसर पर सूचना एवं लोक संपर्क विभाग के महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने बताया कि बैठक में कुछ प्रकरणों के अभिलेख अपूर्ण पाए गए। समिति ने यह निर्णय लिया कि ऐसे प्रकरणों को एक और अवसर प्रदान किया जाएगा, ताकि संबंधित जनपदों के जिला सूचना अधिकारी आवश्यक दस्तावेजों को पूर्ण करवा सकें। अपूर्ण अभिलेखों वाले प्रकरणों को आगामी बैठक में पुनः प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है।
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री पत्रकार सम्मान पेंशन योजना के तहत प्रस्तुत एक प्रकरण पर भी विचार किया गया। समिति ने पाया कि इस प्रकरण में आवश्यक अभिलेखों की कमी थी, जिसके कारण इसे भी आगामी बैठक में प्रस्तुत करने का निर्णय लिया गया।
यह बैठक पत्रकारों के हित में लिए गए निर्णयों की पारदर्शिता और प्रभावशीलता को दर्शाती है। समिति द्वारा लिए गए निर्णयों का अंतिम अनुमोदन मुख्यमंत्री एवं समिति के अध्यक्ष द्वारा किया जाएगा। यह प्रक्रिया यह सुनिश्चित करेगी कि पत्रकारों और उनके परिवारों को समय पर आवश्यक आर्थिक सहायता मिल सके।
बैठक में पत्रकार कल्याण कोष समिति के गैर सरकारी सदस्य एवं वरिष्ठ पत्रकार बीडी शर्मा, डॉ. डीडी मित्तल, सुश्री निशा रस्तोगी, दिनेश जोशी, सूचना विभाग के अपर निदेशक आशीष कुमार त्रिपाठी तथा संयुक्त निदेशक के.एस. चौहान सहित अन्य महत्वपूर्ण अधिकारी उपस्थित थे। उनकी उपस्थिति ने बैठक को अधिक प्रभावी और निर्णयात्मक बनाया।
यह बैठक पत्रकारों के हितों की सुरक्षा और उनके कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल साबित हुई। सरकार की इस तरह की योजनाएं पत्रकारों को उनके कठिन समय में सहारा देने के लिए अत्यंत आवश्यक हैं और यह उनकी सुरक्षा व भविष्य को ध्यान में रखते हुए बनाई गई हैं।