फायरिंग की चपेट में आए मासूम, दो गुटों की भिड़ंत में पांच बच्चे घायल
विवाद में फंसे अराजक तत्वों की फायरिंग ने मासूमों को बनाया निशाना, मोहल्ले में सुरक्षा को लेकर उठे सवाल
रुद्रपुर शहर के वार्ड नंबर 22 स्थित टंकी मोहल्ले में सोमवार देर शाम उस वक्त अफरातफरी मच गई, जब दो गुटों के बीच अचानक फायरिंग शुरू हो गई। यह फायरिंग किसी सुनसान जगह पर नहीं, बल्कि एक रिहायशी इलाके में उस समय हुई, जब कई बच्चे अपने घरों के बाहर सड़क पर खेल रहे थे। गुटों के बीच लंबे समय से वर्चस्व को लेकर तनाव चल रहा था, जो इस दिन हिंसक रूप ले बैठा। घटना के दौरान अराजक तत्वों ने एक-दूसरे पर खुलेआम फायरिंग शुरू कर दी, जिसमें खेल रहे पांच मासूम बच्चों के पैरों में छर्रे लग गए।
घटना में घायल बच्चों की पहचान हर्ष (7), गरिमा (7), तनुज (8), ऋषभ (8) और निखिल (12) के रूप में हुई है। बच्चों ने फायरिंग की आवाज सुनते ही दीवारों के पीछे छिपकर जान बचाने की कोशिश की, लेकिन तब तक कई छर्रे उनके पैरों में लग चुके थे। घायल बच्चे चीखते-चिल्लाते हुए किसी तरह घरों में भागे और पूरे मोहल्ले में कोहराम मच गया। स्थानीय लोग भी अचानक हुई इस घटना से बुरी तरह घबरा गए और मौके पर भारी भीड़ जमा हो गई।
घटना की सूचना मिलते ही बच्चों के परिजन तुरंत मौके पर पहुंचे। हर्ष के पिता गेंदन कोली, जो एक मिठाई की दुकान में काम करते हैं, ने बताया कि उन्हें जैसे ही घटना की जानकारी मिली, वे घर पहुंचे और सभी घायल बच्चों को तत्काल जिला अस्पताल लेकर गए। डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद पांचों बच्चों की गंभीर स्थिति को देखते हुए उन्हें सुशीला तिवारी अस्पताल, हल्द्वानी रेफर कर दिया।
गेंदन कोली का कहना है कि अगर गोली बच्चों के सीने या सिर में लगती, तो उनकी जान भी जा सकती थी। उन्होंने बताया कि दोनों गुट काफी समय से इलाके में माहौल खराब कर रहे हैं और मोहल्ले के लोगों के लिए सिरदर्द बन चुके हैं। उन्होंने अस्पताल से लौटने के बाद पुलिस में तहरीर देने की बात कही है।
स्थानीय निवासियों का भी आरोप है कि यह पहला मौका नहीं है जब टंकी मोहल्ले में इस तरह की अराजकता देखी गई हो। दोनों गुटों के बीच पहले भी कई बार कहासुनी और मारपीट की घटनाएं हो चुकी हैं। लेकिन इस बार मामला इस हद तक पहुंच गया कि बेगुनाह बच्चे इसकी चपेट में आ गए। मोहल्ले में रह रहे लोग इस घटना के बाद से डरे हुए हैं और उन्होंने पुलिस प्रशासन से तत्काल सख्त कार्रवाई की मांग की है।
घटना के बाद मोहल्ले में तनाव का माहौल बना हुआ है। लोगों में आक्रोश है कि प्रशासन समय रहते कार्रवाई नहीं करता, जिससे असामाजिक तत्वों के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं। फिलहाल पुलिस द्वारा मामले की जांच की जा रही है और घटना से जुड़े आरोपियों की पहचान कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।
यह घटना न केवल कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि शहरी क्षेत्रों में आपसी रंजिश और अराजक तत्वों की बढ़ती दबंगई अब आम नागरिकों, खासकर बच्चों की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बनती जा रही है।