बच्चों को भिक्षावृत्ति और बालश्रम से आज़ादी, सशक्त भविष्य की ओर कदम
मुहिम रंग लाई- 57 बच्चों का स्कूल में दाखिला
देहरादून। भिक्षावृत्ति एवं बालश्रम उन्मूलन अभियान के तहत जनपद में अब तक 57 बच्चों को रेस्क्यू कर उनके स्कूलों में दाखिले कराए गए हैं, जिससे उन्हें शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ा जा सके। इन बच्चों का विभिन्न सरकारी एवं निजी स्कूलों में नामांकन कराया गया है ताकि वे अपनी पढ़ाई जारी रख सकें और अपने सर्वांगीण विकास की दिशा में निरंतर प्रगति कर सकें। यह पहल बच्चों के भविष्य को सुरक्षित बनाने तथा उन्हें सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रही है।
राजधानी देहरादून में स्थापित राज्य का पहला आधुनिक इंटेंसिव केयर सेंटर इस बदलाव का केंद्र बना हुआ है। इस केंद्र में बच्चों को कंप्यूटर, संगीत, योग, गेम्स, प्रोजेक्टर आधारित शिक्षा और एक्टिविटी बेस्ड लर्निंग जैसी आधुनिक और प्रभावशाली सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। यहां विशेषज्ञ शिक्षकों की देखरेख में लगभग 50 बच्चे शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं, जो इस केंद्र को एक आदर्श शिक्षा केंद्र के रूप में स्थापित करता है। यह केंद्र न केवल बच्चों को पढ़ाई में सहायता करता है, बल्कि उन्हें शारीरिक, मानसिक और सांस्कृतिक रूप से भी मजबूत बनाने में योगदान दे रहा है।
सितंबर माह से अब तक पूरे जिले में 300 से अधिक बच्चों को भिक्षावृत्ति और बालश्रम से मुक्त कराया जा चुका है। यह आंकड़ा दर्शाता है कि प्रशासन इस गंभीर समस्या के प्रति कितनी संजीदगी से काम कर रहा है। जिलाधिकारी ने इस अभियान को लेकर कहा कि भिक्षावृत्ति और बालश्रम को जड़ से खत्म करना न केवल प्रशासन की प्राथमिकता है, बल्कि यह हमारी नैतिक जिम्मेदारी भी है। उन्होंने यह भी कहा कि जिला प्रशासन हर संभव प्रयास करेगा कि भिक्षावृत्ति और बालश्रम से पीड़ित कोई भी बच्चा न रहे और हर बच्चे को शिक्षा, सुरक्षा एवं उचित पालन-पोषण मिले।
जिलाधिकारी ने आगे बताया कि इस मुहिम के तहत बच्चों के पुनर्वास के लिए समर्पित कार्यक्रम और योजनाएं लागू की जा रही हैं, जिनमें बच्चों के परिवारों को भी जागरूक करने और उन्हें सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाने का प्रयास शामिल है। साथ ही, सामाजिक संस्थाओं और एनजीओ के साथ मिलकर बच्चों के लिए बेहतर भविष्य सुनिश्चित करने के लिए काम किया जा रहा है। इस तरह की सामूहिक प्रयासों से ही समाज में स्थायी परिवर्तन लाया जा सकेगा और बच्चों को उनके अधिकारों का पूर्ण लाभ मिल सकेगा।

इस अभियान की सफलता से यह स्पष्ट होता है कि समर्पित प्रयास और सही दिशा में काम करने से सामाजिक बुराइयों को कम किया जा सकता है। भिक्षावृत्ति एवं बालश्रम उन्मूलन की इस मुहिम से न केवल बच्चों का जीवन बेहतर होगा, बल्कि यह समग्र रूप से समाज के विकास में भी सहायक सिद्ध होगी। इस दिशा में चल रहे अभियान को और भी व्यापक बनाने के लिए प्रशासन लगातार जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर रहा है ताकि सभी नागरिक इस सामाजिक जिम्मेदारी को समझें और सहयोग करें।
