स्वतंत्रता सेनानियों के उत्तराधिकारियों को मिली बड़ी राहत, डीएम ने सुनवाई कर दिए त्वरित आदेश
देहरादून। देश की आज़ादी के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों को सम्मान और अधिकार दिलाने के लिए प्रशासन ने एक बड़ी पहल की है। शुक्रवार को जिलाधिकारी सोनिका की अध्यक्षता में सेनानियों के उत्तराधिकारियों के साथ आयोजित बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। यह बैठक सिर्फ औपचारिकता नहीं रही, बल्कि इसमें डीएम ने संवेदनशीलता के साथ सभी की बातें सुनीं और तुरंत कई मुद्दों का समाधान भी किया।
बैठक में भाग लेने आए उत्तराधिकारियों को न केवल पूरा समय दिया गया, बल्कि डीएम सोनिका ने स्वयं देर से पहुंचने के लिए उनसे क्षमा भी मांगी। उन्होंने कहा, “आप सब मेरे लिए केवल शिकायतकर्ता नहीं, बल्कि उस बलिदान की निशानी हैं जिसकी वजह से हम आज आज़ाद भारत में सांस ले रहे हैं।”
यह रहे बैठक के अहम निर्णय:
अब स्मार्ट सिटी की बसों में कर सकेंगे निःशुल्क यात्रा
स्वतंत्रता सेनानियों के उत्तराधिकारियों को कल से ही देहरादून स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अंतर्गत संचालित बसों में मुफ्त यात्रा की सुविधा मिलेगी। इसके आदेश बैठक के दौरान ही संबंधित विभाग को दे दिए गए। यह फैसला उन बुजुर्गों के लिए राहत भरा होगा, जिन्हें शहर में आने-जाने में कठिनाई होती थी।
आवास का अधिकार: भूखंड आवंटन की पहल
डीएम ने स्पष्ट कहा कि जिन उत्तराधिकारियों के पास अपना स्थायी आवास नहीं है, उन्हें भूखंड मिलना उनका संवैधानिक और नैतिक हक है। उन्होंने बताया कि इस दिशा में नगर निगम, आवास विभाग और ज़िला प्रशासन मिलकर हरसंभव प्रयास करेंगे। इसके लिए डीएम ने स्वयं नगर निगम मेयर को फोन कर भूखंड आवंटन की प्रक्रिया तेज़ करने का आग्रह किया।
शहीद स्मारकों और भवनों के संरक्षण पर जोर
बैठक में एक अहम मुद्दा पुरानी जजी कलेक्टरेट परिसर में बन रहे सेनानी भवन को लेकर उठाया गया विवाद था। डीएम ने इसे मौके पर ही सुलझा लिया और निर्देश दिया कि भवन निर्माण में पारदर्शिता और जन भावनाओं का पूरा ध्यान रखा जाए।
साथ ही उन्होंने सभी संबंधित विभागों को निर्देशित किया कि स्वतंत्रता सेनानियों के स्मारकों और शहीद स्थलों की देखरेख, जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।
विशेष रूप से:
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पुरानी जेल परिसर में स्थित ऐतिहासिक स्मारकों के जीर्णोद्धार को मंजूरी दी गई।
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बांगखाला क्षेत्र में स्वतंत्रता सेनानियों के नाम पर एक द्वार बनाने के निर्देश एमडीडीए को दिए गए, ताकि आने वाली पीढ़ियां उनके बलिदान को याद रख सकें।
पेंशन एरियर का तुरंत भुगतान
बैठक में 10 उत्तराधिकारियों ने लंबे समय से लंबित पेंशन एरियर की शिकायत रखी। जिलाधिकारी ने मौके पर ही अधिकारियों को निर्देश दिए कि इन सभी मामलों का निस्तारण आज ही किया जाए और भुगतान में कोई देरी न हो।
सम्मान और सेवा भाव से भरी बैठक
इस बैठक की एक और खास बात यह रही कि डीएम सोनिका स्वयं 15 मिनट की देरी से पहुंचीं, और उन्होंने इसकी क्षमा मांगते हुए कहा कि वे एक अन्य बैठक में बुजुर्ग याचकों से मुलाकात कर रही थीं। उनकी यह विनम्रता और संवेदनशीलता सभी उपस्थितजनों को भावुक कर गई।
समाज को मिला संदेश
यह बैठक प्रशासनिक दृष्टिकोण से जितनी अहम रही, मानवीय दृष्टिकोण से उतनी ही प्रेरणादायक भी। इससे यह संदेश गया कि स्वतंत्रता सेनानियों का सम्मान केवल 15 अगस्त और 26 जनवरी तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि उनके परिवारों की समस्याओं को प्राथमिकता से हल करना हमारा राष्ट्रीय कर्तव्य है।