हरिद्वार में जनभावनाओं के अनुरूप नाम परिवर्तन पर मुख्यमंत्री धामी का आभार
“विकास के साथ विरासत का संरक्षण हमारी प्राथमिकता“ – सीएम
हरिद्वार। प्रदेश में जनभावनाओं के अनुरूप विभिन्न स्थानों के नाम परिवर्तन किए जाने पर हरिद्वार के जनप्रतिनिधियों और स्थानीय जनमानस ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भेंट कर उनका आभार व्यक्त किया। विधायक प्रदीप बत्रा और पूर्व विधायक यतीश्वरानंद के नेतृत्व में स्थानीय नागरिकों और जनप्रतिनिधियों का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन पहुंचा, जहां उन्होंने मुख्यमंत्री धामी को धन्यवाद ज्ञापित किया।
गुलामी की मानसिकता से मुक्ति की दिशा में कदम
प्रतिनिधिमंडल में शामिल लोगों ने कहा कि मुख्यमंत्री धामी ने गुलामी की मानसिकता के प्रतीक नामों में बदलाव कर उन्हें भारतीय संस्कृति और परंपराओं के अनुरूप करने का ऐतिहासिक कार्य किया है। उन्होंने कहा कि यह कदम प्रदेशवासियों की वर्षों पुरानी मांग को पूरा करने की दिशा में एक बड़ा निर्णय है।
जनप्रतिनिधियों और संभ्रांत नागरिकों ने कहा कि मुख्यमंत्री ने बीते तीन वर्षों में कई ऐतिहासिक निर्णय लिए हैं, जिनका व्यापक प्रभाव प्रदेश की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्षण पर पड़ा है। इस पहल से उत्तराखंड अपनी पारंपरिक विरासत को मजबूत करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
मुख्यमंत्री धामी का बयान – “हम विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं”
इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रदेश के विभिन्न स्थानों का नामकरण जनभावनाओं को ध्यान में रखते हुए भारतीय संस्कृति की पहचान के अनुरूप किया गया है। उन्होंने कहा, “हमारे पूर्वजों द्वारा जो विरासत हमें प्राप्त हुई है, उसे आगे बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं। विकास के साथ विरासत का संरक्षण हमारी प्राथमिकता है।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार हर वह निर्णय लेगी जो उत्तराखंड, जनता और भारतीय संस्कृति के हित में होगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड इस समय बड़े बदलाव के दौर से गुजर रहा है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश ने जिस तरह विश्व पटल पर अपनी अलग पहचान बनाई है, उसी तरह प्रदेश सरकार भी ऐतिहासिक फैसले लेकर उत्तराखंड को नए आयाम देने का कार्य कर रही है।
अन्य राज्यों के लिए भी उदाहरण बने निर्णय
सीएम धामी ने कहा कि उत्तराखंड सरकार ने पिछले तीन वर्षों में जो ऐतिहासिक निर्णय लिए हैं, वे अन्य राज्यों के लिए भी एक उदाहरण बन चुके हैं। उन्होंने कहा कि सरकार समाज के हर वर्ग की भावनाओं का सम्मान करते हुए नीतिगत फैसले ले रही है, जिससे प्रदेश के गौरव और सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित किया जा सके।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि सरकार विकास कार्यों को गति देने के साथ-साथ राज्य की परंपराओं और ऐतिहासिक धरोहरों को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, “हरिद्वार जैसे धार्मिक और सांस्कृतिक नगरी के मूल स्वरूप को बनाए रखते हुए इसके विकास की दिशा में तेजी से कार्य किए जा रहे हैं।”
भविष्य में भी जारी रहेगा सांस्कृतिक पुनर्जागरण
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में सांस्कृतिक पुनर्जागरण की दिशा में सरकार आगे भी ऐसे फैसले लेती रहेगी, जिससे हमारी परंपराओं और धरोहरों को सहेजा जा सके। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ नाम बदलने का नहीं, बल्कि मानसिकता में बदलाव लाने का भी प्रयास है।
हरिद्वार के प्रतिनिधियों की उपस्थिति
इस मौके पर हरिद्वार जिला पंचायत अध्यक्ष किरण चौधरी, पूर्व विधायक देशराज कर्णवाल, प्रणव कुंवर चैंपियन सहित हरिद्वार के विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े गणमान्य लोग और स्थानीय नागरिक उपस्थित रहे। सभी ने एक स्वर में मुख्यमंत्री के इस ऐतिहासिक निर्णय का स्वागत किया और इसे राज्य की सांस्कृतिक विरासत को मजबूत करने वाला कदम बताया।
हरिद्वार में जनभावनाओं के अनुरूप नाम परिवर्तन किए जाने पर जनप्रतिनिधियों और स्थानीय नागरिकों ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार व्यक्त किया। यह निर्णय केवल नाम बदलने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति को पुनर्स्थापित करने और गुलामी की मानसिकता से मुक्ति की दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है। उत्तराखंड सरकार भविष्य में भी इसी दिशा में कार्य करने के लिए प्रतिबद्ध है, जिससे प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत को सुरक्षित और सशक्त बनाया जा सके।








