भीषण गर्मी में राहत: हल्द्वानी परियोजना के आंगनबाड़ी केंद्रों में 20 जून तक अवकाश घोषित
हल्द्वानी। जिले में बढ़ती भीषण गर्मी और उमस को देखते हुए आखिरकार जिला प्रशासन ने आंगनबाड़ी केंद्रों के नौनिहालों को राहत दी है। जिला प्रशासन ने हल्द्वानी परियोजना के अंतर्गत संचालित समस्त आंगनबाड़ी केंद्रों में 20 जून तक ग्रीष्मकालीन अवकाश घोषित कर दिया है। यह निर्णय बच्चों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, क्योंकि लगातार शिकायतें आ रही थीं कि गर्मी में छोटे बच्चों को केंद्र भेजना उनके स्वास्थ्य के लिए जोखिम भरा हो सकता है।
परिजनों ने जताई थी चिंता
पिछले कई दिनों से जिले में तापमान सामान्य से कहीं अधिक बना हुआ है। जहां जून के पहले सप्ताह से ही विद्यालयों में अवकाश घोषित कर दिया गया था, वहीं आंगनबाड़ी केंद्र पूर्ववत खुले थे। इससे बच्चों के परिजनों में नाराजगी और चिंता का माहौल था। बच्चों को चिलचिलाती धूप में केंद्र तक लाना न केवल मुश्किल था, बल्कि गर्मी के कारण उनकी तबीयत भी बिगड़ने लगी थी।
आंगनबाड़ी केंद्रों में वेंटिलेशन और कूलिंग की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने के चलते बच्चे पसीने से तर-बतर हो रहे थे। कई स्थानों से बच्चों के चक्कर आने, सिरदर्द और थकावट की शिकायतें भी सामने आईं। परिजनों ने यह मुद्दा अधिकारियों तक भी पहुंचाया और अवकाश की मांग की।
डीएम ने लिया संज्ञान
इन परिस्थितियों को देखते हुए जिला अधिकारी वंदना सिंह ने संज्ञान लिया और तत्काल संबंधित विभाग को निर्देश दिए। डीएम कार्यालय की ओर से एक पत्र जारी कर हल्द्वानी परियोजना क्षेत्र में संचालित सभी आंगनबाड़ी केंद्रों को 20 जून तक बंद रखने का आदेश जारी किया गया।
प्रशासन का कहना है कि छोटे बच्चों की सेहत से कोई समझौता नहीं किया जा सकता। चूंकि आंगनबाड़ी केंद्रों में 3 से 6 वर्ष तक के बच्चे आते हैं, ऐसे में भीषण गर्मी में उन्हें केंद्र बुलाना स्वास्थ्य के लिए खतरा बन सकता है।
कार्यकर्ताओं को भी मिली राहत
इस अवकाश से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को भी कुछ राहत मिली है, जो अत्यधिक गर्मी में कार्यरत थीं। हालाँकि, प्रशासन ने निर्देश दिए हैं कि केंद्रों के बंद रहने की अवधि में पोषण ट्रैकिंग, मातृ एवं शिशु देखभाल जैसी आवश्यक सेवाएं यथासंभव घर-घर जाकर जारी रखी जाएं ताकि लाभार्थियों को आवश्यक सेवाएं मिलती रहें।
21 जून को स्थिति की होगी समीक्षा
प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि 20 जून के बाद मौसम की स्थिति की पुनः समीक्षा की जाएगी। यदि तापमान में गिरावट नहीं आती है और गर्मी का प्रकोप जारी रहता है, तो बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए अवकाश की अवधि को आगे बढ़ाने पर विचार किया जाएगा। इस निर्णय में स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट, स्थानीय मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्वानुमान और चिकित्सा विशेषज्ञों की राय को प्रमुख रूप से शामिल किया जाएगा।
प्रशासन का कहना है कि बच्चों की उम्र को देखते हुए उनके स्वास्थ्य पर गर्मी का सीधा असर पड़ता है। विशेषकर तीन से छह वर्ष की आयु के बच्चे अत्यधिक गर्मी सहन नहीं कर पाते और उनके शरीर में डिहाइड्रेशन, थकावट, और हीट स्ट्रोक जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। ऐसे में बिना ठोस इंतज़ामों के केंद्रों को खोलना जोखिम भरा हो सकता है।
इसके अतिरिक्त, यदि तापमान में वृद्धि का सिलसिला यूं ही जारी रहा, तो प्रशासन जिला शिक्षा विभाग और महिला सशक्तिकरण विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर एक समन्वित रणनीति तैयार करेगा, जिसमें यह तय किया जाएगा कि कब और कैसे आंगनबाड़ी केंद्रों को दोबारा खोला जाए। साथ ही यह भी निर्देश दिए जा सकते हैं कि पुनः संचालन की स्थिति में केंद्रों में वेंटीलेशन, पेयजल और ठंडक के आवश्यक प्रबंध सुनिश्चित हों।
डीएम कार्यालय से यह भी संकेत मिले हैं कि प्रशासन एक निगरानी समिति गठित कर सकता है, जो तापमान, बच्चों की उपस्थिति और स्वास्थ्य से जुड़े पहलुओं पर नजर रखेगी। समिति की सिफारिशों के आधार पर ही केंद्रों के संचालन या अवकाश बढ़ाने जैसे फैसले लिए जाएंगे।
इस पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता और संवेदनशीलता बनाए रखने का भरोसा दिलाया गया है, ताकि बच्चों के हितों के साथ कोई समझौता न हो।
भीषण गर्मी में नौनिहालों को आंगनबाड़ी केंद्रों से अवकाश मिलना एक सराहनीय और समयबद्ध कदम है। इससे न केवल बच्चों की सेहत की रक्षा होगी, बल्कि परिजनों की चिंताएं भी कम होंगी। प्रशासन का यह निर्णय बाल संरक्षण और जन कल्याण की दिशा में एक सकारात्मक पहल है।