हरिद्वार में ड्रोन से होगी कांवड़ यात्रा की निगरानी, कांवड़ियों को ‘सचेत’ एप देगा हर जरूरी जानकारी
हरिद्वार, उत्तराखंड — आगामी श्रावण मास के दौरान शुरू होने वाली कांवड़ यात्रा को लेकर उत्तराखंड प्रशासन ने व्यापक तैयारियां शुरू कर दी हैं। इस वर्ष यात्रा को सुरक्षित, सुव्यवस्थित और तकनीकी रूप से सशक्त बनाने के उद्देश्य से कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। इन्हीं तैयारियों के तहत कांवड़ यात्रा के दौरान हरिद्वार में ड्रोन कैमरों की मदद से निगरानी की जाएगी, जिससे भीड़ नियंत्रण, यातायात व्यवस्था और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
ड्रोन से होगी निगरानी
उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (यूएसडीएमए) के निर्देश पर कांवड़ यात्रा के दौरान हरिद्वार में विशेष रूप से ड्रोन तैनात किए जाएंगे। ये ड्रोन हरिद्वार शहर के प्रमुख घाटों, पुलों, प्रमुख सड़कों और भीड़भाड़ वाले स्थलों की निगरानी करेंगे। ड्रोन से प्राप्त विजुअल्स को रियल टाइम में राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (SEOC) और जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र (DEOC) से मॉनिटर किया जाएगा। इससे किसी भी आपातकालीन स्थिति में तत्काल प्रतिक्रिया देने में मदद मिलेगी।
‘सचेत’ एप से मिलेगी हर जानकारी
कांवड़ यात्रा में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं को ‘सचेत’ नामक एक मोबाइल एप डाउनलोड कराया जाएगा। यह एप कांवड़ियों को मौसम की जानकारी, रूट प्लान, आपातकालीन संपर्क, पुलिस सहायता, चिकित्सा सुविधाएं, और गंगा स्नान के लिए सुरक्षित घाटों की जानकारी देगा। एप के माध्यम से श्रद्धालु प्रशासन से सीधे जुड़ सकेंगे और आपात स्थिति में मदद मांग सकेंगे।
सिंगल प्वाइंट ऑफ कांटेक्ट की व्यवस्था
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी (प्रशासन) आनंद स्वरूप ने निर्देश दिए कि सभी विभागों में सिंगल प्वाइंट ऑफ कांटेक्ट (SPOC) अधिकारी नामित किए जाएं, जिनकी सूची राज्य और जिला स्तर के आपातकालीन संचालन केंद्रों के साथ साझा की जाए। यह व्यवस्था सुनिश्चित करेगी कि किसी भी विभागीय समन्वय में देरी न हो और सभी सूचनाएं व निर्णय तेजी से साझा किए जा सकें।
मॉक ड्रिल से परखी जाएगी तैयारियां
30 जून को यूएसडीएमए द्वारा हरिद्वार में विशेष मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी। यह मॉक ड्रिल बाढ़ जैसी आपात स्थितियों से निपटने के लिए होगी, जिसमें कांवड़ यात्रा के दौरान गंगा घाटों की सुरक्षा, भीड़ प्रबंधन, आपदा प्रतिक्रिया आदि तैयारियों को परखा जाएगा। इस मॉक ड्रिल में एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, जल पुलिस तथा 60 प्रशिक्षित ‘आपदा मित्रों’ की तैनाती की जाएगी।
अधिकारियों की मौजूदगी और निगरानी
इस समीक्षा बैठक में यूएसडीएमए स्थित कंट्रोल रूम में कई वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी रही, जिनमें अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी (क्रियान्वयन) डीआईजी राजकुमार नेगी सहित आपदा प्रबंधन, पुलिस, स्वास्थ्य, नगर निगम, परिवहन और अन्य विभागों के प्रतिनिधि शामिल हुए। सभी अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि यात्रा के दौरान आपसी समन्वय, आपदा प्रतिक्रिया और आमजन की सुविधा सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।
हरिद्वार में इस बार की कांवड़ यात्रा पहले से कहीं अधिक व्यवस्थित, सुरक्षित और तकनीकी रूप से सशक्त होने जा रही है। ड्रोन की निगरानी, सचेत एप जैसी डिजिटल पहल और मॉक ड्रिल के माध्यम से प्रशासन यात्रा को एक नए स्तर पर ले जाने की तैयारी में जुटा है। इन प्रयासों से न केवल श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित होगी, बल्कि उत्तराखंड प्रशासन की आपदा प्रबंधन क्षमता का भी परीक्षण होगा।
श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि वे प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराए गए मोबाइल एप का उपयोग करें, दिशा-निर्देशों का पालन करें और किसी भी आपात स्थिति में घबराएं नहीं, बल्कि तुरंत सहायता नंबर पर संपर्क करें।