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Monday, May 19, 2025
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मैरिज रजिस्ट्रेशन आसान, अब ये डॉक्युमेंट अपलोड नहीं करने होंगे

अब मैरिज रजिस्ट्रेशन करने के लिए कुछ दस्तावेज़ अपलोड करने की ज़रूरत नहीं होगी

प्रदेश में समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code UCC) के तहत मैरिज रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को और अधिक सरल तथा सुगम बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। अब आवेदकों को विवाह पंजीकरण के समय अपनी फोटो को पोर्टल पर अपलोड करने की आवश्यकता नहीं होगी। इसके स्थान पर, उनकी फोटो स्वतः ही आधार कार्ड से प्राप्त कर ली जाएगी, जिससे आवेदन की प्रक्रिया में एक अतिरिक्त कदम समाप्त हो गया है और यह पहले की तुलना में अधिक सहज हो गई है।

इसके अतिरिक्त, पूर्व में मैरिज रजिस्ट्रेशन की स्वीकृति के लिए अनिवार्य किए गए गवाहों के वीडियो केवाईसी (Video KYC) की शर्त को भी समाप्त कर दिया गया है। यह निर्णय आवेदकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। साथ ही, समान नागरिक संहिता के अंतर्गत जो पंजीकरण प्रमाण पत्र जारी किए जा रहे हैं, उन्हें डिजी लॉकर (Digi Locker) प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराने की प्रक्रिया भी प्रगति पर है, जिससे प्रमाण पत्रों की डिजिटल उपलब्धता सुनिश्चित हो सके।

गौरतलब है कि प्रदेश में अभी तक लिव-इन में रहने के लिए कुल 46 आवेदन प्राप्त हो चुके हैं। लिव-इन रिलेशनशिप को कानूनी मान्यता देने और पारदर्शी व्यवस्था बनाए रखने के उद्देश्य से इन आवेदनों की गोपनीयता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।

गृह सचिव श्री शैलेश बगौली की अध्यक्षता में समान नागरिक संहिता से संबंधित विभिन्न सेवाओं के पंजीकरण की समीक्षा हेतु एक बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में विस्तार से बताया गया कि यूसीसी पोर्टल के माध्यम से अब तक कुल लगभग 94,000 आवेदन प्राप्त हुए हैं। इन आवेदनों में से सबसे अधिक 73,093 आवेदन विवाह पंजीकरण से संबंधित हैं, जबकि 19,956 आवेदन पूर्व में पंजीकृत विवाह की स्वीकृति हेतु, 430 आवेदन वसीयतनामा एवं उत्तराधिकार से जुड़े हुए, 136 आवेदन तलाक की शून्यता से संबंधित तथा चार आवेदन बिना वसीयत उत्तराधिकार के संबंध में प्राप्त हुए हैं।

इनमें से 89 प्रतिशत आवेदनों को स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है, जबकि लगभग पांच प्रतिशत आवेदन निरस्त कर दिए गए हैं। शेष आवेदनों पर प्रक्रिया वर्तमान में जारी है। समीक्षा में यह भी बताया गया कि औसतन प्रत्येक जिले को समान नागरिक संहिता से संबंधित विभिन्न सेवाओं के लिए प्रतिदिन लगभग 174 आवेदन प्राप्त हो रहे हैं।

बैठक के दौरान गृह सचिव ने सभी जिलाधिकारियों को यह निर्देश भी दिए कि वे अपने-अपने जिलों में समान नागरिक संहिता से संबंधित सेवाओं के पंजीकरण के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए जनजागरूकता शिविर आयोजित करें। उन्होंने यह भी कहा कि सभी कार्मिकों का शत-प्रतिशत पंजीकरण सुनिश्चित किया जाना चाहिए ताकि प्रशासनिक प्रक्रिया में पारदर्शिता और प्रभावशीलता बनी रहे।

साथ ही, उन जिलों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता बताई गई जहां अधिक संख्या में आवेदन निरस्त किए जा रहे हैं। गृह सचिव ने निर्देश दिए कि ऐसे जिलों में आवेदन निरस्तीकरण के कारणों की समीक्षा की जाए और यदि संभव हो तो समाधान खोजकर आवेदकों की सुविधा को प्राथमिकता दी जाए।

एक और महत्वपूर्ण बिंदु पर ध्यान आकर्षित करते हुए गृह सचिव ने कहा कि प्रदेश में अब केवल 382 ग्राम पंचायतें ऐसी बची हैं जहां से किसी भी प्रकार का आवेदन प्राप्त नहीं हुआ है। इन ग्राम पंचायतों में भी पंजीकरण प्रक्रिया को लेकर जागरूकता बढ़ाई जानी चाहिए ताकि कोई भी नागरिक इस व्यवस्था से वंचित न रह जाए।

लिव-इन रिलेशनशिप पंजीकरण के संदर्भ में गृह सचिव ने विशेष रूप से गोपनीयता बनाए रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यह देखा जा रहा है कि कई स्थानों पर लिव-इन के आवेदन और पंजीकरण की सूचना सार्वजनिक रूप से दी जा रही है, जिससे आवेदकों की निजता भंग होने की आशंका बनी रहती है। ऐसी स्थिति में अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि लिवइन पंजीकरण से संबंधित सभी प्रक्रियाएं पूरी गोपनीयता के साथ संपन्न हों।

इस महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक में गृह विभाग की अपर सचिव श्रीमती निवेदिता कुकरेती, आइटीडीए की निदेशक श्रीमती नितिका खंडेलवाल, सभी जिलाधिकारी एवं अन्य संबंधित अधिकारी ऑनलाइन माध्यम से उपस्थित रहे। बैठक में समान नागरिक संहिता के प्रभावी कार्यान्वयन और नागरिकों को इसकी अधिकतम सुविधा कैसे दी जा सकती है, इस पर गंभीरता से चर्चा की गई।

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