भारी बारिश के अलर्ट पर MDDA उपाध्यक्ष का ऐक्शन मोड, नदी किनारे बने भवनों की जांच के आदेश
देहरादून। प्रदेश में मौसम विभाग द्वारा आगामी दिनों में भारी बारिश की चेतावनी के मद्देनज़र मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (MDDA) सतर्क हो गया है। प्राधिकरण के उपाध्यक्ष ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि प्राधिकरण क्षेत्रान्तर्गत सभी नदी किनारे स्थित भवनों की गहन जांच की जाए, ताकि किसी भी आपदा की स्थिति में जनहानि को रोका जा सके।
इस संबंध में प्राधिकरण सचिव मोहन सिंह बर्निया ने स्वयं अलग-अलग इलाकों का दौरा किया और निरीक्षण किया। उन्होंने नदी के समीप बसे लोगों से मुलाकात कर उन्हें सतर्क रहने की सलाह दी। सचिव ने कहा कि लगातार बारिश की वजह से नदी-नालों में जलस्तर बढ़ सकता है, जिससे तटीय इलाकों में खतरा उत्पन्न हो सकता है। ऐसे में लोग अनावश्यक रूप से नदी किनारे ना जाएं और किसी भी आपात स्थिति में प्रशासन को तत्काल सूचना दें।
MDDA उपाध्यक्ष ने सभी ज़ोनल अधिकारियों को यह भी आदेश दिए हैं कि संवेदनशील क्षेत्रों की नियमित मॉनिटरिंग की जाए और यदि कोई भवन असुरक्षित स्थिति में पाया जाए तो उसके संबंध में तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। इसके अलावा संभावित राहत एवं बचाव कार्यों के लिए भी अधिकारियों को तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं।
लोगों को सचेत रहने की अपील
प्राधिकरण की टीमों ने कई इलाकों में जाकर नदी किनारे बसे निवासियों को सचेत किया है। टीमों ने बताया कि यदि पानी का बहाव तेज़ हो या जलस्तर बढ़ता दिखे, तो लोग तुरंत सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं। इसके अलावा, MDDA ने आमजन से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और केवल अधिकृत सूचनाओं पर ही भरोसा करें।
सचिव मोहन सिंह बर्निया ने कहा, “हमारी प्राथमिकता लोगों की सुरक्षा है। निरीक्षण के दौरान हमने देखा कि कई जगह पुराने या कमजोर भवन नदी के काफी निकट बने हुए हैं। ऐसे भवनों के बारे में रिपोर्ट तैयार कराई जा रही है, ताकि समय रहते उचित कदम उठाए जा सकें।”
रिपोर्टिंग सिस्टम भी होगा मजबूत
MDDA ने इस दौरान एक कंट्रोल रूम सक्रिय रखने की भी व्यवस्था की है, जहां लोग किसी भी आपदा संबंधी सूचना तत्काल साझा कर सकते हैं। इसके लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए जाएंगे। अधिकारियों का कहना है कि बारिश के मौसम में किसी भी अनहोनी से निपटने के लिए रेस्क्यू टीमें अलर्ट पर रहेंगी।
प्राधिकरण ने यह भी संकेत दिया है कि यदि ज़रूरत पड़ी, तो नदी किनारे बसे कुछ परिवारों को अस्थायी रूप से अन्य सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जा सकता है। फिलहाल लगातार निरीक्षण और सर्वेक्षण का कार्य जारी है।