प्रदेश में लगेगा 55 और एएनपीआर कैमरे, ग्रीन सेस वसूली और चालान प्रक्रिया होगी और सशक्त
प्रदेश में परिवहन व्यवस्था को और अधिक आधुनिक और प्रभावी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए परिवहन विभाग ने निर्णय लिया है कि राज्य में 55 नए एएनपीआर (ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन) कैमरे लगाए जाएंगे। इसके साथ ही, ग्रीन सेस की स्वचालित वसूली और यातायात नियमों के उल्लंघन पर त्वरित कार्रवाई के लिए नेशनल पेमेंट कारपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के साथ इस पूरे सिस्टम को इंटीग्रेट करने की प्रक्रिया भी तेज़ी से चल रही है। यह पूरा कार्य आगामी कुछ महीनों में पूर्ण किए जाने का लक्ष्य रखा गया है।
अब तक लगे थे 50 कैमरे, अब बढ़कर होंगे 105
परिवहन विभाग के अनुसार, अब तक प्रदेश के 17 अलग-अलग स्थानों पर कुल 50 एएनपीआर कैमरे लगाए जा चुके हैं, जो वाहनों की नंबर प्लेट को स्कैन कर नियम उल्लंघन की स्थिति में सूचना रिकॉर्ड करते हैं। पिछले कुछ समय से इनकी संख्या बढ़ाने को लेकर विभागीय स्तर पर लगातार योजना बनाई जा रही थी, लेकिन तकनीकी दिक्कतों के कारण प्रक्रिया रुकी हुई थी। अब इन अड़चनों को दूर करते हुए विभाग ने राज्य के 20 नए स्थानों पर 55 और एएनपीआर कैमरे लगाने का निर्णय लिया है। संयुक्त परिवहन आयुक्त श्री सनत कुमार सिंह ने जानकारी दी कि इन नए कैमरों को एक महीने के भीतर स्थापित कर दिया जाएगा। इससे पूरे प्रदेश में एएनपीआर कैमरों की कुल संख्या 105 हो जाएगी।
फास्ट टैग से होगी ग्रीन सेस की स्वत: वसूली
संयुक्त परिवहन आयुक्त ने बताया कि इन कैमरों को नेशनल पेमेंट कारपोरेशन ऑफ इंडिया से जोड़ने का कार्य प्रगति पर है। जैसे ही यह प्रक्रिया पूरी होती है, वैसे ही प्रदेश में प्रवेश करने वाले वाहनों से ग्रीन सेस की राशि स्वतः ही वसूल ली जाएगी। यह वसूली उस वाहन के फास्ट टैग वॉलेट से की जाएगी, जिससे वाहन चालक को अलग से कोई भुगतान नहीं करना पड़ेगा और पूरी प्रक्रिया डिजिटल रूप से पारदर्शी तरीके से संचालित होगी। यह कदम राज्य में प्रदूषण नियंत्रण और राजस्व संग्रह की दिशा में एक बड़ा परिवर्तन लाएगा।
बाहरी राज्यों के निजी और व्यावसायिक वाहन होंगे लक्षित
उप परिवहन आयुक्त श्री राजीव मेहरा ने विस्तार से बताया कि ग्रीन सेस विशेष रूप से बाहरी राज्यों से आने वाले निजी और व्यावसायिक दोनों प्रकार के वाहनों पर लागू किया जाएगा। इसके लिए एक सुस्पष्ट व्यवस्था तैयार की गई है, जिसके अंतर्गत यह सुनिश्चित किया गया है कि किसी भी वाहन से यह सेस एक ही बार वसूला जाए, भले ही वह 24 घंटे में कितनी भी बार राज्य की सीमा में प्रवेश करे। यानी, एक दिन में एक बार से अधिक सेस नहीं कटेगा। यह तकनीकी सेटअप राज्य भर में लगे एएनपीआर कैमरों के माध्यम से मॉनिटर किया जाएगा।
फिटनेस और टैक्स उल्लंघन पर मिलेगा चालान
विभाग की योजना है कि एएनपीआर कैमरों को ‘वाहन फोर’ पोर्टल से भी जोड़ा जाए। इससे यह संभव होगा कि किसी वाहन की फिटनेस, टैक्स भुगतान की स्थिति और अन्य वैधानिक जानकारियों को कैमरा प्रणाली के माध्यम से स्वतः जांचा जा सके। यदि कोई वाहन निर्धारित मानकों का पालन नहीं कर रहा है, तो उस पर स्वचालित रूप से चालान जनरेट हो जाएगा और संबंधित वाहन स्वामी को इसकी सूचना भेज दी जाएगी। इससे न केवल नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित होगा, बल्कि भ्रष्टाचार की संभावनाएं भी कम होंगी क्योंकि पूरा तंत्र ऑटोमेटिक और पारदर्शी होगा।
परिवहन विभाग की यह पहल तकनीकी उन्नयन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे न केवल राज्य को पर्यावरणीय लाभ मिलेगा, बल्कि यातायात व्यवस्था भी और अधिक अनुशासित एवं कुशल बनेगी। ग्रीन सेस की डिजिटल वसूली और चालान प्रणाली के डिजिटलीकरण से जनता को सुविधा, शासन को पारदर्शिता और प्रदेश को राजस्व में वृद्धि तीनों स्तर पर सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलेगा।