चारधाम यात्रा के लिए सख्त नियम: बिना पंजीकरण नहीं मिलेगी एंट्री, चार स्थानों पर होगी कड़ी चेकिंग
सोनप्रयाग, पांडुकेश्वर, हिना और बड़कोट में पंजीकरण जांच अनिवार्य; 624 सीसीटीवी कैमरों से यात्रा मार्ग की निगरानी
सरकार ने बढ़ाई निगरानी, 624 सीसीटीवी कैमरों से कंट्रोल रूम से होगी सीधी नजर
चारधाम यात्रा 2025 को लेकर उत्तराखंड सरकार ने इस बार सुरक्षा और व्यवस्थाओं को और अधिक सख्त बना दिया है। तीर्थयात्रियों की सुरक्षा, भीड़ नियंत्रण और यात्रा प्रबंधन को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने पंजीकरण को अनिवार्य कर दिया है। अब बिना पंजीकरण के किसी भी तीर्थयात्री को चारधाम यात्रा की अनुमति नहीं दी जाएगी। प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि यह नियम केवल चारधाम यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए लागू होगा, अन्य पर्यटन स्थलों की यात्रा करने वालों के लिए पंजीकरण जरूरी नहीं है।
यात्रा मार्ग पर पंजीकरण की जांच चार प्रमुख स्थानों—सोनप्रयाग, पांडुकेश्वर, हिना और बड़कोट—पर की जाएगी। इन स्थानों पर प्रशासनिक टीमें तैनात रहेंगी जो यह सुनिश्चित करेंगी कि हर तीर्थयात्री के पास वैध पंजीकरण प्रमाणपत्र हो। यदि किसी के पास यह दस्तावेज नहीं पाया गया, तो उसे आगे यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे पंजीकरण की प्रक्रिया यात्रा से पहले ही पूरी कर लें ताकि किसी प्रकार की असुविधा न हो।
पंजीकरण की सुविधा ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से उपलब्ध कराई गई है। ऑनलाइन पंजीकरण के लिए उत्तराखंड सरकार ने विशेष पोर्टल और मोबाइल एप तैयार किए हैं, जबकि ऑफलाइन पंजीकरण की व्यवस्था राज्य के कुछ अधिकृत केंद्रों पर की गई है। पंजीकरण के दौरान यात्रियों को अपना नाम, पहचान पत्र, यात्रा की तिथि और संपर्क विवरण देना अनिवार्य होगा।
इस बार यात्रा मार्ग की सुरक्षा और निगरानी के लिए तकनीक का भी व्यापक उपयोग किया गया है। चारधाम मार्गों और धामों में कुल 624 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जिनमें सबसे अधिक 120 कैमरे रुद्रप्रयाग जिले में लगाए गए हैं। इन कैमरों के माध्यम से पूरे यात्रा मार्ग की निगरानी सीधे कंट्रोल रूम से की जा रही है। इससे किसी भी आपात स्थिति या अव्यवस्था की तुरंत जानकारी प्राप्त की जा सकेगी और त्वरित कार्रवाई संभव हो पाएगी।
मुख्यमंत्री सचिव और गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडेय ने स्पष्ट किया है कि यह पंजीकरण व्यवस्था तीर्थयात्रियों की सुरक्षा और यात्रा प्रबंधन को प्रभावी बनाने के उद्देश्य से लागू की गई है। इसके जरिए न सिर्फ यात्रियों की संख्या पर नियंत्रण रखा जा सकेगा, बल्कि आपदा प्रबंधन की दृष्टि से भी समय पर सहायता उपलब्ध कराना संभव होगा।
सरकार की यह पहल यात्रा को सुरक्षित, व्यवस्थित और पर्यावरणीय दृष्टिकोण से संतुलित बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। तीर्थयात्रियों से अपील की गई है कि वे यात्रा पर निकलने से पहले पंजीकरण अवश्य कराएं और यात्रा के दौरान प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें, ताकि चारधाम यात्रा का अनुभव सुखद और सुरक्षित बना रहे।