केदारनाथ धाम में दर्शन के लिए अब लंबी कतारें नहीं, प्रशासन ने नई व्यवस्था की शुरुआत, जानें नए नियम
2025 के केदारनाथ यात्रा में श्रद्धालुओं को अब मंदिर में दर्शन करने के लिए लंबी कतारों में खड़ा नहीं होना पड़ेगा। प्रशासन ने एक नई व्यवस्था लागू की है, जिसके तहत श्रद्धालु अब जल्द ही दर्शन कर सकेंगे। इस वर्ष यात्रा के दौरान दर्शन के लिए टोकन व्यवस्था शुरू की गई है, जो इस यात्रा को पहले से कहीं अधिक सुलभ और सुविधाजनक बनाएगी। पहले जहाँ श्रद्धालुओं को घंटों लंबी कतारों में खड़ा रहना पड़ता था, अब उन्हें केवल एक घंटे के भीतर दर्शन हो सकेंगे।
इसके अलावा, केदारनाथ धाम के पैदल मार्ग की सफाई और सुरक्षा व्यवस्था को भी और अधिक प्रभावी बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। प्रत्येक 50 मीटर की दूरी पर पर्यावरण मित्रों को तैनात किया जाएगा, जो न केवल मार्ग की स्वच्छता बनाए रखेंगे, बल्कि यात्रियों की सहायता भी करेंगे। यह व्यवस्था सुनिश्चित करेगी कि श्रद्धालु बिना किसी परेशानी के अपने गंतव्य तक पहुंच सकें।
रुद्रप्रयाग में यात्रा की तैयारियों को लेकर जिलाधिकारी सौरभ गहरवार ने यह घोषणा की और कहा कि इस वर्ष के यात्रा पैकेज के तहत सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। विशेष रूप से चारधाम पैकेज के यात्रियों को इन नई सुविधाओं का पूरा लाभ मिलेगा।
टोकन व्यवस्था और दर्शन में सहजता
इस वर्ष केदारनाथ यात्रा में दर्शन के लिए टोकन व्यवस्था को लागू किया गया है, जो कि श्रद्धालुओं के लिए एक बड़े सुधार के रूप में सामने आया है। पहले जहां तीर्थयात्रियों को तीन से चार घंटे तक कतारों में खड़ा रहना पड़ता था, वहीं अब इस व्यवस्था के तहत एक घंटे में दर्शन सुनिश्चित किए जाएंगे। संगम ब्रिज के पास टोकन काउंटर लगाए जा रहे हैं, जहाँ से श्रद्धालु टोकन लेकर निर्धारित समय पर दर्शन के लिए मंदिर में प्रवेश कर सकेंगे।
स्वच्छता और सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया जाएगा
किसी भी तीर्थ यात्रा में सबसे अहम चीज़ों में से एक स्वच्छता और सुरक्षा होती है, और प्रशासन ने इस बार इन दोनों क्षेत्रों में विशेष ध्यान देने की योजना बनाई है। जिलाधिकारी ने कहा कि यात्रा मार्ग पर रात के समय पर्याप्त रोशनी, अलाव और गर्म पानी की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। इसके अलावा, सभी पड़ावों पर सफाई व्यवस्था को और सशक्त बनाने के लिए विशेष उपाय किए गए हैं।
यात्रा मार्ग पर ‘पर्यटन मित्रों’ की तैनाती की जाएगी, जो न केवल श्रद्धालुओं की मदद करेंगे, बल्कि स्वच्छता व्यवस्था में भी सहयोग करेंगे। इन पर्यावरण मित्रों की जिम्मेदारी होगी कि वे यात्रा मार्ग को साफ और सुव्यवस्थित बनाए रखें, ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न हो। इसके अलावा, प्रत्येक घोड़े और खच्चर के साथ हाकर्स की तैनाती की जाएगी, ताकि पशुओं की सुरक्षा और स्वास्थ्य पर निगरानी रखी जा सके।
यात्रा मार्ग पर बेहतर यातायात प्रबंधन
एसपी अक्षय प्रह्लाद कोंडे ने बताया कि यात्रा के दौरान भीड़ नियंत्रण के लिए एक डाइवर्जन प्लान तैयार किया गया है। इस योजना के तहत, विभिन्न मार्गों को नियंत्रित किया जाएगा ताकि अधिकतम श्रद्धालु सुगमता से दर्शन कर सकें और किसी प्रकार की भीड़-भाड़ न हो। इसके अलावा, स्वच्छता व्यवस्था को और सशक्त बनाने के लिए रिसाइकल संस्था के सहयोग से कूड़े के निस्तारण की एक प्रभावी योजना बनाई गई है। इस योजना के तहत, मंदिर परिसर और यात्रा मार्ग पर कचरा निस्तारण के लिए विशेष वाहन लगाए जाएंगे, ताकि सफाई सुनिश्चित की जा सके।
इस वर्ष, केदारनाथ धाम में 50 नए शौचालयों का निर्माण किया गया है, जो लगभग पूरी तरह से तैयार हो चुके हैं। इन शौचालयों की तैनाती यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए की गई है, ताकि उन्हें स्वच्छ और सुरक्षित शौचालय सुविधाएं मिल सकें। साथ ही, सुलभ इंटरनेशनल के सहयोग से मंदिर परिसर और पैदल मार्ग पर कुल 550 पर्यावरण मित्रों की तैनाती की जाएगी, जो यात्रा मार्ग पर स्वच्छता बनाए रखने में मदद करेंगे।
यात्रा के लिए स्वास्थ्य और सुरक्षा के इंतजाम
प्रशासन का कहना है कि इस बार यात्रा संचालन को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा, स्वास्थ्य और सुविधा को ध्यान में रखते हुए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। जिलाधिकारी सौरभ गहरवार ने कहा कि सभी विभागों को निर्देशित किया गया है कि वे यात्रा के मार्ग पर किसी भी प्रकार की परेशानी न आने दें और यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को सबसे अधिक सुविधा और सुरक्षा मिले।
इस पूरी व्यवस्था में कई और विभागों के अधिकारी भी शामिल हैं, जो यात्रा के दौरान प्रशासनिक स्तर पर इन सभी सुविधाओं को सुनिश्चित करेंगे। इन कदमों से केदारनाथ यात्रा को और भी सुगम, सुरक्षित और सुखद बनाने की योजना बनाई गई है, ताकि श्रद्धालु बिना किसी परेशानी के अपनी यात्रा पूरी कर सकें।