20.6 C
New York
Tuesday, May 20, 2025
spot_img

उत्तराखंड में अब आउटसोर्स व संविदा पर नहीं होंगी भर्तियां, देखें आदेश

 

नया आदेश अब स्वीकृत विभागीय पदों पर नियमित नियुक्ति होंगी
देखें, विस्तृत आदेश- कानूनी दांवपेंच व अन्य दिक्कतों का दिया हवाला

 

देहरादून। प्रदेश शासन ने कई अड़चनों का हवाला देते हुए नियमित पदों के सापेक्ष किसी भी प्रकार की दैनिक वेतन/संविदा/कार्यप्रभारित / नियत वेतन/अंशकालिक / तदर्थ एवं आउटसोर्स माध्यम से नियुक्तियों पर प्रतिबन्ध लगा दिया है।

इस सम्बंध में मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन की ओर से नियमों व दिक्कतों को सामने रखते हुए आदेश जारी कर दिए गए हैं।

जारी आदेश में कहा गया है कि अब विभागीय पदीय संरचना में स्वीकृत नियमित पदों पर केवल नियमित चयन प्रक्रिया के माध्यम से ही कार्मिकों की नियुक्तियाँ की जाएं।

सम्बंधित अधिकारियों को भेजे पत्र में मुख्य सचिव ने कहा है कि चयन आयोगों के नियमित चयन परिणाम के फलस्वरूप चयनित अभ्यर्थियों को जिन पदों पर तैनात किया जाना है, उन पदों पर पूर्व से आउटसोर्स / संविदा आदि पर कार्मिक तैनात होने और इन कर्मियों के पक्ष में सक्षम न्यायालयों द्वारा स्थगन आदेश, कार्यों में हस्तक्षेप से निषेध जैसे विविध आदेश पारित किये गये हैं।

इन परिस्थितियों में जहाँ एक ओर नियमित रूप से चयनित अभ्यर्थियों की पदस्थापना की बाध्यता है, किन्तु मा० न्यायालय के आदेशों के क्रम में उन्हें कार्यभार ग्रहण कराने में कठिनाई आ रही है, वहीं दूसरी ओर मा० न्यायालयों के आदेशों का अनुपालन न होने पर अवमानना की स्थितियों उत्पन्न हो रही हैं। ऐसी विधिक अड़चनों में नियुक्ति अधिकारियों के समक्ष निरन्तर असंमजस की स्थिति बनी हुई है।

मुख्य सचिव की ओर से जारी आदेश में आउटसोर्स/ संविदा कर्मियों के नियमितीकरण की मांग को भी बड़ी दिक्कत बताया गया है।

आदेश में कहा गया है कि,बनियमित पदों के सापेक्ष कामचलाऊ व्यवस्था के तहत नियोजित आउटसोर्स कार्मिकों द्वारा इन पदों के सापेक्ष नियमितीकरण की मांग की जा रही है और न्यायालयों में इस आशय के वाद भी दायर किये गये हैं। इससे एक ओर नियमित चयन प्रक्रिया बाधित हो रही है, वहीं दूसरी ओर विभागों को विधिक प्रक्रियाओं/अड़चनों का सामना करना पड़ रहा है।

देखें आदेश

कार्मिक एवं सतर्कता अनुभाग-2

देहरादूनः

दिनांक 25 अप्रैल, 2025

विषयः विभागीय पदीय संरचना में स्वीकृत नियमित पदों पर नियमित चयन प्रक्रिया के माध्यम से ही कार्मिकों का नियोजन किये जाने के संबंध में।

महोदय,

किसी शासकीय विभाग की कार्य आवश्यकता व कार्य प्रकृति के आधार पर विभाग के सुसंचालन हेतु पदीय संरचना तैयार करते हुए भारत के संविधान के अनुच्छेद 309 के परन्तुक के प्रावधानों के अनुसार राज्य सरकार द्वारा यथा प्रक्रिया सृजित पदों की सेवा नियमावली के अनुरूप सृजित किये गये पदों पर नियमित नियुक्ति हेतु सम्बन्धित चयन आयोगों के माध्यम से चयन की कार्रवाई की जाती है।

  1. छठवें वेतन आयोग की संस्तुतियों के फलस्वरूप विभागीय पदीय संरचना में चतुर्थ श्रेणी के पदों को समाप्त कर दिये जाने के उपरान्त यथा आवश्यकता चतुर्थ श्रेणी के पदों को आउटसोर्स के आधार पर सृजित करते हुए इन पदों पर आउटसोर्स के माध्यम से कार्मिकों की अस्थायी तैनाती की जाती रही है। इसके अतिरिक्त विभागों द्वारा पदीय ढाँचे में रिक्त पदों का अधियाचन सम्बन्धित चयन संस्था को प्रेषित किये जाने के उपरान्त नियमित चयन प्रक्रिया आदि में सम्भावित विलम्ब के दृष्टिगत शासकीय कार्यहित में सीधी भर्ती के स्वीकृत पदों के सापेक्ष नियमित नियुक्ति होने तक आउटसोर्स संस्था के माध्यम से पदों को भरे जाने हेतु कार्मिक एवं सतर्कता विभाग के शासनादेश संख्या-111 दिनांक 27.04.2018 व शासनादेश संख्या-379 दिनांक 29.10.2021 द्वारा सम्बन्धित पदों पर आउटसोर्स एवं अन्य माध्यम से कार्मिकों के नियोजन किये जाने की व्यवस्था निर्धारित की गई है।
  2. यह व्यवस्था शासकीय कार्य की अपरिहार्यता, सरलीकरण और मितव्ययता के दृष्टिगत सुलभकी गई थी; किन्तु वर्तमान में इसके कई प्रतिकूल प्रभाव सामने आ रहे हैं। कतिपय विभागों में यह प्रकाश में आया है कि सम्बन्धित चयन आयोगों के नियमित चयन परिणाम के फलस्वरूप चयनित अभ्यर्थियों को जिन पदों पर तैनात किया जाना है, उन पदों पर पूर्व से आउटसोर्स / संविदा आदि पर कार्मिक तैनात होने और इन कर्मियों के पक्ष में सक्षम न्यायालयों द्वारा स्थगन आदेश, कार्यों में हस्तक्षेप से निषेध जैसे विविध आदेश पारित किये गये हैं। इन परिस्थितियों में जहाँ एक ओर नियमित रूप से चयनित अभ्यर्थियों की पदस्थापना की बाध्यता है, किन्तु मा० न्यायालय के आदेशों के क्रम में उन्हें कार्यभार ग्रहण कराने में कठिनाईयां आ रही है, वहीं दूसरी ओर मा० न्यायालयों के आदेशों का अनुपालन न होने पर अवमानना की स्थितियों उत्पन्न हो रही हैं। ऐसी विधिक अड़चनों

में नियुक्ति अधिकारियों के समक्ष निरन्तर असंमजस की स्थिति बनी हुई है।

  1. इसके अतिरिक्त नियमित पदों के सापेक्ष कामचलाऊ व्यवस्था के तहत नियोजित आउटसोर्स
    कार्मिकों द्वारा इन पदों के सापेक्ष नियमितीकरण की मांग की जा रही है और न्यायालयों में इस आशय के वाद भी दायर किये गये हैं। इससे एक ओर नियमित चयन प्रक्रिया बाधित हो रही है, वहीं दूसरी ओर विभागों को विधिक प्रक्रियाओं/अड़चनों का सामना करना पड़ रहा है।
  2. अतः इस सम्बन्ध में मुझे यह कहने का निदेश हुआ है कि स्वस्थ शासकीय कार्य प्रणाली एवं सुशासन के दृष्टिकोण से विभागीय सुसंगत सेवा नियमावली में निहित प्रावधानों के अनुसार विभागीय पदीय संरचना में स्वीकृत नियमित पदों पर केवल नियमित चयन प्रक्रिया के माध्यम से ही कार्मिकों की नियुक्तियाँ की जाएं। नियमित पदों के सापेक्ष किसी भी प्रकार की दैनिक वेतन/संविदा/कार्यप्रभारित / नियत वेतन/अंशकालिक / तदर्थ एवं आउटसोर्स माध्यम से नियुक्तियाँ पूर्णतः प्रतिबन्धित रहेंगी। उपरोक्त का अनुपालन न किये जाने की दशा में सम्बन्धित नियुक्ति प्राधिकारी / अधिकारी की व्यक्तिगत जिम्मेदारी निर्धारित करते हुए उनके विरूद्ध नियमानुसार अनुशासनिक कार्यवाही की जायेगी। इस क्रम में शासनादेश संख्या-111 दिनांक 27.04.2018 व शासनादेश संख्या-379 दिनांक 29.10.2021 इस सीमा तक संशोधित समझे जायेंगे।
  3. सभी विभागाध्यक्षों की यह जिम्मेदारी है कि वे विभागान्तर्गत नियमित पदों की सभी रिक्तियों का सम्यक आकलन करते हुए इन पदों पर नियमित भर्ती किये जाने के उद्देश्य से अधियाचन तैयार कर यथा प्रक्रिया सम्बन्धित चयन संस्थाओं को समय से प्रेषित करेंगे और नियमित चयन की प्रक्रिया पूर्ण किये जाने हेतु चयन संस्थाओं से समन्वय भी स्थापित करेंगे। इस सम्बन्ध में विभागीय स्तर पर समय-समय पर समीक्षा किया जाना भी अपेक्षित है।

कृपया शासन द्वारा लिये गये उपरोक्त निर्णय का कड़ाई से अनुपालन कराना सुनिश्चित करें।

Digitally signed by Anand Bardhan Date: 25-04-2025 (ओतरेदैः पर्धिन) मुख्य सचिव

आदेश
आदेश

 

Related Articles

Stay Connected

0FansLike
3,912FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles