देहरादून ओएनजीसी चौक हादसे में छह दोस्तों की जान चली गई। हादसे के कई कारण सामने आ रहे हैं। हादसे का शिकार हुई कार उच्च गुणवत्ता वाले सुरक्षा फीचर्स से लैस है। यह कार टॉप मॉडल थी। इसमें एडवांस ड्राइवर असिस्ट सिस्टम यानी एडास भी था। यह एडास भी लेवल टू यानी पिछले मॉडल से एडवांस है।
यह फीचर इस तरह का काम करता है कि यदि सामने कोई वाहन या व्यक्ति या अन्य कोई गतिरोध होता है तो गाड़ी खुद ब खुद ब्रेक लगा देती है। इसके अलावा भी इस कार में उन्नत किस्म के सुरक्षा फीचर हैं। इनमें एलेक्ट्रोनिक ब्रेक असिस्ट, एंटी लॉक ब्रेकिंग सिस्टम, इलेक्ट्रोनिक इस्टेबिलिटी प्रोग्राम आदि शामिल हैं।
कंटेनर की टक्कर से एक युवक और एक युवती की गर्दन तक कट गई है। ऐसे में अंदाजा यह भी लगाया जा रहा है कि ये दोनों कार की सनरूफ से बाहर निकले हों।
कंटेनर पर लगे कार के मलबे को देखकर विशेषज्ञ भी इस बात का अंदाजा लगा रहे हैं कि कार की रफ्तार 150 किलोमीटर प्रति घंटा से भी अधिक रही होगी।
इसका अंदाजा इसी बात से लग रहा है कि कंटेनर के पिछले हिस्से पर लगा मलबा कुछ इस तरह चिपका हुआ है कि मानो पिघलाकर चिपकाया हुआ हो।
ओएनजीसी चौक पर हुई वाहन दुर्घटना में दुर्घटना के कारणो के सभी सम्भाविंत पहलुओ की पुलिस द्वारा विस्तृत जांच की जा रही है, जांच के दौरान पुलिस को दुर्घटनाग्रस्त इनोवा वाहन के शहर में घुमने के दौरान की महत्वपूर्ण सीसीटीवी फुटेजें प्राप्त हुई है, जिसमें उक्त वाहन राजपुर रोड, सहारनपुर चौक, कॉवली रोड से बल्लीवाला व बल्लूपुर तक तथा उक्त मार्गो पर स्थित पुलिस प्वांइन्टस में साधारण गति से जाते हुए दिखायी दिया था।
दुर्घटना से पूर्व बल्लूपुर से ओएनजीसी चौक के मध्य वाहन काफी तेज गति से गया, जिसकी स्थिति अभी स्पष्ट नही हो पायी, दुर्घटना में गम्भीर रूप से घायल हुए युवक का वर्तमान में सिनर्जी अस्पताल में उपचार चल रहा है, जिसके होश में आने के बाद ही वाहन के बल्लूपुर से ओएनजीसी चौक के मध्य तेज गति से जाने के कारण स्पष्ट हो पायेंगे। इसके अतिरिक्त दुर्घटनाग्रस्त कन्टेनर किशननगर चौक से लगभग 06 मिनट में 1.5 किमी की दूरी तय कर ओएनजीसी चौक पहुंचा था, जिससे यह स्पष्ट है कि उक्त मार्ग पर कन्टेनर की गति सामान्य थी। आरटीओ की टेक्निकल टीम द्वारा भी घटनास्थल व दुर्घटनाग्रस्त वाहनो का निरीक्षण किया गया।