भारत ने 7 मई की मध्य रात्रि पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर सहित पाकिस्तान की सीमा में स्थित नौ आतंकी ठिकानों पर “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत सैन्य हमले किए।
यह कार्रवाई 22 अप्रैल को भारतीय कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में की गई थी, जिसमें 26 हिंदू तीर्थयात्रियों की मौत हुई थी। भारतीय रक्षा मंत्रालय ने इन हमलों को “सटीक और सीमित” बताया, जिनका उद्देश्य आतंकी ढांचे को निशाना बनाना था ।
भारत ने दावा किया कि लक्षित ठिकाने जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों से जुड़े थे। पाकिस्तान ने इन हमलों को “अकारण और स्पष्ट युद्ध का कार्य” करार दिया, जिसमें दो नागरिकों की मौत और 12 लोग घायल हुए ।
भारत सरकार ने अपने बयान में कहा है, ”इस ऑपरेशन में पाकिस्तान और पाकिस्तान के क़ब्ज़े वाले कश्मीर में आतंकी ढांचे को निशाना बनाया गया है, जहां से भारत पर आतंकी हमलों की योजना बनाई गई थी और उन्हें अंजाम दिया गया था.”

बयान में ये भी कहा गया है कि “कुल नौ ठिकानों को निशाना बनाया गया है.”
दूसरी ओर पाकिस्तान के सरकारी टीवी ने सेना के प्रवक्ता के हवाले से बताया है कि भारतीय सेना ने पाकिस्तान पर तीन जगहों पर मिसाइलों से हमला किया है.
इस घटना के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है, जिससे दोनों देशों के बीच 2021 में हुई संघर्षविराम संधि पर असर पड़ सकता है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय, जिसमें संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप शामिल हैं, ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है ।
भारत ने इस हमले के बाद पाकिस्तान के साथ जल बंटवारे की संधि को निलंबित कर दिया है और आतंकी संगठनों से जुड़े लोगों के घरों को ध्वस्त करने की कार्रवाई शुरू की है । विशेषज्ञों का मानना है कि यह स्थिति क्षेत्रीय अस्थिरता को बढ़ा सकती है, खासकर पाकिस्तान के चीन के साथ संबंधों को देखते हुए।
यह भारत की ओर से 2019 के बाद पहला बड़ा सैन्य हमला है, जो आतंकवाद के खिलाफ उसकी “जीरो टॉलरेंस” नीति को दर्शाता है। (विभिन्न्न समाचार एजेंसियों से साभार)
सीएम धामी का ट्वीट
https://x.com/pushkardhami/status/1919862812190638096?s=08
https://www.facebook.com/share/p/1BbGQJPwnA/
