पहलगाम हमले के बाद चारधाम यात्रा के लिए सुरक्षा व्यवस्था में बड़ा बदलाव, अर्द्धसैनिक बलों की होगी तैनाती
चारधाम यात्रा को 15 सुपर जोन, 41 जोन और 137 सेक्टरों में बांटकर की जा रही है सुरक्षा व्यवस्था; केंद्र से अर्द्धसैनिक बलों की 10 कंपनियों की मांगी गई है तैनाती
चारधाम यात्रा 2025 में इस साल ऐतिहासिक बदलाव के साथ आयोजित की जा रही है, जिसमें सुरक्षा व्यवस्था को एक नए स्तर तक पहुंचाने के लिए कई अहम कदम उठाए गए हैं। विशेषकर हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद, यात्रा और पर्यटन क्षेत्रों में सुरक्षा को लेकर एक सख्त रणनीति अपनाई जा रही है।
सुरक्षा बढ़ाने के लिए इस साल पहली बार पूरे चारधाम क्षेत्र को सुपर जोन, जोन और सेक्टरों में बांटकर सुरक्षा की व्यवस्था की जा रही है। इसके तहत पूरे क्षेत्र को 15 सुपर जोन, 41 जोन और 137 सेक्टरों में विभाजित किया गया है, ताकि किसी भी घटना या आपात स्थिति में त्वरित कार्रवाई की जा सके। प्रत्येक सेक्टर में पुलिसकर्मियों को 24 घंटे गश्त करने के निर्देश दिए गए हैं। इन प्रयासों के तहत, चारधाम यात्रा के दौरान छह हजार से अधिक पुलिसकर्मी, एसडीआरएफ और पीआरडी जवानों की तैनाती की गई है, जो पूरी यात्रा के दौरान सुरक्षा और व्यवस्था बनाए रखेंगे।
इस सुरक्षा कड़ी में अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती भी की जाएगी, जो पिछले कुछ दिनों में पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के मद्देनजर जरूरी मानी जा रही है। केंद्र सरकार से 10 कंपनियों के अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती की मांग की गई है, जिनमें से छह कंपनियां गढ़वाल क्षेत्र और चार कंपनियां कुमाऊं क्षेत्र के धार्मिक स्थलों और पर्यटन क्षेत्रों में तैनात की जाएंगी। सरकार की ओर से इन बलों का जल्द आवंटन किए जाने की संभावना है।
सुरक्षा को और पुख्ता करने के लिए, इस साल पहली बार देहरादून में एक केंद्रीय कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है, जहां से पूरे क्षेत्र पर नजर रखी जा रही है। इसके अलावा, नौ स्थानों पर एएसपी और डीएसपी स्तर के अधिकारी तैनात किए गए हैं, ताकि किसी भी तरह की समस्या या परेशानी का तत्काल समाधान किया जा सके। इन उपायों के तहत, खुफिया तंत्र को भी 24 घंटे सक्रिय रखने के निर्देश दिए गए हैं, जिससे किसी भी संभावित खतरे को समय रहते रोका जा सके।
डीजीपी दीपम सेठ ने इस संबंध में हाल ही में सभी जिलों के पुलिस प्रभारियों के साथ बैठक की थी, जिसमें इस बात को सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए थे कि सभी सुरक्षा उपाय सख्ती से लागू किए जाएं। इसी संदर्भ में जिलों में सत्यापन अभियान भी चलाए जा रहे हैं, ताकि किसी भी संदिग्ध गतिविधि को पहले ही पहचाना जा सके।
इस वर्ष चारधाम यात्रा और पर्यटन सीजन में अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती की यह पहली बार होगी, जो यात्रा के सुरक्षा इंतजामों को एक नई दिशा देगा और श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों की सुरक्षा को सर्वोपरि बनाए रखेगा।
डॉ. नीलेश आनंद भरणे, आईजी कानून व्यवस्था