रचनात्मक गतिविधियों में विशेष तौर पर सक्रिय रहती रहीं पत्रकार जसकिरण चोपड़ा
देहरादून। वरिष्ठ पत्रकार जसकिरण चोपड़ा के निधन पर सीएम पुष्कर सिंह धामी समेत पत्रकार संगठनों ने दुख व्यक्त किया है।
जसकिरण चोपड़ा का शुक्रवार की सांय नालापानी चौक स्थित शवदाह गृह में अंतिम संस्कार किया गया। इस मौके पर उनके भाई पूर्व राजदूत व विदेश सेवा के वरिष्ठतम अधिकारी रहे नवतेज सरना, पति आशुतोष सकलानी, पुत्र गुड्डा, परिजन, पत्रकार जयसिंह रावत, शिशिर प्रशांत,अनुपम त्रिवेदी, सुरेंद्र कुमार, सतीश शर्मा, पवन नेगी, अरोड़ा, भानु बंगवाल, विपुल धस्माना, राजेश भारती समेत कला व संस्कृति से जुड़े लोग शामिल थे।
शुक्रवार की सांय 5 बजे उनके पति ने मुखाग्नि दी। 62 वर्षीय पत्रकार जसकिरण के निधन पर सीएम धामी समेत कई पत्रकार संगठनों ने दुख जताया।
जसकिरण चोपड़ा ने देहरादून में कई वर्षों तक पत्रकारिता व साहित्यिक क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया।जसकिरण समाचार एजेंसी यूएनआई , टाइम्स ऑफ इंडिया व पायनियर से लम्बे समय तक जुड़ी रहीं।
जसकिरण ने छह पुस्तकें भी लिखी। वे देहरादून में निजी प्रयासों से समय समय पर साहित्यिक गोष्ठियों का भी आयोजन भी करती रहीं।
जसकिरन चोपड़ा देहरादून में बसे एक अकादमिक, पत्रकार और लेखक हैं। उन्होंने छह किताबें लिखी हैं, जिनमें जश्न ए तन्हाई और मेरा शहर शीर्षक से उर्दू कविता के दो संकलन, अंग्रेजी में ऑटम राग नामक उपन्यास, मेमोरीज़ ऑफ अनदर डे नामक कहानियों का संग्रह और प्रसिद्ध लेखक रस्किन बॉन्ड के जीवन और काम पर एक किताब शामिल है।
उन्होंने दून विश्वविद्यालय में अंग्रेजी साहित्य पढ़ाया। डॉ. चोपड़ा कॉन्वेंट ऑफ जीसस एंड मैरी व देहरादून , सेंट स्टीफंस कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय और भारतीय जनसंचार संस्थान, नई दिल्ली से पढ़ाई की।
उन्होंने रस्किन बॉन्ड के लेखन पर डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की है। डॉ. चोपड़ा ने यूनाइटेड न्यूज ऑफ इंडिया और टाइम्स ऑफ इंडिया के साथ काम किया है। वह पायनियर के लिए लिखती रही।
उनकी पहचान बेहद विनम्र, शालीन व संवेदनशील पत्रकार के तौर पर होती है है। देहरादून से विशेष लगाव रखने वालीं जसकिरण निष्पक्ष पत्रकारिता व निश्चल व्यवहार के लिए हमेशा से याद रखी जायेगी।
1986, 38 113 116 priligy reviews TCG CE and TCG SM exhibited a similar dose dependent inhibitory effect to raw TCG solution on proliferation of Caco 2 cells