आयोग और पुलिस का दावा—पेपर लीक नहीं, बदनाम करने की कोशिश
महिला असिस्टेंट प्रोफेसर को खालिद ने भेजे थे प्रश्नपत्र के स्क्रीनशॉट
देहरादून। उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) की ओर से रविवार को आयोजित स्नातक स्तरीय प्रतियोगी परीक्षा को लेकर पेपर लीक की अफवाहों ने प्रदेशभर में हलचल मचा दी थी। हालांकि आयोग और पुलिस ने स्पष्ट किया है कि यह पेपर लीक का मामला नहीं है, बल्कि परीक्षा को बदनाम करने की नीयत से प्रश्नपत्र बाहर लाया गया। मामले में पुलिस की विशेष जांच दल (SIT) सक्रिय है और जल्द ही गिरफ्तारियां होने की संभावना जताई जा रही है।
रविवार को आयोग अध्यक्ष गणेश मर्तोलिया और एसएसपी देहरादून अजय सिंह ने संयुक्त प्रेसवार्ता में कहा कि सोशल मीडिया पर वायरल हुए प्रश्नपत्र के कुछ स्क्रीनशॉट की जांच कराई गई है। प्रारंभिक जांच से यह साफ हुआ कि परीक्षा शुरू होने से पहले किसी भी जिले से पेपर लीक की कोई सूचना नहीं थी। जबकि परीक्षा खत्म होने के बाद दोपहर करीब 1:30 बजे जानकारी सामने आई कि सोशल मीडिया पर 11:35 बजे के आसपास प्रश्नपत्र के कुछ अंश वायरल हुए।
महिला प्रोफेसर का नाम आया सामने
पुलिस जांच में सामने आया कि प्रश्नपत्र के फोटो सबसे पहले टिहरी जिले के प्रतापनगर स्थित अमरोड़ा डिग्री कॉलेज में कार्यरत असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन के पास पहुंचे। उनसे पूछताछ में पता चला कि वर्ष 2018 में नगर निगम ऋषिकेश में टैक्स इंस्पेक्टर रहते समय उनकी जान-पहचान हरिद्वार निवासी खालिद मलिक से हुई थी, जो उस समय सीपीडब्लूडी में संविदा जेई थे।
रविवार को परीक्षा के दौरान खालिद मलिक ने अपने नंबर से सुमन को प्रश्नपत्र के फोटो भेजे और व्यस्त होने की वजह बताते हुए कहा कि उनकी बहन उनसे उत्तर जानना चाहती है। खालिद के फोन से बात करने वाली युवती ने खुद को उनकी बहन बताया और प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए मदद मांगी। इस पर महिला प्रोफेसर ने प्रश्नों के उत्तर तैयार कर फोटो के रूप में भेज दिए और स्क्रीनशॉट अपने मोबाइल में सेव कर लिए। बाद में उन्होंने पूरी जानकारी पुलिस को देने के लिए आवेदन भी लिखा।
बॉबी पंवार का रोल
महिला प्रोफेसर के मुताबिक, उन्होंने इस घटना की सूचना बॉबी पंवार को भी दी थी। लेकिन पंवार ने उनसे पेपर के स्क्रीनशॉट मांग लिए और सलाह दी कि पुलिस को इसकी जानकारी न दी जाए। इसके बाद बिना किसी अधिकारी को अवगत कराए या आधिकारिक पुष्टि किए, बॉबी पंवार ने इन स्क्रीनशॉट को सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। इससे मामला सनसनीखेज बन गया और सरकार तथा सिस्टम के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां की जाने लगीं।
पुलिस की कार्रवाई
पुलिस ने कहा कि यह घटना सुनियोजित पेपर लीक का हिस्सा नहीं है। किसी संगठित गिरोह या माफिया की संलिप्तता अब तक सामने नहीं आई है। जांच से पता चला है कि किसी एक परीक्षा केंद्र से प्रश्नपत्र के कुछ प्रश्नों के फोटो खींचकर बाहर भेजे गए थे।
थाना रायपुर में उत्तराखंड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम एवं निवारण उपाय) अध्यादेश 2023 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। एसआईटी आरोपियों और उनसे जुड़े अन्य छात्रों की पहचान कर रही है। पुलिस का कहना है कि पुख्ता सबूत जुटा लिए गए हैं और गिरफ्तारी के लिए टीमें रवाना हो चुकी हैं।
गौरतलब है कि हरिद्वार एसओजी पहले ही बॉबी पंवार से दो घंटे पूछताछ कर चुकी है। हरिद्वार के एसएसपी अजय डोभाल ने पुष्टि की कि पंवार से इस संबंध में विस्तृत पूछताछ की गई है। इस घटनाक्रम से प्रदेश की राजनीति में भी हलचल तेज हो गई है। विपक्ष ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया है और खासकर कांग्रेस ने इसे बड़ा मुद्दा बनाना शुरू कर दिया है। वहीं बॉबी पंवार की आगामी रैली पर भी सबकी निगाहें टिकी हुई हैं।