छठ पर्व पर प्रकृति और जल से जुड़ी शुद्ध आस्था झलकी
देहरादून। प्रदेशभर में लोक आस्था का पर्व छठ पूजा उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया गया। मुख्य सचिव श्री आनन्द बर्द्धन ने सपरिवार प्रेमनगर स्थित टोंस नदी के घाट पर पहले अस्ताचलगामी और फिर उदीयमान सूर्य को अर्घ्य दिया।
इस अवसर पर उन्होंने सूर्यदेव एवं छठ माता से प्रदेश की समृद्धि और खुशहाली की कामना की है।
ऋषिकेश नगर निगम के मेयर ने छठ पर्व मनाया। इस दौरान श्रद्धालुओं में भारी उत्साह देखा गया। दून समेत अन्य स्थानों में छठ पर्व पर घाटों में श्रद्धालुओं ने रीति रिवाज से पर्व से जुड़े धार्मिक कार्य सम्पन्न किये।
छठ पर्व की महत्ता
छठ पर्व सूर्य उपासना का महान पर्व है, जो मुख्यतः बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के कुछ हिस्सों में बड़े श्रद्धा-भक्ति से मनाया जाता है। यह पर्व सूर्य देव और छठी मइया को समर्पित है, जिनसे जीवन, स्वास्थ्य, समृद्धि और परिवार के कल्याण की कामना की जाती है।
छठ पर्व की विशेषता यह है कि इसमें किसी प्रकार की मूर्तिपूजा नहीं होती, बल्कि प्रकृति और जल से जुड़ी शुद्ध आस्था झलकती है। चार दिनों तक चलने वाले इस पर्व की शुरुआत नहाय-खाय से होती है, इसके बाद खरना, सांझ का अर्घ्य और प्रातः अर्घ्य के साथ इसका समापन होता है। श्रद्धालु उपवास रखते हैं, नदी या तालाब के किनारे सूर्य को अर्घ्य देते हैं और पूरी निष्ठा से विधि-विधान का पालन करते हैं।
यह पर्व न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि इसमें पर्यावरण संरक्षण, परिवारिक एकता और अनुशासन का संदेश भी निहित है। छठ पर्व भारतीय संस्कृति में शुद्धता, समर्पण और प्रकृति के प्रति कृतज्ञता का अनोखा उदाहरण प्रस्तुत करता है।



