चमोली में आफत की बारिश, नंदानगर में भूधंसाव से जनजीवन अस्त-व्यस्त
तमक पुल बहा, ज्योतिर्मठ में बिजली गुल
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चमोली। पहाड़ पर आसमान से बरस रही आफत ने एक बार फिर जनजीवन को ठप कर दिया है। मूसलाधार बारिश ने सीमांत ज्योतिर्मठ से लेकर नंदानगर तक तबाही मचाई। जहां ज्योतिर्मठ में ब्रेकडाउन से पूरा क्षेत्र अंधेरे में डूबा रहा, वहीं मलारी राष्ट्रीय राजमार्ग पर तमक नाले का पुल बहने से नीति घाटी का संपर्क देश-दुनिया से पूरी तरह कट गया है।
नंदानगर में भूधंसाव ने बैंड बाजार और आसपास के 34 परिवारों को विस्थापन के लिए मजबूर कर दिया।
- ज्योतिर्मठ में बिजली सप्लाई ठप
- तमक नाले में पुल बहा, नीति घाटी का संपर्क टूटा
- बैंड बाजार धंसाव की चपेट में, 25 दुकानें खतरे में
- 34 परिवार शिफ्ट, बारात घर बने राहत शिविर
राहत शिविरों में ठिकाना
- 7 परिवार बांजबगड़ रोड स्थित बारात घर में शिफ्ट
- 34 लोग भेंटी रोड बारात घर में बनाए शिविर में
- 14 परिवार गांव लौटे, 3 परिवारों ने किराए पर लिया ठिकाना
ज्योतिर्मठ में बिजली गुल, सड़कें बंद
लगातार बारिश से कर्णप्रयाग-चमोली मार्ग पर विद्युत लाइन टूटने से ज्योतिर्मठ की सप्लाई बाधित हो गई है। वहीं 33 केवी बिरही गंगा हाइड्रो लाइन भी ठप हो गई। इससे पूरा ब्लॉक अंधेरे में डूब गया। बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग जोशीमठ के पास भनेड़पानी और पागलनाला में बाधित है। प्रशासन ने मशीनरी लगाकर मार्ग खोलने के प्रयास शुरू कर दिए हैं।
नीति घाटी देश-दुनिया से कटी
तमक नाले में पुल बहने से नीति-मलारी घाटी और उसके दर्जनों ऋतु प्रवासी गांव पूरी तरह से अलग-थलग हो गए हैं। यहां गर्मियों में बकरी चुगान के लिए गए चरवाहों के झुंड भी अब बॉर्डर रोड तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। ग्रामीणों को रोजमर्रा की जरूरी वस्तुओं की सप्लाई तक पर संकट मंडरा रहा है।
नंदानगर में भूधंसाव, दहशत का माहौल
नंदानगर के बैंड बाजार में पलपाणी तोक से लगातार हो रहे भूधंसाव ने लोगों को दहशत में डाल दिया है। चार कमरों का एक मकान और चार गोशालाएं ध्वस्त हो गईं। 34 परिवारों को प्रशासन ने सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया है। 25 दुकानें खतरे की जद में पहुंच चुकी हैं, जिसके चलते बाजार बंद रहा। खेतों में एक फीट गहरी दरारें पड़ गई हैं और कई पेड़ धंसाव में उखड़ चुके हैं।
व्यापारियों की चिंता
नंदानगर व्यापार संघ अध्यक्ष नंदन सिंह ने कहा कि बैंड बाजार की लगभग 25 दुकानें खतरे में आ गई हैं। लोग दुकानें खोलने से डर रहे हैं। बारिश जारी रही तो बाजार का बड़ा हिस्सा मलबे में समा सकता है।