23.6 C
New York
Friday, September 26, 2025
spot_img

प्रदेश के 12 जिलों में जिला पंचायत अध्यक्ष पदों का आरक्षण तय, सीटों में बरकरार रहेगा पुराना ढांचा

12 जिलों में जिला पंचायत अध्यक्ष पदों का आरक्षण जारी, सीटों में नहीं हुआ कोई बदलाव

ओबीसी आरक्षण के लिए गठित आयोग की सिफारिशें पहली बार लागू, 42 आपत्तियों का निपटारा कर जारी की गई अंतिम अधिसूचना

उत्तराखंड पंचायती राज विभाग ने राज्य के 12 जिलों में जिला पंचायत अध्यक्ष पदों के लिए आरक्षण की अंतिम अधिसूचना बुधवार को जारी कर दी है। खास बात यह रही कि अंतिम सूची में किसी प्रकार का कोई बदलाव नहीं किया गया है, यानी कि पहले जारी अनंतिम अधिसूचना के अनुसार ही सभी पद आरक्षित रहेंगे।

यह पहला अवसर है जब प्रदेश सरकार ने पंचायतों में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए आरक्षण को लेकर गठित एकल सदस्यीय समर्पित आयोग की सिफारिशों को लागू किया है। इस आयोग द्वारा ग्राम पंचायत के प्रधान से लेकर जिला पंचायत अध्यक्ष तक सभी पदों के लिए आरक्षण तय किया गया था।

पहले मांगी गई थीं आपत्तियां

1 अगस्त को पंचायती राज विभाग के सचिव चंद्रेश कुमार द्वारा अनंतिम आरक्षण अधिसूचना जारी की गई थी, जिस पर दो से पांच अगस्त तक प्रदेशभर से आपत्तियां मांगी गई थीं
इन चार दिनों में कुल 42 आपत्तियां प्राप्त हुई थीं, जिनमें देहरादून जिले से सर्वाधिक आपत्तियां दर्ज की गईं। इन सभी आपत्तियों की जांच और निपटारा मंगलवार को संबंधित समिति द्वारा कर दिया गया।

अब इस आधार पर होंगे चुनाव

आपत्तियों के निस्तारण के बाद 7 अगस्त को पंचायती राज विभाग ने आरक्षण की अंतिम सूची जारी कर दी। अब राज्य निर्वाचन आयोग इन्हीं आरक्षित पदों के अनुसार आगामी जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव कराएगा।

जिला पंचायत अध्यक्ष पदों के लिए जारी आरक्षण सूची के अनुसार उत्तरकाशी, चमोली, नैनीताल और चंपावत जिलों की सीटें अनारक्षित रखी गई हैं। वहीं टिहरी, पौड़ी, रुद्रप्रयाग, देहरादून और अल्मोड़ा जिलों की सीटें महिला वर्ग के लिए आरक्षित की गई हैं। ऊधमसिंह नगर जिले की सीट को अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए आरक्षित किया गया है। बागेश्वर जिले की सीट अनुसूचित जाति महिला के लिए और पिथौरागढ़ जिले की सीट अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित की गई है।

इस निर्णय के साथ राज्य में पंचायती व्यवस्था में सामाजिक न्याय और आरक्षण की दिशा में एक नई पहल हुई है। ओबीसी वर्ग को आरक्षण देने के लिए गठित आयोग की सिफारिशों का लागू होना पंचायत चुनावों में प्रतिनिधित्व की दृष्टि से एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है

Related Articles

Stay Connected

0FansLike
3,912FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles