ऋषिकेश–कर्णप्रयाग रेललाइन: नीरगड्डू से शिवपुरी तक मुख्य सुरंग का सफल ब्रेकथ्रू, परियोजना को मिली नई रफ्तार
ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे परियोजना की प्रगति को लेकर एक बड़ी सफलता सामने आई है। परियोजना के पैकेज-1 के अंतर्गत ढालवाला से शिवपुरी तक बनाई जा रही मुख्य सुरंग के नीरगड्डू से शिवपुरी खंड में सफलतापूर्वक ब्रेकथ्रू हो गया है। यह सुरंग ऑस्ट्रियन टनलिंग मेथड (ATM) से बनाई जा रही है और यह पूरी परियोजना की सबसे लंबी सुरंगों में से एक है।
मई 2021 में शुरू हुआ था सुरंग निर्माण
करीब 10 किलोमीटर लंबी इस सुरंग की खोदाई मई 2021 में शुरू हुई थी। इस सुरंग को दो भागों में विभाजित किया गया है—पहला भाग ढालवाला से नीरगड्डू (5 किमी) और दूसरा भाग नीरगड्डू से शिवपुरी (5.2 किमी)। मंगलवार दोपहर बाद करीब डेढ़ बजे नीरगड्डू से शिवपुरी खंड की मुख्य सुरंग का ब्रेकथ्रू सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया।
इस सुरंग में कुल चार ब्रेकथ्रू होने हैं—दो मुख्य सुरंग में और दो निकासी सुरंग में। अब तक दो ब्रेकथ्रू सफलतापूर्वक पूरे हो चुके हैं। इस खंड में निकासी और मुख्य सुरंग दोनों आरपार हो चुकी हैं। अधिकारियों का कहना है कि सुरंग के दूसरे हिस्से में कार्य तेजी से चल रहा है और वर्ष के अंत तक इसे भी पूरा कर लिया जाएगा।
पूरी ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना में कुल 17 सुरंगों का निर्माण किया जा रहा है, जिनमें कुल 42 ब्रेकथ्रू होने हैं। अब तक 35 ब्रेकथ्रू सफलतापूर्वक पूरे किए जा चुके हैं, जो परियोजना की तेजी से हो रही प्रगति को दर्शाता है।
यह रेल परियोजना उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों को रेल मार्ग से जोड़ने के लिए एक मील का पत्थर मानी जा रही है। इसके पूरा होने के बाद ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक की दूरी न केवल कम होगी, बल्कि यात्रियों और सामान की आवाजाही में भी सुविधा और गति आएगी।
RVNL ने निभाई अहम भूमिका
रेल विकास निगम लिमिटेड (RVNL) इस परियोजना को क्रियान्वित कर रहा है। अधिकारियों के अनुसार, सुरंग निर्माण में आधुनिक तकनीक और सुरक्षा मानकों का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। ऑस्ट्रियन टनलिंग मेथड के प्रयोग से सुरंग की मजबूती और टिकाऊपन को सुनिश्चित किया जा रहा है।