रुद्रनाथ यात्रा: रोज़ाना केवल 140 श्रद्धालुओं को अनुमति, दोपहर 2 बजे तक तय किया गया प्रवेश समय
गोपेश्वर। पवित्र रुद्रनाथ धाम की यात्रा को सुरक्षित, व्यवस्थित और सुचारु रूप से संचालित करने के लिए जिला प्रशासन ने इस वर्ष कुछ विशेष दिशा-निर्देश जारी किए हैं। जिलाधिकारी संदीप तिवारी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में अधिकारियों और हकहकूकधारियों के साथ रुद्रनाथ यात्रा की व्यवस्थाओं पर विस्तार से चर्चा की गई। बैठक में निर्णय लिया गया कि प्रतिदिन अधिकतम 140 श्रद्धालुओं को ही यात्रा की अनुमति दी जाएगी और वह भी दोपहर 2 बजे तक ही रुद्रनाथ के लिए प्रवेश कर सकेंगे।
जिलाधिकारी ने बताया कि यात्रा परमिट की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से पंजीकरण की व्यवस्था की जा रही है, जिससे श्रद्धालुओं को सहूलियत हो और भीड़ नियंत्रित रहे। इसके अलावा सुरक्षा, स्वास्थ्य, और संचार व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए कई अहम फैसले भी लिए गए हैं।
सुरक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं होंगी सुदृढ़
रुद्रनाथ यात्रा मार्ग की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने यात्रा मार्ग पर सुरक्षा के व्यापक इंतज़ाम करने के निर्देश दिए हैं। मंदिर में रोटेशन के आधार पर एक पुलिस कर्मी और एक होमगार्ड की नियमित तैनाती की जाएगी। वहीं, स्वास्थ्य विभाग को भी निर्देश दिए गए हैं कि वह वॉलिंटियरों की तैनाती सुनिश्चित करें और उन्हें प्राथमिक उपचार (फर्स्ट एड) और ऑक्सीजन सिलिंडर के उपयोग का प्रशिक्षण प्रदान करें।
यह पहल ऊंचाई वाले क्षेत्रों में संभावित स्वास्थ्य जोखिमों को कम करने के उद्देश्य से की गई है, ताकि किसी भी आपात स्थिति में त्वरित सहायता उपलब्ध कराई जा सके।
यात्रा मार्ग पर होंगे संकेतक व रिफ्लेक्टर
यात्रा मार्ग को सुरक्षित और श्रद्धालुओं के लिए अधिक सुगम बनाने के लिए वन विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि पैदल मार्ग का सुधारीकरण किया जाए। साथ ही, मार्ग पर साइनबोर्ड और रिफ्लेक्टर लगाए जाएं, ताकि यात्रा के दौरान दिशा-निर्देश स्पष्ट रहें, विशेषकर खराब मौसम या कम रोशनी के दौरान।
इसके अलावा बीएसएनएल को निर्देश दिए गए हैं कि वह यात्रा मार्ग पर मोबाइल कनेक्टिविटी सुनिश्चित करें, जिससे संपर्क में आसानी हो और आपात स्थिति में मदद मिल सके।
वाहनों के संचालन और ठहरने की व्यवस्था पर भी चर्चा
यात्रा सीजन के दौरान गोपीनाथ मंदिर तक वाहनों की आवाजाही सुनिश्चित करने की मांग पर जिलाधिकारी ने उपजिलाधिकारी (एसडीएम), अधिशासी अधिकारी (ईओ) और पुलिस विभाग को आपसी समन्वय बनाकर प्रभावी व्यवस्था तैयार करने को कहा है।
ठहरने की सुविधाओं को लेकर केदारनाथ वन्यजीव प्रभाग के प्रभागीय वनाधिकारी तरुण एस. ने जानकारी दी कि क्षेत्र के पांच गांवों की ईको डेवलपमेंट कमेटी (ईडीसी) गठित की गई है। ईडीसी के माध्यम से श्रद्धालुओं को टेंट उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके साथ ही यात्रा से पूर्व मार्ग पर बायो टॉयलेट लगाने की भी व्यवस्था की जाएगी, जिससे स्वच्छता और पर्यावरण संतुलन सुनिश्चित किया जा सके।
समन्वय के साथ कार्य करने के निर्देश
जिलाधिकारी ने बैठक में स्पष्ट निर्देश दिए कि यात्रा से जुड़े सभी विभाग और समितियां आपसी समन्वय के साथ कार्य करें ताकि यात्रा को बिना किसी व्यवधान के सफलतापूर्वक संचालित किया जा सके। उनका कहना था कि रुद्रनाथ धाम की यात्रा न केवल धार्मिक महत्व की है, बल्कि यह पर्यावरणीय और पर्यटन की दृष्टि से भी अत्यंत संवेदनशील क्षेत्र है, ऐसे में हर कदम सोच-समझकर उठाना जरूरी है।
पर्यावरणीय संतुलन भी रहेगा प्राथमिकता में
प्रशासन ने यह भी सुनिश्चित किया है कि यात्रा के दौरान पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखा जाए। बायो टॉयलेट की व्यवस्था, सीमित श्रद्धालु संख्या और स्थानीय संसाधनों के माध्यम से ठहरने की व्यवस्था इन सभी प्रयासों का हिस्सा हैं।
इस बार की रुद्रनाथ यात्रा में प्रशासन ने जहां श्रद्धालुओं की सुविधा का ध्यान रखा है, वहीं सुरक्षा, स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण को भी प्राथमिकता दी गई है। सीमित संख्या में यात्रियों को अनुमति देना, स्वास्थ्य व सुरक्षा कर्मियों की तैनाती, मार्ग की मरम्मत और संचार सुविधा जैसे कदम यह सुनिश्चित करेंगे कि रुद्रनाथ यात्रा श्रद्धालुओं के लिए एक सुरक्षित, व्यवस्थित और आध्यात्मिक अनुभव साबित हो।