रुद्रपुर का दोहरा हत्याकांड: पिता-पुत्र की हत्या, अवैध कब्जे के विरोध में गोलियां चलीं
रुद्रपुर, ऊधम सिंह नगर: रविवार रात गल्ला मंडी क्षेत्र में एक दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे इलाके को हिला कर रख दिया। यहां एक पिता और उसके छोटे बेटे की गोली मारकर हत्या कर दी गई, जबकि बड़ा बेटा किसी तरह अपनी जान बचाने में सफल रहा। यह हत्याकांड अवैध कब्जे का विरोध करने के दौरान हुआ, जब आरोपी हथियारों से लैस होकर अपनी योजना को अंजाम देने पहुंचे थे। यह पूरी घटना न केवल एक हत्या की वारदात थी, बल्कि इसने समाज में अवैध कब्जों के खिलाफ चल रहे संघर्ष को भी उजागर किया।
कैसे हुई हत्या: अवैध कब्जे का विरोध करने पर गोलीकांड
घटना रविवार रात लगभग दो बजे की है, जब गुरमेज सिंह (62) और उनके छोटे बेटे मनप्रीत सिंह (28) को गल्ला मंडी में अपनी दुकान पर हो रहे अवैध कब्जे का विरोध करने की सूचना मिली। गुरमेज सिंह ने यह दुकान करीब आठ महीने पहले बैंक की नीलामी में खरीदी थी। उन्हें जब यह जानकारी मिली कि उनके द्वारा खरीदी गई दुकान पर कुछ लोग कब्जा करने की कोशिश कर रहे हैं, तो वह तत्काल अपने छोटे बेटे के साथ बाइक से दुकान की ओर रवाना हो गए। उनके बड़े बेटे सुरेंद्र सिंह उर्फ हनी ने भी उनकी मदद करने के लिए स्कूटी से उनका पीछा किया। जैसे ही वह दुकान पर पहुंचे, उन्होंने देखा कि जेसीबी मशीन से दुकान की दीवार तोड़ी जा रही थी।
गुरमेज सिंह और मनप्रीत सिंह ने जब उन लोगों को रोकने की कोशिश की, तो हमलावरों ने उन पर गोलियां चलानी शुरू कर दीं। गोली लगने से मनप्रीत सिंह गिर पड़े और उनकी हालत गंभीर हो गई। गुरमेज सिंह को भी गोली लगी, और वह बुरी तरह से तड़पने लगे। सुरेंद्र सिंह उर्फ हनी ने बताया कि उन्होंने अपने पिता को 15 मिनट तक तड़पते हुए देखा। इस बीच, हमलावरों ने सुरेंद्र पर भी गोली चलाई, लेकिन वह किसी तरह जान बचाकर भागने में सफल रहे। उन्होंने इस खौ़फनाक घटना की सूचना पुलिस को दी, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। अस्पताल पहुंचने पर दोनों को मृत घोषित कर दिया गया।
हनी का दर्द: “भाई और पिता की हत्या मेरी आँखों के सामने हुई”
सुरेंद्र सिंह उर्फ हनी ने अपनी आपबीती सुनाते हुए बताया कि वह कभी नहीं भूल पाएंगे कि उन्होंने अपने भाई मनप्रीत और पिता गुरमेज सिंह की हत्या का मंजर अपनी आँखों से देखा। उन्होंने कहा कि उनके छोटे भाई मनप्रीत की छाती में गोली लगी, और वह जमीन पर गिर पड़ा। इसके बाद, उनके पिता गुरमेज सिंह को भी गोली मारी गई और वह 15 मिनट तक तड़पते रहे। हनी ने बताया कि वह भागकर किसी तरह अपनी जान बचाने में सफल हुए, अन्यथा वह भी इस कायरतापूर्ण हत्या का शिकार हो सकते थे। उनका कहना था कि ये गोलीबारी कोई आकस्मिक घटना नहीं थी, बल्कि यह एक साजिश का हिस्सा थी।
दुकान पर कब्जा: अवैध कब्जे का विरोध ही बना मौत का कारण
गुरमेज सिंह ने अपनी दुकान को बैंक की नीलामी से खरीदी थी, और उनका इस दुकान पर वैध अधिकार था। मगर, यह नहीं पता था कि उनके खिलाफ एक सशस्त्र गिरोह सक्रिय है, जो इस दुकान पर कब्जा करने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। हनी ने बताया कि हमलावरों ने पहले ही उन्हें धमकी दी थी कि यदि वे दुकान खाली नहीं करेंगे तो गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। हालांकि, गुरमेज सिंह और उनके परिवार ने इन धमकियों को नजरअंदाज किया और कब्जे का विरोध जारी रखा।
घटना के बाद, पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए त्वरित कार्रवाई की। घटनास्थल पर पुलिस और फोरेंसिक टीमों ने साक्ष्य जुटाए, और आसपास के सीसीटीवी कैमरों की जांच शुरू की। एसएसपी मणिकांत मिश्रा के नेतृत्व में पुलिस की चार टीमें इस मामले की जांच में जुटी हैं। पुलिस ने हनी की तहरीर पर दो नामजद आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया है, जिनमें दिनेश सलूजा और अवधेश सलूजा शामिल हैं। इसके अलावा 10-15 अज्ञात लोगों को भी मामले में आरोपी बनाया गया है।
इस दोहरे हत्याकांड के मुख्य आरोपी दिनेश सलूजा के पैर में गोली लगने की खबर आई है। कुछ देर बाद, दिनेश नाटकीय तरीके से कोतवाली पुलिस स्टेशन पहुंचा, जहां उसने इलाज के लिए अस्पताल जाने की कोशिश की। पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी के लिए कार्रवाई शुरू कर दी, और अब इस गोली का मामला संदिग्ध बन गया है। कुछ लोग इसे पेशबंदी के रूप में देख रहे हैं, क्योंकि दिनेश को गोली लगने के बाद पुलिस से सामना करना पड़ा। पुलिस इस मामले की गहराई से जांच कर रही है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यह गोली कैसे लगी और क्या यह घटना का हिस्सा है या कुछ और।
यह हत्याकांड केवल एक हत्या की घटना नहीं है, बल्कि यह एक बड़ी साजिश का हिस्सा प्रतीत हो रही है। कई लोग मानते हैं कि हमलावर पूरी तैयारी के साथ आए थे और उनके पास अवैध हथियार भी थे। यह घटना एक संकेत हो सकती है कि अवैध कब्जे और संपत्ति विवादों को लेकर अब अपराधियों ने अपनी योजना को और भी संगठित और हिंसक बना दिया है।
पुलिस इस मामले में तेजी से कार्रवाई कर रही है, और जल्द ही सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा। एसएसपी मणिकांत मिश्रा ने विश्वास जताया है कि अभियुक्तों को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा, और इस हत्याकांड का पर्दाफाश किया जाएगा।