कार्तिक स्वामी मंदिर में हृदयगति रुकने से तमिलनाडु के साधु की मौत, 108 शंख पूजा में भाग लेने आए थे
पोखरी (चमोली): चारधाम यात्रा के पवित्र अवसर पर उत्तराखंड पहुंचे श्रद्धालुओं और साधु-संतों की भीड़ के बीच एक दुखद घटना सामने आई है। तमिलनाडु के कोयंबटूर जिले से चारधाम यात्रा पर आए एक साधु की कार्तिक स्वामी मंदिर परिसर में हृदयगति रुकने से मृत्यु हो गई। मृतक साधु की पहचान महात्मा षणमुगम (49 वर्ष), पुत्र बेंकटचलम, निवासी चिदंबरम कॉलोनी, कोयंबटूर, तमिलनाडु के रूप में हुई है।
महात्मा षणमुगम अपने दो अन्य साधु साथियों के साथ पैदल यात्रा करते हुए ऋषिकेश से कार्तिक स्वामी मंदिर पहुंचे थे। तीनों साधु आगामी 18 मई को आयोजित होने वाली 108 शंख पूजा में भाग लेने के लिए बीते तीन दिनों से मंदिर परिसर में ही रुके हुए थे। यह पूजा कार्तिक स्वामी मंदिर की एक विशेष धार्मिक परंपरा है, जिसमें दूर-दूर से श्रद्धालु और संत भाग लेते हैं।
अचानक बिगड़ी तबीयत, चिकित्सकों ने मृत घोषित किया
बताया गया कि बीती शाम अचानक महात्मा षणमुगम की तबीयत बिगड़ गई। उनके साथ मौजूद अन्य साधु उन्हें तत्काल 108 एंबुलेंस सेवा की मदद से नजदीकी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पोखरी लेकर पहुंचे, जहां चिकित्सकों ने जांच के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया। डॉक्टरों ने प्रथम दृष्टया मृत्यु का कारण हृदयगति रुकना बताया है, हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही इसकी पुष्टि हो सकेगी।
पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर की कार्रवाई
घटना की सूचना मिलते ही थानाध्यक्ष मनोज सिरोला पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और आवश्यक कानूनी कार्रवाई की। पुलिस ने शव का पंचनामा भरकर उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पुलिस के अनुसार, मृतक साधु के परिजनों — उनकी पत्नी व अन्य स्वजनों — से संपर्क साधा गया, लेकिन उन्होंने उत्तराखंड आकर शव लेने से इनकार कर दिया है। ऐसे में स्थानीय प्रशासन और पुलिस शव का अंतिम संस्कार करने की तैयारी कर रहे हैं, जैसा कि नियमों के अनुसार होता है।
तीर्थ यात्रा के दौरान स्वास्थ्य सतर्कता की आवश्यकता
यह घटना एक बार फिर तीर्थ यात्रा के दौरान स्वास्थ्य संबंधी सतर्कता और चिकित्सकीय व्यवस्था की आवश्यकता को रेखांकित करती है। चारधाम यात्रा में प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालु उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में पहुंचते हैं, जहां मौसम, ऊंचाई और कठिन चढ़ाई के कारण स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ सकता है। विशेष रूप से वृद्धों और हृदय या अन्य पुरानी बीमारियों से पीड़ित यात्रियों के लिए यह यात्रा चुनौतीपूर्ण हो सकती है।
कार्तिक स्वामी मंदिर में आगामी 108 शंख पूजा को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं, लेकिन साधु की असामयिक मृत्यु के कारण मंदिर परिसर में शोक का माहौल है। मंदिर समिति और स्थानीय श्रद्धालुओं ने साधु के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की है।